जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में 'बचपन मनाओ-बढ़ते जाओ' कार्यक्रम सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में दबाएं नंबर 3.

पालक की पत्तियों को धो लें , पानी को अच्छी तरह से निकालें और उन्हें बारीक काट लें । दही को बर्तन में अच्छी तरह से न लें और फिर सत्तू को मिलाकर घोल तैयार करें और ध्यान रखें कि कोई गांठ न हो । एक कड़ाही में तेल गर्म करें , उसमें हींग , सरसों के बीज , जीरा , करी पत्ता , हल्दी पाउडर , मिर्च पाउडर , हींग और नमक डालें । बैटर को ढक दें और दस मिनट के लिए पकाएं । बैटर के अच्छे से पक जाने के बाद गैस बंद कर दें और ढक्कन लगा दें । स्वाद बढ़ाने के लिए आप बैटर में करी के पत्तों का एक तड़का मिला सकते हैं ।

सुनिए एक प्यारी सी कहानी। इन कहानियों की मदद से आप अपने बच्चों की बोलने, सीखने और जानने की क्षमता बढ़ा सकते है।ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? अगर आपके पास भी है कोई मज़ेदार कहानी, तो रिकॉर्ड करें फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

काजू को एक पैन में भूनें और कद्दू के बीच में पाँच काजू को पाँच बड़े चम्मच दूध के साथ बारीक पीसकर पेस्ट बना लें । चम्मच खी कर्मा लें और टका मखानों में नमक के साथ जीरा और पूरी लाल मिर्च डालें , अब मसाले भुने हुए हैं , फिर काजू डालें और हिलाते हुए पकाएं । सभी मसाले कड़ाही के निचले हिस्से में नहीं चिपकेंगे , इसलिए हिलाते रहें और इसे थोड़ा पतला करने के लिए पानी या दूध डालें ।

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आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम जानेंगे की पैसों की बचत की शुरुआत कैसे की जा सकती है

इंदौर मप्र के मालवा में बसा हुआ है और मालवा माटी को लेकर कहावत है कि मालव माटी गहन गंभीर, पग पग रोटी डग डग नीर... सैकड़ों बरस पहले कही गई यह बात आज भी उतनी ही सच्ची लगती है। इंदौर की सूरत और सीरत आज भी इस कहावत पर कायम है। आप पूछेंगे कैसे तो वो ऐसे कि यहां आने वाला कोई आदमी शायद ही कभी भूखे लौटता होगा।

नमस्कार दोस्तों, मोबाइल वाणी पर आपका स्वागत है। तेज़ रफ्तार वक्त और इस मशीनी युग में जब हर वस्तु और सेवा ऑनलाइन जा रही हो उस समय हमारे समाज के पारंपरिक सदस्य जैसे पिछड़ और कई बार बिछड़ जाते हैं। ये सदस्य हैं हमारे बढ़ई, मिस्त्री, शिल्पकार और कारीगर। जिन्हें आजकल जीवन यापन करने में बहुत परेशानी हो रही है। ऐसे में भारत सरकार इन नागरिकों के लिए एक अहम योजना लेकर आई है ताकि ये अपने हुनर को और तराश सकें, अपने काम के लिए इस्तेमाल होने वाले ज़रूरी सामान और औजार ले सकें। आज हम आपको भारत सरकार की विश्वकर्मा योजना के बारे में बताने जा रहे हैं। तो हमें बताइए कि आपको कैसी लगी ये योजना और क्या आप इसका लाभ उठाना चाहते हैं। मोबाइल वाणी पर आकर कहिए अगर आप इस बारे में कोई और जानकारी भी चाहते हैं। हम आपका मार्गदर्शन जरूर करेंगे। ऐसी ही और जानकारियों के लिए सुनते रहिए मोबाइल वाणी,

उत्तर प्रदेश द्वारा निकाली गई आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता के रूप में 23,753 पदों पर कार्य करने के लिए इच्छुक हैं। वैसी महिला उम्मीदवार इन पदों के लिए आवेदन कर सकती हैं, जिन्होंने बारहवीं पास किया हो और जिले या उस ग्रामसभा के स्थाई निवासी हो। आवेदनकर्ता की न्यूनतम आयु सीमा 21 वर्ष और अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष होनी चाहिए।इन पदों के लिए आवेदन शुल्क सभी उम्मीदवारों के लिए नि शुल्क रखा गया है। अधिक जानकारी के लिए आवेदनकर्ता यूपी आंगनबाड़ी की वेबसाइट upanganwadibharti.in पर जाकर पता कर सकते है।याद रखिये सभी जिलों में आंगनबाड़ी भर्ती के लिए आवेदन शुरू होने और इसकी अंतिम तिथियां अलग अलग हैं. इसलिए आवेदन करने से पहले अपने जिले का नोटिफिकेशन जरूर पढ़ें.

दोस्तों, हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे। अगर आपके पास भी है कोई मज़ेदार चुटकुला, तो रिकॉर्ड करें मोबाइल वाणी पर, फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।