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उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि महिलाओं को अधिकार दिए गए हैं ताकि महिलाएं अपने अधिकारों की मांग कर सकें। महिलाओं की तुलना पुरुषों से की गई है। महिलाओं के सम्मान की रक्षा के लिए सभी कानूनी प्रावधान किए गए हैं, लेकिन आज भी महिलाएं इसकी शिकार हो रही हैं, लेकिन इसके बावजूद भारतीय महिलाओं की स्थिति में ज्यादा सुधार नहीं हुआ है। यह भी देखा गया है कि महिलाओं की स्थिति के कारण उन्हें अपने अधिकारों के बारे में पता भी नहीं है, जिसका मुख्य मुद्दा शिक्षा भी माना जाता है। भारत का संविधान और महिलाओं को उनके अधिकार देने के लिए समय पर सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय भी माना जाता है। नियमों के कानून बनाए जाते हैं लेकिन नियमों और कानूनों की जानकारी की कमी के कारण महिलाएं अपने अधिकारों की मांग नहीं कर पाती हैं। महिलाओं को भी संपत्ति का अधिकार दिया गया है और बेटे-बेटियों को भी नौकरी का अधिकार है। आज जो भी अधिकार दिया गया है, वह महिलाओं को अभी भी पूरी तरह से नहीं मिल रहा है। महिलाओं को भी पुरुषों के समान नौकरी में वेतन पाने का अधिकार है, लेकिन महिलाओं को इसकी जानकारी नहीं है।

संतकबीरनगरः निर्माणाधीन विद्यालय का दीवार छत हल्की सी आंधी बारिश में गिरा काम कर रहे मजदूर दवें चार की हालत नाजुक पूरा मामला संत कबीर नगर के कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत मलोरना में स्थित राज ग्लोबल एकेडमी का है सूचना पर पहुंची पुलिस जांच पड़ताल मे जुटी।

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उत्तप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि ग्राम पंचायतों में अगर पंचायत की मुखिया महिला है तो उसका अधिकार उसके पति के पास है, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए क्योंकि वह भी जाता है। जिस तरह से यह अपना विकास कार्य कर रहा है, यह देखा जाता है कि प्रखंडों में भी महिलाओं की संख्या कम हो जाती है, जबकि सरकार महिलाओं के लिए लगभग पैंतीस प्रतिशत आरक्षित करती है। लेकिन वास्तविकता यह है कि बैठक के दौरान महिलाएं मौजूद नहीं होती हैं और पुरुष अपने स्थान पर कुर्सी पर बैठते हैं और यहां अपने अधिकार का दावा करते हैं। कृषि में महिलाओं के अधिकार भी सरकार द्वारा दिए गए हैं, जो एक तरह से प्रभावी साबित हो रहे हैं, लेकिन महिलाएं बाहर जाकर घर पर नहीं रह पा रही हैं। आज भी बड़ी संख्या में महिलाएं अनपढ़ हैं, जिसके कारण वे अपनी नौकरी खो देती हैं।

उत्तप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि मतदान के बाद प्रधानमंत्री के वोटों की गिनती होती है मंत्री पद पर प्रधानमंत्री और नेताओं को बदलने के बाद, लेकिन अब जनता का वोट लेने के बाद नेता फिर से नहीं दिखाई देते हैं। क्षेत्र में और चुनाव के दौरान बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, क्योंकि इस समय जब चुनाव खत्म हो गए हैं तो नेता जनता को याद नहीं कर रहे हैं। वे महिलाओं और गरीबों को हटाने और शिक्षा, बेरोजगारी आदि की बात करते हैं, लेकिन देखा जाता है कि चुनाव खत्म होते ही नेता अपने पद छोड़ देते हैं। लेकिन अगर जनता जाती है और फिर भोली-भाली जनता उसी स्थिति में रहती है, तो इसके लिए जनता को भी कड़ा सबक दिया जाना चाहिए

उत्तप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि धूप और गर्मी के कारण आम जनता परेशान है, जबकि कुछ लोग मर भी रहे हैं, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? अगर हम संपत्ति की रक्षा नहीं करते हैं, तो आने वाले समय में लोगों के लिए उसी तरह परेशानी होगी, देखा जाता है कि एक तरह की ऊँची भुजा वाली सड़क बनती है, जिससे बहुत सारे पेड़ काटे जाते हैं। बड़े-बड़े पेड़ न होने से सड़क के किनारे छाया नहीं रहती है जिससे लोग धूप का शिकार हो जाते हैं। पाँच सौ साल पुराने पुराने पेड़ लगाए जाते थे ताकि सड़क पर चलने वाले लोग छाया का बहुत आनंद ले सकें, लेकिन आज सरकार द्वारा बागानों की उचित देखभाल की जा रही है। इसके अभाव में सड़क के किनारे जो भी पौधे लगाए जा रहे हैं वे छोटे हैं या आधे से अधिक पौधे देखभाल की कमी के कारण मर जाते हैं, जिसके कारण लोग खुले आसमान में सड़कों पर चलते हैं। इसके पीछे का कारण यह है कि वे लू का शिकार हो जाते हैं, इसलिए यह सोचने की बात है कि हम सभी को आने वाले समय में पेड़ लगाना चाहिए और जीवन बचाना चाहिए।

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि महिलाओं पर दहेज उत्पीड़न, शिक्षा जैसे अत्याचार हो रहे हैं, हालांकि सरकार का दावा है कि महिलाओं को हर तरह की सुविधाएं मिलती हैं, लेकिन आज समाज में उन्हें परेशान किया जा रहा है।जिसका मुख्य कारण शिक्षा की कमी है। शिक्षा के अभाव में आज महिलाएं जागरूक नहीं हो पा रही हैं। महिलाएं चुपचाप काम करती हैं, यही कारण है कि वे समाज में केवल घर पर खाना पकाने के काम में लगी हुई रहती हैं और सामाजिक असमानता के कारण महिलाएं आज बहुत पीछे हैं। तो इसे आगे लाने के लिए सभी को शिक्षित करने की आवश्यकता है.सरकार को महिलाओं के दहेज़ अत्या के कारणों को जाँचना चाहिए