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उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से अलोक श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि तेज़ गर्मी के कारण लोग 3 बार नहा रहे है। भीषण गर्मी के कारण लोग खूब पानी पी रहे है फिर भी कोई असर नहीं हो रहा है।

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से अलोक श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि तेज धूप के कारण मिट्टी में किसी भी तरह की नमी नहीं है।जिसके कारण सब्जियों की जड़ें थोड़ी ऊँची होती हैं, इसलिए सब्जियां भी सूख रही हैं। यही कारण सब्जियां महंगी हो गई है।

संतकबीरनगर पानी का टंकी बना शो पीस ग्रामीणों को नही मिल रही है सुविधाएं,जिले के मेंहदावल क्षेत्र के सांड़े कला गांव में पानी की टंकी बनने के बाद भी पेयजल आपूर्ति न होने पर नाराज ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने सूखे की जैसी स्थिति होने पर पानी संकट से परेशान है।जलापूर्ति न होने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे सचिन, शिवेंद्र, शिबू, पप्पू, देवेंद्र सिंह, सुभाष चौधरी, रामा, जितेंद्र आदि ने कहा कि एक दशक पहले गांव में पानी की टंकी का निर्माण कराया गया था। इस परियोजना पर लगभग 58 लाख रुपए भी खर्च किए गए। उसके बावजूद अभी तक परियोजना का ट्रायल नहीं किया गया। परियोजना का ट्रायल न होने के कारण पानी की आपूर्ति शुरू नहीं हुई। जिसके कारण भीषण गर्मी में लोगों को स्वच्छ पेयजल के लिए परेशान होना पड़ रहा है। लोगों ने कार्यदाई संस्था पर मानक विहीन कार्य करने का आरोप लगाया।लोगों का कहना है कि पानी की टंकी बनाने के नाम पर भारी अनियमितता की गई। जिसके कारण परियोजना का ट्रायल नहीं किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि इस मामले में कई बार प्रदर्शन व शिकायत की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। लोगों ने चेतावनी दी कि अगर जल्द पानी की आपूर्ति नहीं शुरू की जाएगी तो लोग आंदोलन करने को बाध्य होंगे। उपजिलाधिकारी अरुण कुमार ने कहा कि टंकी बनने के बाद भी पेयजल आपूर्ति न होना ठीक नहीं है। संबंधित विभाग को शीघ्र पेयजल आपूर्ति शुरू करने का निर्देश दिया जा रहा है।

उत्तप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से अलोक श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि गर्मी की लहर चल रही है, उसने हर तरफ के हर व्यक्ति को प्रभावित किया है। चाहे वह आर्थिक नुकसान हो, शारीरिक नुकसान हो, या स्वास्थ्य संबंधी नुकसान हो, जिसे हम जानवरों के प्रति किसानों का नुकसान कह सकते हैं। भयानक गर्मी से निपटता है, वह सभी तरफ से एकमात्र नुकसान है। जिस तरह से श्रमिक काम कर रहे हैं, उसका उनके स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है, यह महसूस किया जा सकता है कि वे काम नहीं कर रहे हैं। आर्थिक खदान काम करेगी, फिर स्वास्थ्य की रक्षा होगी। खदान हर तरफ है। लाभ कहीं से भी मौसम के अनुसार नहीं होता है। किसान को बीज नहीं डालना चाहिए। अगर बीज डालने में भी समस्या हो, तो बीजों के उत्पादन के तरीके में भी समस्या है। किसान दो-तीन बार बीज डाल रहे हैं।

उत्तप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से अलोक श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि गर्मी जितनी होगी, उतनी ही बिजली कट जाएगी, यानी गर्मी के कारण बिजली कट जाएगी। लोग मुसीबत में हैं, बिजली से थोड़ी राहत है, लेकिन गर्मी के कारण कुछ लोगों को पता नहीं है कि जीवन जितना गर्मी कितना है। इस समय, कटौती की जा रही है। अधिक भार के कारण कटौती की जा रही है। बिजली बचाने के लिए कटौती की जा रही है। हमेशा एक तुलना होती है। यहाँ साल फर बनाया जा रहा है। यह बेहतर हो रहा है, यह बेहतर हो रहा है, आधे घंटे के लिए रोशनी जलती है, कम से कम आधे घंटे के लिए, इसलिए लोग आज सांकबीर नगर में गर्मी के बारे में अधिक चिंतित हैं। चालीस डिग्री प्लस अभी इस दस-तीस घंटे के निशान पर, जीवित रहना दुर्लभ हो गया है। लोग बहुत परेशान हो गए हैं और कृषक वर्ग, जो लोगों से अधिक खेती करता है, सबसे अधिक परेशान है। यह आदमी भावपूर्ण तरीके से बोलता है, लेकिन जानवर, पक्षी, जो भी वे हैं, वे हमसे अधिक परेशान हैं। आजकल सुबह में कुछ पक्षी दिखाई देते हैं, उसके बाद शाम साढ़े छह बजे तक पूरे दिन कहीं भी कोई पक्षी उड़ता या बैठा नहीं दिखाई देता है।

उत्तप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि नौकरी के कार्ड बनाए जाते हैं, लेकिन वे काम भी नहीं ले रहे हैं, इसलिए उन्हें काम नहीं मिल रहा है, उन्हें नहीं मिल रहा है। अगर उन्हें मनरेगा में पैसा नहीं मिलता है, तो उन्हें काम नहीं मिलता है, वे कहते हैं कि उन्हें मनरेगा योजना के तहत काम नहीं मिलता है और काम समय पर हो जाने पर भी भुगतान नहीं किया जाता है।

पर चर्चा

सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत संत कबीर नगर गांव में एक गौशाला का निर्माण किया गया है। निर्माण कार्य इसलिए किया गया ताकि क्षेत्र के किसान आवारा पशुओं से छुटकारा पा सकें, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के कारण गांव में बनाया गया गौशाला सुनसान हो गई। सेमरिया विकास खंड क्षेत्र के चैनपुर में गौशाला विकास खंड क्षेत्र के अंतर्गत आती है, जहां क्षेत्र के किसान आवारा पशुओं से छुटकारा पाने में असमर्थ हैं। यहाँ बनाया गया गौशाला काफी लागत से तैयार किया गया था लेकिन यहाँ एक भी नहीं है। क्षेत्र के लोग मांग करते हैं कि व्यवस्था यहीं की जाए ताकि क्षेत्र के किसानों को आवारा जानवरों से छुटकारा मिल सके।

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