उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से विजय पाल चौधरी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते कि वृक्षों की कटाई बढ़ रही है। इनके क्षेत्र में सड़क के दोनों तरफ के वृक्षों की कटाई हो गई है। सड़क पर भारी धूप रहता है कि लोग आराम के लिए छाव नहीं ले पा रहे है। यातायात के साधनों में वृद्धि हो रही है साथ ही लगातार वृक्षों की कटाई होने से गर्मी बढ़ रही है। अगर वृक्षों की कटाई हो रही है तो वृक्ष लगाना भी ज़रूरी है। वृक्ष अधिक रहेगा तो गर्मी भी कम होगी

उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला से अरविन्द श्रीवास्तव ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि आधुनिक युग में पेड़ों की कटाई तेज़ी से हो रही है जिससे ग्लोबल वर्मिन में वृद्धि हो रही है। इस साल हीटवेव से लोग परेशान है। अब तक इससे राहत नहीं मिली है। मानसून अब तक आया नहीं है। पेड़ों को काटने से जलवायु परिवर्तन ,ग्रीनहॉउस गैसों का उत्सर्जन ,जीवों का लुप्त होना ,मिट्टी का कटान जैसी समस्या हो रही है। पेड़ों की कटाई से मानव जाति ,जीव जंतु पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। पेड़ों की कटाई जीवन के लिए नुक्सान दायक हो गया है। पेड़ों की कटाई लगातार हो रही है पर पेड़ों को लगाने में ध्यान नहीं दिया जा रहा है। विकास कार्य के लिए ,सड़क चौड़ीकरण के नाम पर कई पेड़ काट दिया गया। इससे ऑक्सीजन की कमी लोगों को महसूस होने लगा है। अगर पेड़ काट रहे है तो वृक्षारोपण पर भी ध्यान देना चाहिए

मानवों द्वारा वृक्षों की कटाई के कारण जलवायु में परिवर्तन हो रहा है। इसी के कारण आज कल इतनी भीषण गर्मी पड़ रही है। गर्मी से मनुष्य के साथ जीव जंतु भी परेशान है। जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाना चाहिए।

इस भीषण गर्मी की चपेट में आने से बचना है, तो मौसम विभाग या सरकार द्वारा दी जाने वाली जानकारी और चेतावनी को गभीरता से समझना है और उन बातों का पालन करना है. सावधानी और सतर्कता, इन दोनों बातों का हमें ध्यान रखना है |इस भीषण गर्मी से जुड़ी चेतावनी आपको कहाँ से मिलती है ? चेतावनी सुनने या देखने के बाद आप क्या कदम उठाते है ? आप या आपके आसपास लोग इस भीषण गर्मी से बचने के लिए क्या करते है ?

साथियों, हमें बताएं कि क्या आपके क्षेत्र के सरकारी जिला अस्पतालों, उपस्वास्थ्य केन्द्रों, स्वास्थ्य केन्द्रों, आंगनबाडी में पानी की कमी है? क्या वहां प्रशासन ने पानी की सप्लाई व्यवस्था दुरूस्त नहीं की है? अगर अस्पताल में पानी नहीं मिल रहा है तो मरीज कैसे इलाज करवा रहे हैं? क्या पानी की कमी के कारण बीमार होते हुए भी लोग इलाज करवाने अस्पताल नहीं जा रहे? या फिर आपको अपने साथ घर से पानी लेकर अस्पताल जाना पड़ रहा है? अपनी बात अभी रिकॉर्ड करें, फोन में नम्बर 3 दबाकर.

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि भीषण गर्मी में जितना हो सके उतना पानी पीएँ। पानी जीवन है समय-समय पर बहुत सारा पानी पीएँ और मौसमी फल जैसे खीरे, खरबूजे आदि का सेवन करें। अगर आपके शरीर में पानी की कमी हो, तो आपको समस्या हो सकती है

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि भीषण गर्मी जारी है। सुबह जब देखा गया तो बादल छाए हुए थे और पूर्वी हवा तेजी से चल रही थी और गर्मी से कुछ राहत मिली लेकिन बारिश नहीं हुई। ऐसा लगता है कि गर्मी अभी जारी रहेगी और जब तक बारिश अच्छी नहीं होगी, गर्मी से राहत नहीं मिलने वाली है।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से विजय पाल चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि पीपल और बरगद का पेड़ ऑक्सीजन का बहुत अच्छा श्रोत है। साथ ही उन्होंने बताया कि जितने ज्यादा पेड़ लगाए जायेंगे उतना ही देश प्रदुषण मुक्त होगा

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से विशाल पांडेय , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि बस्ती जिले में भारी बारिश हो रही ।आज सुबह निवासियों के लिए बहुत खुशी की बात थी, जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली, वहीं किसानों को भी अपने खेतों में पानी मिला। जिससे ई. पी. मोबाइल वाणी की टीम के गांव पहुंचने पर उन्हें कृत्रिम संसाधनों जैसे ताबर इठियत का कम उपयोग करना पड़ेगा और उनके डीजल आदि की लागत बच जाएगी। और किसानों से बात करते हुए किसानों ने कहा कि बस्ती शहर में कई दिनों से बारिश नहीं हुई है। लेकिन यहाँ-वहाँ पानी नहीं था, जिसके कारण किसानों को ट्यूबवेल पंपिंग सेट या मोटर का सहारा लेना पड़ा, जिसे वे बहुत महंगे मानते हैं लेकिन पानी की निकासी नहीं करते हैं। यह जाना बहुत सुविधाजनक हो गया है और आज सुबह से किसान अपने खेतों में जाकर इसकी देखभाल करने और उसमें फसल उगाने के बारे में सोच रहे हैं। आज सुबह जब पानी जमने लगा तो शहर के लोगों में भी खुशी की लहर दौड़ गई क्योंकि लोग लगातार गर्मी से नाखुश थे और वे बादलों को देख रहे थे।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से विशाल पांडेय , की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से सुधाकर जी से हुई। सुधाकर जी यह बताना चाहते है कि गर्मी का मौसम चल रहा है, गर्मी के मौसम में बारिश न होने से फसल चक्र को लाभ नहीं मिल रहा है, इसलिए हम सभी किसानों को गर्मी को ध्यान में रखते हुए फसल चक्र पर काम करना चाहिए। इस समय, खेत में एक गड्ढा बनाया जाना चाहिए और सूखी घास, गोबर, सब्जी के छिलकों को इतिहास को ढकना चाहिए ताकि इसे हटाया जा सके। उन्हें स्वदेशी खाद के साथ काम करने में सक्षम होना चाहिए और फिर खेतों में लौकी के बीज जैसी सब्जियों का उत्पादन करना चाहिए।