उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर सेआलोक बर्नवाल मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि भयंकर गर्मी से पोखरे व कुएँ सूखते जा रहे है। जिससे अब पानी के स्रोतों की कमी हो गई है। सरकार भी लगातार प्रयास कर रही है।आज भारत सहित अन्य देशों में जल संकट है, जिसका असर कृषि आदि पर पड़ा है।
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर सेआलोक बर्नवाल मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि भयंकर गर्मी से जनजीवन प्रभावित हुआ है।शाम 6 बजे तक भीषण गर्मी ने सामान्य जीवन को प्रभावित कर दिया है। इस समय गर्मी से राहत की कोई उम्मीद नहीं है, लेकिन लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए। बेहद जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें।
संतकबीरनगरः कंपोजिट विद्यालय बखिरा में सिलिंडर फट गया। इससे एसीआर भवन भरभराकर गिर गया। बताया जा रहा है कि विद्यालय में मजदूर अवैध ढंग से डेरा जमाए थे और सुबह खाना बना रहे थे। सिलिंडर में अचानक आग लगने फटा तो तेज धमाके की आवाज हुई। हालांकि इस दौरान कोई हताहत नहीं हुआ। बखिरा नगर पंचायत क्षेत्र में नाला निर्माण का कार्य चल रहा है। इस कार्य में लगे मजदूरों को विद्यालय में ही एसीआर भवन देकर अवैध तरीके से ठहराया गया था। सुबह मजदूर खाना बना रहे थे। उसी दौरान अचानक सिलिंडर में आग लग गई। यह देख मजदूर एसीआर भवन छोड़कर भाग गए। इसी दौरान सिलिंडर फट गया। तेज धमाके से आस-पास के लोग सहम गए।
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर जिला से अलोक श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है की हमें अपने मताधिकार का प्रयोग बहुत सोच-समझकर करना चाहिए। किसी प्रकार के लालच में आकर हमें वोट नहीं देना चाहिए
उत्तप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से अलोक श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि गर्मी बहुत ही अनोखे स्तर पर है। गर्मी के कारण इस समय सब्जियां खाना बहुत मुश्किल है। सभी बहुत परेशानी का सामना कर रहे है। इस गर्मी में जो बैंगन जो कोई पूछता नहीं था, वह साठ रुपये प्रति किलो बिक रहा है। परवल जो 10 रूपए किलो बिकता था वो आज 100 रूपए किलो बिक रहा है। गर्मी के कारण सब्जिया बहुत महंगी हो गई है
ध्वनि प्रदूषण बन रही समाज के लिए एक अभिशाप वस्तुओं से ध्वनि प्रदूषण बहुत फैल रहा है, जिससे समाज में हृदय रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यह देखा गया है कि आने वाले समय में हृदय रोग के रोगियों की संख्या में काफी वृद्धि होगी यदि प्रदूषण पैदा करने वाले डीजे और अन्य उपकरणों को गिराना बंद नहीं किया जाता है।
बारिश हो या न हो, अत्यधिक धूप के कारण ऐसा लगता है कि शरीर जल जाएगा, सुस्त हो जाएगा,शरीर कपड़े से ढका हुआ है इसलिए भावना थोड़ी कम होती है लेकिन कपड़ा भी ऊपर से जलता हुआ प्रतीत होता है केवल यह स्थिति जो आज भीषण गर्मी का सामना कर रही है प्रकृति के साथ खिलवाड़ करने का परिणाम यह है कि लोग बड़े जंगलों को काट रहे हैं और उनकी खेती कर रहे हैं। टू लाइन फोर लाइन सिक्स लाइन के आसपास के सभी पेड़ों को सरकार ने काट दिया था,सड़क के किनारे कहीं भी दस मिनट तक छाया में खड़े रहने के लिए पर्याप्त धूप नहीं है। सड़कों के बीच में पौधा लगाने वाली सरकार केवल फूलों की पंखुड़ियां लगा रही है, तो इसका मानसून पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। बारिश शुरू होते ही हर कोई आंवला का पेड़, पीपल का पेड़, नीम का पेड़, लेकिन निश्चित रूप से पाँच पेड़ लगाएं, पेड़ लगाएं, देश को बचाएं, जीवन बचाएं, जीवन बचाएं यह मूल मंत्र है।
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि अक्सर देखा जाता है कि लोग पानी का बहुत दुरुपयोग कर रहे हैं। अगर आने वाले समय में लोग ध्यान नहीं देंगे तो पानी का संकट बहुत गहरा हो सकता है। कहीं नल खुले छोड़ दिए जाते हैं, कहीं गाड़ी , परिवहन पर बहुत सारा पानी खर्च किया जाता है। यह इस बात पर अंकुश नहीं लगाता है कि जहां वाहनों को ले जाया जाता है, वहां कम से कम पानी खर्च किया जाए, आने वाले समय में लोगों को पानी के लिए तरसना होगा, यह आज भी देखा जाता है कि पानी का स्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है और बोर या हैंड पंप में पानी नहीं है बहुत मेहनत के बाद पानी ऊपर आता है। अगर लोग जागरूक नहीं होंगे तो पानी का संकट बढ़ सकता है। जल संकट से बचने के लिए, हम सभी को इस बात पर विचार करना चाहिए कि वर्षा जल का संरक्षण कैसे किया जाए।
Transcript Unavailable.
संतकबीरनगर- नदी में बूंद भर नहीं पानी बेजुबान पशु पक्षी पानी के लिए बेताब जिम्मेदार "बेजुबानों" पर दया करें श्रीमान महेंद्र सिंह तंवर साहब! आप जिले के जिलाधिकारी हैं भीषण गर्मी व बढ़ती धूप के कारण कठिनाइयां नदी का पानी सुखने से पशु पक्षी पानी के लिए दर दर भटकने को हैं मजबूर,विकासखण्ड सेमरियावां क्षेत्र के चंगेरा मंगेरा गांव का मामला। नदी के साफ सफाई पर प्रति वर्ष काफी रूपये होते हैं खर्च फिर भी नदी में नही बूंद भर पानी।