साथियों, ऐसा देखने को मिलता है कि आज के पढ़े लिखे और सभ्य समाज में भी शारीरिक और मानसिक रूप से असामान्य लोगों को अलग दृष्टि से देखा जाता है आखिर इस तरह के लोगों के व्यवहार के पीछे क्या कारण हैं ? आपको को क्या लगता है ऐसा क्यों होता है कि समाज में एक सामान्य व्यक्ति अपने से अलग लोगों को स्वीकार नहीं कर पाता ? आपके अनुसार समाज में फैले इस तरह की भेदभाव की भावना को कैसे दूर किया जा सकता है ? दोस्तों, आपके मन में आज के विषय से जुड़ा कोई भी सवाल है तो जरूर रिकॉर्ड करें अपने फ़ोन में नंबर 3 दबाकर। हम आपके सवाल का जवाब ढूंढ कर आप तक पहुंचाने की पूरी कोशिश करेंगे।
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"आप हमें बताएं कि आज के इस दिखावे और चकाचौंध से भरी दुनिया में एक इंसान कम पैसों में खुद को कैसे खुश और स्वस्थ रख सकता है ? क्या आपने ऐसा अनुभव कभी अपने जीवन में किया है कि आपके पास इतने पैसे नहीं हो जितनी की आपको जरूरत हो और फिर भी आपने चीजों को अच्छे से मैनेज किया हो अगर हाँ तो कैसे? अपना अनुभव हमारे साथ साझा करें। साथियों अकसर हमें यह सुनने को मिल जाता है कि जितना है उतना में खुश रहना सिखो लेकिन क्या वास्तव में ऐसा होता है यार फिर यह सिर्फ एक कहावत ही बनकर रह जाता है ? आपके अनुसार किसी व्यक्ति के जीवन में पैसा होना या न होना उसके मन मस्तिष्क को किस हद तक प्रभावित कर सकता है ? आज के विषय से जुड़ा आपके मन में कोई सवाल है तो जरूर रिकॉर्ड करें। हम आपके सवालों को जवाब ढूंढ कर लाने की पूरी कोशिस करेंगे। "
बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से सलोनी कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती हैं कि भूमि के अधिकार से सम्बंधित सभी के घरों में परेशानी हैं।लगभग सभी के घरों में महिलाओं को जमीन देने में हिचकिचाते हैं।कुछ लोग हैं की अपने पत्नी के नाम पर ही जमीन कर दे रहे हैं लेकिन कुछ लोग हैं की सिर्फ अपने बेटों के नाम जमीन करवा रहे हैं। लोग सोचते हैं कि महिला के नाम जमीन कर देने से वह भाग जाएगी लेकिन ऐसा नहीं है वह जमीन लेकर खेती बाड़ी करेंगी। महिला को छोटा छोटा खर्चा के लिए पति पर आश्रित रहना पड़ता है। लेकिन अगर उनके पास जमीन रहेगा तो वह अपना खर्चा खुद उठाएगी। लोगों को अपने पत्नी के नाम पर भी जमीन करना चाहिए जिससे वह आत्मनिर्भर बने
बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से सलोनी कुमारी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से गौरी से हुई गौरी यह बताना चाहती हैं कि उनके नाम से अगर जमीन कर दिया जायेगा तो कुछ जमीन बेच कर अपना खर्चा चलाएगी।
गांव आजीविका और हम कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जीब दास साहू हरा मिर्च में लगने वाली बीमारी का उपचार के बारे में जानकारी दे रहे हैं ।
बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से सलोनी कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती हैं कि जितना पुरुषों का जमीन पर अधिकार होता है उतना ही महिलाओं का भी होना चाहिए।आज हर क्षेत्र में महिलाएं काम कर रही हैं लेकिन अगर भूमि पर अधिकार की बात आ जाए तो पुरुष लोग महिला को अधिकार देने में हिचकिचाते हैं।हर पुरुष को यह सोचना चाहिए कि जितना अधिकार उनको मिलता है उतना ही अधिकार महिला को भी मिलना चाहिए
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बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से सलोनी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से महिला सम्पत्ति अधिकार विषय पर पूनम देवी से साक्षात्कार लिया।पूनम देवी ने बताया कि महिलाओं का जमीन में अधिकार होना चाहिए। जमीन में अधिकार होगा तभी बच्चों का पालन पोषण और देखभाल कर पाएंगी।अभी इनके घर में पति के नाम पर सम्पत्ति है। महिलाओं के नाम पर नही है
