प्रत्येक वर्ष डेंगू से कई लोगों की मृत्यु होती है। डेंगू से बचाव के लिए कार्य करना ज़रूरी है। 16 मई को डेंगू दिवस मनाया जाता है और लोगों को डेंगू से बचाव को लेकर जागरूक किया जाता है

बिहार राज्य के जिला सारण से अजय कुमार , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि थैलासीमिया रक्त से संबंधित एक गंभीर बीमारी है। आपको बता दें कि थैलासीमिया रक्त से संबंधित एक गंभीर बीमारी है जो रक्त कोशिकाओं को कमजोर कर देती है और विनाश के कारण होती है। यह देखा गया है कि बच्चों को तीन से छह महीने के बाद ही इस बीमारी का पता चलता है, जिससे बच्चे के शरीर में खून की कमी हो जाती है। हालाँकि समय पर इलाज न मिलने से बच्चे की मृत्यु हो सकती है, लेकिन इस गंभीर बीमारी की ओर आम जनता का ध्यान आकर्षित करने के लिए हर साल 8 मई को विश्व थैलासीमिया दिवस के रूप में मनाया जाता है। थैलासीमिया से पीड़ित रोगियों को सामान्य रक्त के रूप में प्रदर्शित किया जाता है और रोगियों को इनके बारे में जानकारी दी जाती है,

कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की स्वीकारोकती के बाद सवाल उठता है, कि भारत की जांच एजेंसियां क्या कर रही थीं? इतनी जल्दबाजी मंजूरी देने के क्या कारण था, क्या उन्होंने किसी दवाब का सामना करना पड़ रहा था, या फिर केवल भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है। जिसके लिए फार्मा कंपनियां अक्सर कटघरे में रहती हैं? मसला केवल कोविशील्ड का नहीं है, फार्मा कंपनियों को लेकर अक्सर शिकायतें आती रहती हैं, उसके बाद भी जांच एजेंसियां कोई ठोस कारवाई क्यों नहीं करती हैं?

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दिघवारा प्रखंड से अजय कुमार कि रिपोर्ट। जिले में लुक प्रकोप शुरू हो गया है जिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अपनी ओर से पूरी तरह से अलर्ट मूड में है लेकिन लू से बचाव के लिए लोगों को अपने स्तर पर भी उचित प्रबंध करना होगा।। अधिक जानकारी हेतु क्लिक करें या डाउनलोड करें।

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जेई- एईएस के रोकथाम को लेकर जिला स्तरीय विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों को निर्धारित दायित्वों का तत्परता से निर्वहन कर इस बीमारी को आसानी के साथ रोका जा सकता है। उक्त बातें जिलाधिकारी अमन समीर ने जेई- एईएस से सबंधित अंतर विभागीय समन्वय समिति की बैठक के दौरान कही।

टीवी एक गंभीर एवं संक्रमित बीमारी है ,जिसका शिकार होने पर लोगों की जान जोखिम में पड़ जाती है। हालांकि लोगों को टीवी के प्रति जागरूक करने के साथ पौष्टिक आहार की जरूरत होती है। सार्थक रूप देने के लिए टीवी रोगियों के बीच पोशाक आहार वितरण आयोजन किया गया।

तीव्र इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) यानी चमकी बुखार पर प्रभावी रूप से रोग नियंत्रण को लेकर सदर अस्पताल परिसर स्थित जीएनएम स्कूल के सभागार में आयोजित प्रशिक्षण शिविर में जिले के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, चिकित्सा पदाधिकारी, अस्पताल प्रबंधक, बीएचएम, वीबीडीएस और बीसीएम को मुख्य प्रशिक्षक डॉ इशिका सिन्हा और डॉ आशुतोष रंजन के अलावा सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा, डीवीबीडीसीओ डॉ दिलीप कुमार, डीपीएम अरविंद कुमार और जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण सलाहकार सुधीर कुमार सिंह के द्वारा प्रशिक्षित किया गया।

बिहार राज्य के सारण जिले के अजय कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में नए गाँव और सीएससी फाइलेरिया रोगी को एमडीडीपी का वितरण और जागरूकता कार्यक्रमका आयोजन किया गया है