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खरीफ की फसल धान की बिक्री के अब की बार किसानों को अपने खाता नंबर वही देना होगा जिससे आधार जुड़ा है जिससे भुगतान की समस्या ना होने पाये ।
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा मटर की खेती के बारे में बता रहे हैं अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.
त्योहारों के चलते बस्ती से होकर गुजरने वाली ट्रेनो में सीट की बुकिंग फुल हो गई है। 15 नवंबर तक नहीं मिलेगा कन्फर्म टिकट आगामी त्योहारों छठ,दीपावली,दशहरा को देखते हुए राजधानी सहित अन्य प्रदेशों से आने वाली ट्रेनों में पूरी तरीके से बुकिंग हो चुकी है।
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ बता रहे हैं कि अरुवा का स्वाद बढ़ाने के लिए कौन सा खाद डाले। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ बता रहे हैं कि बैगन के बीज में कीड़े लगने की समस्या से निजात कैसे पाए। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जीतदास साहू बता रहे हैं कि किन कारणों से आमड़ा के पेड़ में फूल-फल नही आते हैं। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.
भारत आज खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर है, लेकिन हमेशा से ऐसा नहीं था, एक समय ऐसा भी देश खैरात में मिले अमेरिका के सड़े हुए गेहूं पर निर्भर था। देश की इस आत्मनिर्भरता के पीछे जिस व्यक्ति की सोच और मेहनत का परिणाम है मनकोम्बु संबासिवन स्वामिनाथन जिसे बोलचाल की भाषा में केवल स्वामीनाथन के नाम से जाना जाता था। कृषि को आत्मनिर्भर बनाने वाले स्वामीनाथन का 28 सितंबर 2023 को 98 साल की उम्र में निधन हो गया। उनका जन्म 7 अगस्त 1925, को तमिलनाडु के कुम्भकोण में हुआ था। स्वामीनाथन को देश में हरित क्रांति का जनक कहा जाता है, जिन्होंने देश की कृषि विकास में अहम योगदान माना जाता है। कृषि सुधार और विकास के लिए दशकों पहले दिए उनके सुझावों को लागू करने की मांग आज तक की जाती है। हालिया कृषि आंदोलन के समय जब देश भर के किसान धरने पर थे तब भी स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग उठी थी, जिसे सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया, जबकि यह वही सरकार है जिसने चुनावों के पहले किसानों को वादा किया था कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का वादा किया था।
फेफड़े का कैंसर का सबसे बड़ा कारण धूम्रपान है। इसके अलावा यह दूसरे कारणों से भी होता है। जिनमें तंबाकू चबाना, धुएं के संपर्क में आना, घर या काम पर एस्बेस्टस या रेडॉन जैसे पदार्थों के संपर्क में आना शामिल है। इसके अलावा यह पारिवारिक इतिहास के कारण भी हो सकता है लेकिन फिर भी आमतौर पर यही माना जाता है कि जो लोग अधिक धूम्रपान करते हैं, उन्हें फेफड़ों का कैंसर हो जाता है। यानी इसका सबसे अधिक खतरा बना रहता है। इसके साथ ही कैंसर नशीले पदार्थों जैसे गुटखा, तंबाकू के सेवन से भी हो सकता है। अगर रोकथाम की तरफ शुरुआत में ही ध्यान दे दिया जाए, तो इससे खुद को बचाया जा सकता है।
मुहँ का केंसर के कारण एवं लक्षण। लोग यह भी जानना चाहते हैं मुंह में कैंसर की पहचान कैसे करें? बिना किसी वजह के अगर आपके चेहरे, मुंह या गर्दन और उसके आसपास दर्द होता है सुन्नता महसूस होती है तो यह मुंह के कैंसर का संकेत हो सकता है. इस स्थिति में जबड़े में सूजन और दर्द भी हो सकता है. एक या एक से अधिक दांतों का बिना किसी वजह से कमजोर होना और गिरना कैंसर का संकेत हो सकता है।