उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से अरविन्द श्रीवास्तव ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि महिलाओं को सामान अधिकार देने को लेकर खुश होती है लेकिन आज भी महिलाओं का पहचान उनके नाम से है ही नहीं। इस मामले में जितना बदलाव किया जाए लेकिन बीच में अशिक्षा आ जाती है ,इसमें रूढ़वादी समाज भी आ जाता है। चाहे जितना भी पीठ थपथपा लें कि महिलाएँ तरक्की कर रही है लेकिन आज भी बड़ी आबादी में महिलाएँ पितृ सत्ता समाज के नीचे दबी रहती है।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से अरविन्द ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि बस्ती जिले में चुनाव के दौरान प्रधानों ने मतदान को प्रभावित किया। चुनाव आयोग द्वारा मतदान के लिए अपील करने के बाद प्रधानों के कार्यशैली पर सवाल उठ रहा है । लगभग दस से पंद्रह हजार लोगों ने मतदान नहीं किया।ज़िला में मनरेगा फर्जीवाड़ा बना जाँच का विषय । मनरेगा की गलत हज़ारी लगाई गई

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से अरविन्द ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि शादी शुदा महिलाओं को अपने अधिकारों की जानकारी नहीं होती। परिवार वालों के ही बातों में उलझी रहती है। जानकारी के अभाव में महिलाएँ अपने अधिकारों के प्रति लापरवाही कर बैठती है। शादी के बाद महिलाओं को उनके अधिकारों की जानकारी देनी चाहिए। इससे महिलाओं को सम्मान और गुमशुदा की जिंदगी से छुटकारा मिलेगा ।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से अरविन्द ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि महिलाओं से जुड़े ,उनकी सुरक्षा के लिए कई कानून है। महिलाओं को कई अधिकार है जिसकी जानकारी उन्हें होनी चाहिए।भारतीय कानून में महिलाओं को ग्यारह अलग-अलग अधिकार मिले हैं। कार्यालय में उत्पीड़न के खिलाफ सुरक्षा का अधिकार, किसी घटना की स्थिति में शून्य प्राथमिकी दर्ज करने का अधिकार और समान वेतन का अधिकार होना महत्वपूर्ण है। लैंगिक समानता और कार्यबल में पुरुषों की समान हिस्सेदारी के बारे में अधिक जानना हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। महिलाओं को उनके अधिकारों की जानकारी देना आवश्यक है ।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से अरविन्द श्रीवास्तव , मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि इस बार गर्मी प्रचंड सीमा पर रहेगी। 2 जून तक गर्मी का कहर ज़ारी रहेगा । ऐसे में गर्मी से बचे ,लगातार पानी का सेवन करते रहे

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से अरविन्द श्रीवास्तव , मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि हमारे समाज में पितृ सत्ता इतना हावी है कि महिलाओं को उनका अधियकर नहीं दिला पाते है। इस मसले में राजनीतिक मुद्दा भी सामंने आता है। महिलाओं का असली पहचान देने का सुधार बहुत कम है। महिलाओं को उनके सम्मान के बारे में उन्हें भी जागरूक करना होगा क्योंकि महिलाएं खुद को गुम मानती है ।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से रमजान अली , मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि महिलाऐ को अब भी उन्हें फलाने की माँ ,बेहेन ,पत्नी आदि के नाम से पहचाना जाता है। बड़ी आबादी में महिलाओं को उनके नाम से नहीं जाना जाता है। इसी कारण ही समाज में मॉर्डन दिखने की कोशिश करते है। महिलाएं भी आप अपनी पहचान और संस्कृति खो रही है। महिलाओं का सांस्कृतिक पहनावा भी गुम होता जा रहा है।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से विजय पाल ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि गर्भवती महिलाओं की निशुल्क जाँच हुई। खून जाँच के साथ अल्ट्रासॉउन्ड कराया गया । गर्भवती महिलाओं की अच्छी खानपान नहीं होने के कारण उनमे खून की कमी पाई गई। गर्भवती महिलाओं को अपने खानपान में विशेष ध्यान देना चाहिए

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से विजय पाल ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि किसी भी समाज को बदलने का सबसे आसान तरीका है राजनीति को बदला जाए । भारत जैसे देश में, जहां घर और परिवार के प्रबंधन में महिलाएं अभी भी प्रमुख इकाई हैं। यह हमेशा सबसे कम होता है कि महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ाई समय-समय पर जमीनी स्तर पर होती है। महिलाओं की सहायता के लिए हमेशा आगे रहना चाहिए

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से विजय पाल चौधरी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि शनिवार को बादल छाए रहने के बाद भी उमस भरी गर्मी रही। इससे मतदाता काफी परेशान रहे