जुलाई 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने एक आदिवासी महिलाओं को पैतृक संपत्ती में अधिकार को लेकर एक अहम फैसला देते हुए कहा कि केवल लिंग के आधार पर महिलाओं को पैतृक संपत्ति में हक से वंचित नहीं किया जा सकता है.
उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला से 45 वर्षीय सावित्री देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि महिलाओं के नाम भी जमीन होना चाहिए
उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला के श्रीदत्तगंज प्रखंड से 21 वर्षीय मनीषा शर्मा मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि महिलाओं के नाम जमीन होना चाहिए
उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला के श्रीदत्तगंज प्रखंड से 33 वर्षीय सविता शर्मा मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि महिलाओं के नाम जमीन होना चाहिए
आपदा राहत के दौरान भी महिलाओं की स्थिति चुनौतीपूर्ण रहती है। राहत शिविरों में कई बार अकेली महिलाओं, विधवाओं या महिला-प्रधान परिवारों की जरूरतें प्राथमिकता में नहीं आतीं। तब तक आप हमें बताइए कि , *--- जब किसी महिला के नाम पर घर या खेत होता है, तो परिवार या समाज में उसे देखने का नज़रिया किस तरह से बदलता है? *--- आपके हिसाब से एक गरीब परिवार, जिसके पास ज़मीन तो है पर कागज नहीं, उसे अपनी सुरक्षा के लिए सबसे पहले क्या कदम उठाना चाहिए?"? *--- "सिर्फ 'रहने के लिए छत होना' और उस छत का 'कानूनी मालिक होना'—इन दोनों स्थितियों में आप एक महिला की सुरक्षा और आत्मविश्वास में क्या अंतर देखते हैं?"
उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला से मोबाइल वाणी के माध्यम से दिव्या कहती हैं कि पुरुषों के साथ साथ महिलाएं भी अब अपने आर्थिक सुरक्षा और अच्छे सुरक्षित भविष्य के लिए संपत्ति में अधिकार पाना चाहती हैं
साल 2024 में राष्ट्रीय महिला आयोग को 25743 शिकायतें मिलीं जिसमें से 6,237 (लगभग 24%) घरेलू हिंसा से जुड़ी थीं. इसी रिपोर्ट के अनुसार 54% शिकायतें उत्तर प्रदेश से आईं, जो घरेलू हिंसा से जुड़ी शिकायतों में उत्तर प्रदेश की प्रमुखता को दिखाता है. उत्तर प्रदेश से 6,470 शिकायतें आई थीं, तमिलनाडु से 301 और बिहार से 584 शिकायतें दर्ज की गई थीं.
उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला से वीर बहादुर यादव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से 32 वर्षीय कमलेश कुमार वर्मा से हुई। कमलेश कहते है कि महिलाओं को हर क्षेत्र में अधिकार मिलना चाहिए। राजनीतिक ,सामाजिक ,खेल ,शिक्षा के क्षेत्र में हिस्सा मिलना चाहिए। जमीन में भी हिस्सा मिलना चाहिए। कमलेश की माँ के नाम 15 -16 बीघा खेत बैनामा करवाया गया है। इससे वो सशक्त महसूस करती है। अगर कोई नहीं सहारा देगा तो वो खुद ही अपना बुढ़ापा में भरण पोषण कर सकती है। जमीन एक अचल सम्पत्त है जो जीवन में कहीं न कहीं साथ देगा ही।
उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला के हरैया सतगढ़वा प्रखंड से दिव्या मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि जितना धन संपत्ति में पुरुष का अधिकार होता है उतना ही अधिकार महिलाओं का भी होना चाहिए। पुरुषों के साथ महिलाएं भी कार्यभार संभालती है। इसलिए उनका भी अधिकार धन संपत्ति में होना चाहिए। इससे महिलाएँ आगे चल कर हर कार्य आसानी से कर सकती है
उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला से मोबाइल वाणी के माध्यम से मोहिनी कसोधन कहती हैं कि धन संपत्ति में पुरुष के साथ साथ बहन बेटियों को भी हिस्सा मिलना चाहिए। जिससे आने वाले समय में महिलायें अपने कार्यभार को अच्छी तरह से संभाल सके।
