बिहार राज्य के जिला गया से सुनील मांझी ने जलवायु परिवर्तन के विषय पर शिवशंकर दास से साक्षात्कार लिया। शिवशंकर ने बताया कुछ फसल अच्छी हुई और कुछ फसल पानी की कमी से ख़राब हो गयी। पहले बोरिंग की सुविधा भी नहीं थी किन्तु अब बोरिंग की सुविशा हो गयी है

बिहार राज्य के गया ज़िला के फतेहपुर प्रखंड के धराकलां से सुनील की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से सोनाली कुमारी से हुई। सोनाली कहती है कि धान की फसल तो हुई परन्तु पानी के कारण धान की फसल नहीं हुई। सरकार से चाहते है कि सरकार पानी की व्यवस्था करें

बिहार राज्य के जिला बोधगया से गिरीश कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि इस वर्ष अत्यधिक सर्दी पड़ने की सम्भावना है। वर्षा कम हुई है किन्तु दिसंबर और जनवरी माह में ठण्ड से ठण्ड से सतर्क रहने की आवश्यकता होगी। मौसम वैज्ञानिक के अनुसार बोध गया में अधिक गर्मी के साथ साथ अधिक ठण्ड भी पड़ती है। समुद्री तट के कारण समय समय पर तापमान में परिवर्तन होते रहते है। यहाँ पाँच डिग्री तक पारा गिर गया है जिससे लोग गर्म कपड़े पहन रहे है। ठंड से सतर्क रहने की आवश्यकता है। वर्षा होने की भी सम्भावना है

बिहार राज्य के जिला मगध से सुनील ने धन की खेती के विषय पर सुरेश कुमार से साक्षात्कार लिया सुरेश कुमार ने बताया बारिश नहीं होने के कारण धान की फसल अच्छी नहीं हुई और उनके गाँव में बोरिंग की सुविधा भी नहीं है इसके लिए वह सरकार से अपील करते है कि उनके गाँव में बोरिंग लगवा दी जाए

बिहार राज्य के गया ज़िला के बोध गया से शिव ,मगध मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि जलवायु परिवर्तन के कारण देश में सही से मौसम का आगमन नहीं हो रहा है। इस कारण बारिश भी सही समय पर नहीं आने से खेतों में धान की बुवाई नहीं कर पाए। जिन किसानों ने बुवाई की तो उसमे फसल तो लगी लेकिन फसलों में रोग आ गया है ,जिसका कारण भी जलवायु परिवर्तन को माना जा रहा है। इसके अतिरिक्त पेड़ पौधों की कमी के कारण वायु प्रदुषण हो रहा हुई जिससे स्वास्थ्य पर बुरा असर हो रहा है।

बिहार राज्य के गया ज़िला से दिनेश कुमार पंडित ,मगध मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि गया जिला में मौसम उतार-चढ़ाव होने से धान फसलों का भूरा तथा कीट का प्रकोप देखने को मिल रहा है। जिन खेतों में यूरिया का ज़्यादा उपयोग होता है ,उन खेतों में बीपीएच का आक्रमण होता है। इन कीटों से फसलों को नुकसान होता है ,जो पशु के खाने लायक भी नहीं होता है

बिहार राज्य के बोध गया से शिव परशाद मोबाइल वाणी के माध्यम से एक व्यक्ति से बात कर रहें हैं, इनका कहना के बदलाव के कारण फसल खराब हो रहें हैं जैसे की धान में बीमारियां हो जा रहीं हैं। अभी खेतों में जो धान पाक गए हैं अगर बारिश हो गई तो सभी धान बर्बाद हो जाएगा

बिहार राज्य के गया ज़िला से शिव प्रसाद ,मगध मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि जलवायु परिवर्तन के कारण देश और प्रदेश में मानसून का निश्चित समय में आगमन नहीं होता है, जिसके कारण मौसमी फसल की अच्छी पैदावार नहीं होती है। यही कारण है कि बिहार के क्षेत्रों को चिन्हित कर सुखाड़ घोषित किया गया है।जलवायु परिवर्तन के कारण लोगों की जीवन शैली में भी बदलाव आया है

बिहार राज्य के गया जिला से शिव प्रसाद ने मोबाइल वाणी के माध्यम से नरेश से बातचीत किया। बातचीत के दौरान नरेश ने बताया गया बढ़ी जनसंख्या जलवायु परिवर्तन का मुख्या कारण है। जैसे जैसे लोगो की जरूरत बढ़ रही है लोग प्रकृति को और नुकसान पंहुचा रहे है।