बिहार राज्य के जिला सारण से अजय कुमार , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि श्री परशुराम जयंती के शुभ अवसर पर बहुत खुशी के साथ आज छापरा जिले में जुलूस निकाला गया। शोभायात्रा भिखारी चौक से गांधी चौक तक गई जिसमें लोगों ने भाग लिया।

बिहार राज्य के जिला सारण से अजय कुमार , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि श्री परशुराम जयंती के शुभ अवसर पर बहुत खुशी के साथ आज छापरा जिले में जुलूस निकाला गया।

सोनपुर प्रखंड अन्तर्गत कल्याणपुर पंचायत के जेआईआईटी बैजलपुर में मंगलवार को गरीब रक्षक आर्मी के बैनर तले स्वतंत्रता सेनानी बाबू वीर कुंवर सिंह की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर संगठन के लोगो ने उनके चित्र पर माल्यार्पण एवं द्वीप प्रजवालंन कर उनके ओजपूर्ण जीवन चरित्र को स्मरण किया। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

भरपुरा पंचायत भवन प्रांगण में 40 वर्षों तक् भरपूरा पंचायत मुखिया रहे एवं मानव अधिकार संरक्षण के पूर्व जिलाध्यक्ष स्वर्गीय वीरेंद्र प्रसाद वर्मा की छठवीं पुण्यतिथि गुरुवार को मनाई गई । इस मौके पर उपस्थित समाज सेवी पंकज सिंह परमार ,अनिल श्रीवास्तव, जगदीश प्रसाद सिंह , पत्रकार संजीत कुमार ,डॉ रंजीत कुमार सिंह , मनोज प्रसाद श्रीवास्तव ,कांग्रेस नेता अजय कुमार पंडित , अशोक कुमार श्रीवास्तव, रानूश्रीवास्तव ,लक्ष्मण पांडे ,सुनैना देवी सहित दर्जनों लोगों ने उनके तैलचित्र पर माल्यार्पण करते हुए उन्हें नमन किया । विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

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देश के प्रथम महिला शिक्षिका एवं महिलाओं के लिए शिक्षा की देवी कही जाने वाली राष्ट्र माता सावित्री बाई फुले की पुण्यतिथि मनाई गई। छपरा साढ़ा ढाला स्थित महात्मा ज्योतिबा फुले कल्याण फाउंडेशन द्वारा संचालित माली (मालाकार) कल्याण समिति सारण के कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले की 127वी पुण्यतिथि पर मुख्य अतिथि डॉक्टर अनिल कुमार, प्रो0 अनिल कुमार एवं जिला अध्यक्ष शंकर कुमार मालाकार ने उनके तैल चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित करते हुए उन्हें नमन किया।

सोनपुर के गौतम चौक पर स्थानीय युवाओं द्वारा पुलवामा हमलें में शहीद हुए वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई एवं उनके सर्वोच्च बलिदान को याद बुधवार के शाम किया । सभी लोगो ने उनके तैल चित्रों पर माल्यार्पण किया । विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

सोनपुर नगर मंडल भाजपा द्वारा डॉ राजेन्द्र प्रसाद आई टी आई गाँधी चौक सोनपुर व बैजलपुर जमुनी में भाजपा नेता समिति सदस्य राकेश सिंह मे अपने समर्थकों के साथ श्रद्धेय पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की 56वां पुण्यतिथि पुरे मण्डल क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ताओं ने मनाई ।

नयागांव स्टेशन स्थित शहीद राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा के पास प्रशासन क्यों नहीं करती है झंडोत्तोलन ? क्यों भूलते जा रहे हैं लोग शहीदों की कुर्बानी सोनपुर कोर्ट । सोनपुर अनुमंडल प्रशासन 26 जनवरी गणतंत्र दिवस और 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भी शहीद राजेंद्र प्रसाद सिंह को याद नहीं करते हैं। बता दे कि शहीद राजेंद्र प्रसाद सिंह सोनपुर अनुमंडल के वहैरवागाछी नयागांव के निवासी थे। जिनका जन्म 4 दिसंबर 1924 को हुआ था। उन्होंने 11 अगस्त 1942 को पटना सचिवालय के सामने यूनियन जैक के झंडा उतार कर अपने देश का तिरंगा झंडा फहराने के दौरान सात क्रांतिकारी छात्र अंग्रेजों के गोली का शिकार होकर शहीद हो गए थे लेकिन तिरंगे झंडे को झुकना नहीं दिया और उस स्थल पर तिरंगा झंडा गार दिया । उस वक्त उनकी उम्र मात्र 18 वर्ष था। इनका 7 शहीदों के साथ पटना सचिवालय के सामने स्मारक है ।अंग्रेजों की गोली से सातों एक साथ शहीद हुए थे । शहीद राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा नयागांव बाजार के स्टेशन परिसर के पास लगी है। इस स्थल के पास लाइट तो लगी है लेकिन यह मुक दर्शक बनी हुई है । लगी हुई लाईट को जलाने की जरूरत है । शहीद राजेन्द्र प्रसाद के प्रतिमा पर जहां स्थानीय लोग अपने स्तर से समय-समय पर उन्हें याद करते हैं लेकिन अनुमंडल प्रशासन उनकी प्रतिमा की पूजा करने तथा 26 जनवरी और 15 अगस्त को झंडोत्तोलन तक करने की जरूरत नहीं समझती। यह शहीदों के लिए अपमान करने जैसा है । अगर अनुमंडल प्रशासन को झंडोत्तोलन का कार्य क्रम में समय नहीं मिलता तो प्रखंड स्तर के पदाधिकारी को भेज कर शहीद के प्रतिभा के समक्ष झंडोतोलन करवाया जा सकता है । ऐसी व्यवस्था करने के लिए अभी वक्त है । अगर भारतीय प्रशासनिक सेवा के आए युवा अनुमंडल पदाधिकारी सोनपुर निशांत कुमार विवेक चाहे तो नयागांव बाजार स्थित शहीद राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा की पास गणतंत्र दिवस परझंडोत्तोलन करने की व्यवस्था कर सकते हैं। यह शहीदों के सम्मान के लिए जरूरी है क्योंकि यह देश के लिए अपनी सीना तानकर सचिवालय के समक्ष अंग्रेजों की गोली खाए थे। आजादी के बाद से विगत कुछ वर्षों से लोग शहीदों को भूलते जा रहे हैं। यहां तक की अब सरकारी व गैर सरकारी कार्यालय में भी उनकी फोटो फ्रेम लगाकर उन्हें याद नहीं कर रहे हैं । जिन शहीदों ने अपने प्राणों की आहुति दी है उनका एक ही सपना था कि आने वाली पीढ़ी को अंग्रेजों के गुलाम व अत्यचार से मुक्ति मिले और अत्याचारों और शोषण उनपर नहीं हो और उन्होंने अंग्रेजों के कोड़े खाते -खाते शरीर को लहूलुहान करते हुए भारत माता के रक्षा के लिए अपनी जीवनलीला समाप्त कर दी इतना ही नहीं अग्रेजो के गोली खाकर देश के लिए प्राणों को न्यौछावर कर दिया लेकिन उन्हें अब धीरे-धीरे उनके नाम, उनकी यादें ,उनके किए गए कार्य को लोग भुलते जा रहे हैं और वैसे लोगों को याद कर रहे हैं जिनके शरीर में दाग ही दाग है। इस गंभीर समस्याओं को हर भारतवासियों को सोचने समझने और चिंतन करने की जरूरत है।

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