इस कार्यक्रम में हम जलवायु परिवर्तन के कारण बदलते मौसम और असमान बारिश के पैटर्न से उत्पन्न हो रहे जल संकट पर चर्चा करेंगे। "मौसम की मार, पानी की तकरार" से लेकर "धरती प्यासी, आसमान बेपरवाह" जैसे गंभीर मुद्दों पर गहराई से विचार किया जाएगा। हम समझेंगे कि कैसे सूखा और बाढ़ दोनों ही हमारे जल संसाधनों को प्रभावित कर रहे हैं, और इन समस्याओं से निपटने के लिए सामूहिक और व्यक्तिगत स्तर पर क्या समाधान हो सकते हैं। हम आपसे जानना चाहते हैं – आपके इलाक़े में पानी की क्या स्थिति है? क्या आपने कोई जल संरक्षण के उपाय अपनाए हैं? या आप इस दिशा में कोई क़दम उठाने की सोच रहे हैं?
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से संस्कृति श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि हमें जीवित रहने के लिए सबसे महत्वपूर्ण दो चीज़े हैं जल और हवा। म सभी जानते हैं कि एक बार हम भोजन के बिना कुछ दिनों तक रह सकते हैं, लेकिन पानी के बिना नहीं। हमें खाने-पीने से लेकर खाना पकाने, नहाने और धोने तक हर चीज के लिए पानी की आवश्यकता होती है। हमारी दिनचर्या में पानी का भी बहुत बड़ा योगदान है। हम सभी जानते हैं कि हमारा देश जल संसाधनों से समृद्ध है। हमारे देश को कई नदियों, कई जल स्रोतों का आशीर्वाद प्राप्त है, भगवान ने हमें बहुत अच्छे प्राकृतिक संसाधन दिए हैं। हमारे भारत में गंगा, यमुना और गोदावरी, कावेरी जैसी कई नदियाँ हैं जो वर्षों से हमारे घरों में पानी की आपूर्ति कर रही हैं। जीवन का आधार इस तरह से है कि मृत्यु के बाद भी यहाँ लोगों को गंगा में डाला जाता है, यानी हमारे जीवन में जीवन की शुरुआत से लेकर मृत्यु के अंत तक। पानी का बहुत बड़ा योगदान है लेकिन क्या हम उस प्रकृति, उस पानी को बचाने के लिए कुछ भी कर रहे हैं, हम देख रहे हैं कि देश भर से आने वाला सारा कचरा, दुनिया भर से आने वाला सारा कचरा, कारखाने का सारा कचरा नदियों में बहाया जाता है। लेकिन हम उस पानी को बचाने के लिए क्या कुछ कर रहे हैं ? हमें कोशिश करनी चाहिए की जल को जितना हो सके बचा कर रखें और जल प्रदुषण होने से रोके
इस कार्यक्रम में हम जानेंगे कि कैसे गाँव के लोग मिलकर अपने समुदाय को मजबूत बना रहे हैं। जल संरक्षण, ऊर्जा बचत और आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सामूहिक प्रयासों की ताकत को समझेंगे। साथ ही, यह भी जानेंगे कि कैसे छोटे-छोटे कदम मिलकर बड़े बदलाव ला सकते हैं और गाँव के विकास में योगदान दे सकते हैं। क्या आपके समुदाय में ऐसे समूह हैं जो जल संरक्षण, आपदा प्रबन्धन या संसाधन प्रबन्धन पर काम करते हैं? अगर हाँ, तो हमें बताएं कि वे कैसे काम करते हैं? और अगर नहीं, तो इस कार्यक्रम को सुनने के बाद क्या आप अपने समुदाय में ऐसे सामूहिक प्रयास शुरू करने के लिए तैयार हैं?
इस कार्यक्रम में हम जानेंगे जल संरक्षण और ऊर्जा बचत से जुड़ी सरकारी योजनाओं के बारे में। साथ ही, यह कार्यक्रम बताएगा कि आप इन योजनाओं का लाभ कैसे उठा सकते हैं और अपने गाँव के विकास में कैसे योगदान दे सकते हैं। स्वच्छ पानी और सतत ऊर्जा के महत्व को समझते हुए, हम एक बेहतर कल की ओर कदम बढ़ाएंगे। क्या जल सरंक्षण की योजनाओं के बारे में आपने भी सुना है, क्या आप इन योजनाओं का लाभ आपने भी उठाया है, क्या आपके गाँव में जल सरंक्षण की कोई प्रेरणादायी कहानी है ?
यह एपिसोड बताता है कि हम अपने रोज़मर्रा के जीवन में कैसे छोटे-छोटे बदलाव करके बिजली और पानी बचा सकते हैं। इससे न सिर्फ हमारा खर्च कम होगा, बल्कि हम अपनी धरती की भी रक्षा कर पाएंगे। आसान तरीकों से हम सभी मिलकर पर्यावरण को बचाने में मदद कर सकते हैं।क्या आपने भी अपनी ज़िन्दगी में कुछ ऐसे बदलाव किए हैं? अगर हाँ, तो हमें बताइए।
दोस्तों, हमारे आपके बीच ऐसी महिलाओं के बहुत से उदाहरण हैं, पर उन पर गौर नहीं किया जाता. अगर आपने गौर किया है तो हमें जरूर बताएं. साथ ही वे महिलाएं आगे आएं जो घंटों पानी भरने और ढोने का काम करती हैं. उनका अपना अनुभव कैसा है? वे अपने जीवन के बारे में क्या सोचती हैं? क्या इस काम के कारण उनका जीवन नरक बन रहा है? क्या वे परिवार में पानी की आपूर्ति के चक्कर में अपना आत्मसम्मान खो रही हैं? क्या कभी ऐसा कोई वाक्या हुआ जहां पानी के बदले उनसे बदसलूकी की गई हो, रास्ते में किसी तरह की दुर्घटना हुई हो या फिर किसी तरह के अपशब्द अपमान सहना पडा?
उत्तरप्रदेश राज्य के जला बस्ती से मोहम्मद इमरान , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से निचे आ गया है। सरयू नदी का जलस्तर लगातार घट रहा है। नदी के किनारे तेज़ बहाव का दबाव बना हुआ है। गांव में जल - जमाव होने के कारण कई बीमारियाँ हो सकती है।
इस एपिसोड के मुख्य विषय, वर्षा जल संग्रहण, को दर्शाता है। "बूंद-बूंद से सागर" मुहावरा छोटे प्रयासों से बड़े परिणाम प्राप्त करने की भावना को व्यक्त करता है। यह श्रोताओं को प्रेरित करता है कि वर्षा की हर बूंद महत्वपूर्ण है और उसका संग्रहण करके हम बड़े बदलाव ला सकते हैं। क्या आप वर्षा जल को इक्कट्ठा करने और सिंचाई से जुडी किसी रणनीति को अपनाना चाहेंगे? और क्या आपके समुदाय में भी ऐसी कहानियाँ हैं जहाँ लोगों ने इन उपायों का इस्तेमाल करके चुनौतियों का सामना किया है?
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से मोहम्मद इमरान ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि पिछले तीन दिनों से घाट रहा सरयू नदी का जलस्तर, नदी के घटते जलस्तर के कारण तेज बहाव हो रही है। तटबंध पर स्थिति सामान्य बानी हुई है। आस पास के ग्रामीण नाव से आने जाने को मजबूर हैं
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से मोहम्मद इमरान ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की सरयू नदी का जलस्तर लगातार तेजी से घट रहा है। बाढ़ खंड विभाग लगातार संवेदनशील स्थलों की निगरानी कर रहा है