क्या आपने कभी ऐसा कुछ महसूस किया है या ऐसे किसी व्यक्ति को जानते हैं जिन्होंने ऐसी स्थिति का सामना किया है ?ऐसी परिस्थिति में आपको क्या लगता है कि आपके सबसे नज़दीकी रिश्तों को बनाएं रखने में और किस तरह का मदद उपयोगी हो सकते हैं

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से शिखा श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से सोनल से हुई।सोनल यह बताना चाहती है कि बच्चों में मानसिक बमारी हो सकती है।बच्चों में बच्चों में मानसिक विकाश का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।बच्चों में मानसिक तनाव होने पर वह अधिक चिड़चिड़ा हो जाते हैं।उनके मूड में बदलाव हो जाते हैं।बच्चों में मानसिक तनाव होने पर उनका इलाज कराया जा सकता है

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से प्रभाकर श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के मध्यम से हमारे श्रोता से हुई। श्रोता यह बताना चाहती है कि बच्चों को भी मानसिक समस्याएं हो सकती है।बच्चों में मानसिक समस्याएं बड़ों की तरह ही होती है।लेकिन उनके कुछ लक्षण अलग होते हैं।कुछ मानसिक समस्याएं माता पिता से बच्चों में आती है।बच्चों के जीवन में तनाव मानसिक समस्याओं का कारण बन सकते हैं।उदासी ,चिंता ,सुस्त रहना ,रोना आदि सब मानसिक तनाव के लक्षण हैं

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उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती के हर्रैया से रेनू,उम्र -57 वर्ष ,मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि बच्चों को मोबाइल चलाने की लत लग जाती है।मोबाइल का इस्तेमाल बहुत कम करना चाहिए।मोबाइल का उपयोग के लिए टाइम टेबल बनाना चाहिए।मोबाइल का इस्तेमाल बहुत कम करना चाहिए।मोबाइल का नोटिफिकेशन बंद कर के रखना चाहिए।बच्चों को बाहर निकालना चाहिए और ,मोबाइल से दूर रखना चाहिए

उत्तरपदेश राज्य के जिला बस्ती से गोल्डी श्रीवास्तव,उम्र -32 वर्ष,मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि आज कल के बच्चे बहुत ज्यादा मोबाइल देखते हैं।माँ अपने बेटों को मोबाइल दे ददेश्य है खेलने के लिए और अपना काम करती है।जिससे बच्चों को लत लग जाती है।छोटे बच्चों को मोबाइल नहीं देना चाहिए।अधिक मोबाइल देखने से बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ जाता है।दिमाग से बच्चे बहुत कमजोर हो जाते हैं।बच्चों से मोबाइल दूर रखना चाहिए

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