नमस्कार आदाब श्रोताओं मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है रोजगार समाचार। यह नौकरी उन लोगों के लिए है जो बिहार में पेन्नी कैप फिन प्राइवेट लिमिटेड ऑफिस द्वारा निकाली गई टेलिकॉलर एक्सेक्यूटिव फ्रेशर की भर्ती पर मासिक 8,086 - 29,925 रूपए वेतन पर कार्य करने के लिए इच्छुक है। इस पद के लिए वैसे अनुभवी तथा फ्रेशर्स उम्मीदवार आवेदन कर सकते है जिन्होंने किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय से 12वीं में बोर्ड की परीक्षा उत्तीर्ण किया हो और साथ ही अंग्रेजी और हिंदी भाषा का बोलने में सक्षम हो। अगर आपके पास माँगी गई सारी योग्यताएं है तो आप अपना आवेदन पत्र इस पते पर भेज सकते है। पता है - मियान लेन कंकरबाग मैन रोड के बगल एस बी आई नियर बीकानेर स्वीट्स पटना बिहार - 800020. इस नौकरी से संबंधित अधिक जानकारी के लिए इच्छुक व्यक्ति फ़ोन पर भी संपर्क कर सकते है. संपर्क संख्या - +91 8409108443 तो साथियों,अगर आपको यह जानकारी लाभदायक लगी तो मोबाइल वाणी एप्प पर लाइक बटन दबाये . साथ ही फ़ोन पर सुनने वाले श्रोता 5 दबाकर इसे पसंद कर सकते है। नंबर 5 दबाकर यह जानकारी आप अपने दोस्तों के साथ भी बाँट सकते हैं। धन्यवाद !

दोस्तों पांच दिन के इस विशेष सत्र में ऐसा बहुत कुछ हुआ जो संसदीय परंपरा और लोकतंत्र के हिसाब से बिल्कुल भी नहीं है और आभास देता है कि देश सरकारी एकाधिकार की तरफ बढ़ रहा है। ऐसा मानने के वाजिब कारण भी हैं, कारण यह हैं कि अगस्त महीने की आखिरी तारीख को जब घोषणा की गई सरकार पांच दिनों का विशेष सत्र आयोजित करेगी, तब इसका उद्देश्य नहीं बताया गया था, बहुत बाद में जब विपक्ष ने कई बार इसकी मांग की तब सरकार ने दबाव में आकर कहा कि कुछ जरूरी है काम हैं, जिन्हें पूरा किया जाना आवश्यक है, इसके साथ ही सरकार ने उन पांच विषयों की सूची जारी कि जिन पर संसद में काम होना था, लेकिन जब संसद बैठी तो दी गई जानकारी के अनुसार कोई काम नहीं हुआ और पांच दिन के सत्र के दो दिन पुरानी संसद से विदाई और नई संसद के शुभारंभ समारोह में निकल गए, उसके बाद का बचा समय महिला आरक्षण बिल को पेश करने और उसको पास कराने में निकल गया। उसके बाद बचा एक दिन के समय के लिए संसद को स्थगित कर दिया गया। -------दोस्तों आपको क्या लगता है नई संसद भवन के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को न बुलाने का क्या कारण हो सकता है, कहीं यह राष्ट्रपति की भूमिका को कम करने का प्रयास तो नहीं? ----------या फिर संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को पार्टी का कार्यकर्ता मानना उस पद का अपमान तो नहीं। -----------या फिर सरकार द्वारा इस तरह से सूचनाओं को छिपाना और एजेंडे के विपरीत काम करना लोकतंत्र, संसद और उसकी प्रक्रियाओं को कमजोर करने का प्रयास तो नहीं। ------------जो भी हो आप इस मसले पर क्या सोचते हैं, सरकार द्वारा इस तरह का व्यवहार कितना उचित है, लोकतंत्र में हर नागरिक का बोलना जरूरी है, अपनी बात रखना जरूरी है।

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ जीव दास साहू टमाटर की नर्सरी तैयार करने की विधि के बारे में जानकारी दे रहें हैं। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

Transcript Unavailable.

दोस्तों, आज झुमरू के झोले से निकला है एक लोक गीत - सोहर. ये गीत बिहार राज्य में बच्चे के पैदा होने पर गाया जाता है। आज के गीत में माता कौशल्या बारिश रुकने की प्रार्थना कर रही है, लेकिन क्यों? ये गा कर बता रहे है चंपारण के सुखल पासवान जी। अगर आप भी ऐसा कोई लोक गीत जानते है तो उसे मोबाइल वाणी पर रिकॉर्ड करें. इसके अलावा, आप रिकॉर्ड कर सकते है अपने क्षेत्र के किस्से और कहानियां.. फोन में नम्बर 3 दबाकर.

देश के सभी नागरिको को सही स्वास्थय मिले , इसे लेकर सरकार ने 2018 आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की। यह भारत सरकार की एक हेल्थ स्कीम है, जिसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर नागरिको को देश के अस्पतालों में 5 लाख रु तक की मुफ्त में इलाज की सुविधा दी जाती है. इसके तहत पहली अगस्त 2023 तक 24.33 करोड़ कार्ड बनाए गए हैं। ज़ाहिर है , सरकार ने इस योजना प्रचार बहुत व्यापक तौर पर किया। नेताओ के साथ साथ सरकारी जनता ने भी देश के नागरिको को समझाने में कोई कसर नहीं छोड़ी कि सरकार गरीबो की मसीहा है। लेकिन आज 5 साल बाद अब इसी आयुष्मान भारत योजना की हकीकत अब लोगो के सामने आ रही है। ये हम नहीं कह रहे बल्कि देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. कैग ने इस योजना को लेकर जारी की अपनी अपनी ऑडिट रिपोर्ट में बताया है इस योजना के तहत ऐसे मरीज भी लाभ उठा रहे हैं, जिन्हें पहले मृत दिखाया गया था. यहीं नहीं इस योजना के तहत 9 लाख से ज्यादा लाभार्थी तो सिर्फ एक ही मोबाइल नंबर से जुड़े हुए पाए गए हैं. प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के सबसे ज्यादा आयुष्मान कार्ड धारक मध्य प्रदेश में ही हैं. यहीं पर सबसे ज्यादा लापरवाही देखी जा रही है. ---------------तब तक आप हमें बताइए दोस्तों कि आपके गांव या जिला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इलाज़ की स्थिति क्या है ? ---------------वहां पर आपको किस तरह की सुविधाएँ मिल रही है ? ---------------क्या आपके पास आयुष्मान भारत योजना का कार्ड है और क्या आप उसका लाभ उठा पा रहे है ? ----------------इस बढ़ती महँगाई के कारण स्वास्थ्य पर होने वाला खर्चा आपका कितना बढ़ा है ? दोस्तों इस मुद्दे पर अपनी बात को जरूर रिकॉर्ड करें अपने फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर या मोबाइल वाणी एप्प में ऐड का बटन दबाकर।

सवाल है कि जिस कानून को इतने जल्दबाजी में लाया जा रहा हैं उसके लागू करने के लिए पहले से कोई तैयारी क्यों नहीं की गई, या फिर यह केवल आगामी चुनाव में राजनीतिक लाभ पाने के दृष्टिकोण से किया जा रहा है।

गठबंधन द्वारा बैन किये जाने के बाद के सबसे पहला विरोध इन एंकरों की तरफ से आया ‘जिन्होंने नाखून कटाकर शहीद होने की घोषणा कर दी’, खुद पर लगाए बैन को आपातकाल घोषित कर पत्रकारिता पर हमला तक करार दे दिया। जिन 14 एकंरों पर बैन लगा उनमें से ज्यादातर ने बैन वाले दिन भी अपने प्रोग्राम किये, और अपने प्रोग्राम में विपक्ष द्वारा लगाए गये बैन को गलत बताया लेकिन उनमें से किसी एक ने भी यह बताने कि हिम्मत नहीं कि बैन लगाए जाने के पीछे का कारण क्या है? जबकि दर्शकों को यह बात सबसे पहले बताई जानी चाहिए थी जबकि यह पेशगत ईमानदारी से जुड़ा मसला है।

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री साहू कुल्थी दाल खेती के बारे में जानकारी दे रहें हैं। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

दोस्तों, आज झुमरू के झोले से निकला है माधोपुर के प्रसिद्ध साधु भीखम बाबा का एक मज़ेदार किस्सा। ये किस्सा सुना रहे है माधोपुर, बिहार के बद्री दास जी। साहेबान, अगर आप भी ऐसी ही कोई मज़ेदार कहानी या किस्सा जानते है तो उसे मोबाइल वाणी पर रिकॉर्ड करें। इसके अलावा, आप रिकॉर्ड कर सकते है अपने क्षेत्र के लोकगीत और लोक कथाएं, फोन में नम्बर 3 दबाकर।