जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में 'बचपन मनाओ-बढ़ते जाओ' कार्यक्रम सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में दबाएं नंबर 3.

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में 'बचपन मनाओ-बढ़ते जाओ' कार्यक्रम सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में दबाएं नंबर 3.

आयुष राज्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार डॉक्टर दयाशंकर मिश्र दयालु ने कहा कि भगवान श्रीराम जिस विमान से चलते थे उसका आविष्कार हमारे ऋषियों मुनियों ने किया था, पर उसका पेटेंट अमेरिका के राइट बंधुओं के नाम है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में नीम, तुलसी, पीपल सदियों से विद्दमान है। लेकिन इसका पेटेंट दुनिया के अन्य देशों में है।विशिष्ट अतिथि सीनियर साइंटिस्ट डाक्टर ज्ञानेश्वर चौबे ने कहा कि इन बच्चों में भविष्य का वैज्ञानिक बनने की पूरी क्षमता है।

राजकीय क्वींस कालेज लहुराबीर वाराणसी में प्रवेश हेतु आवेदन 30मार्च तक किया जा सकता है।

इसी कड़ी में पिंडरा ब्लाक के दर्जनों स्कूलों में मनाया गया वार्षिक उत्सव

सुनिए एक प्यारी सी कहानी। इन कहानियों की मदद से आप अपने बच्चों की बोलने, सीखने और जानने की क्षमता बढ़ा सकते है। ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? अगर आपके पास भी है कोई मज़ेदार कहानी, तो रिकॉर्ड करें फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी जिला से प्राची ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बच्चो की अच्छी परवरिश के बारे में बताया

सुनिए एक प्यारी सी कहानी। इन कहानियों की मदद से आप अपने बच्चों की बोलने, सीखने और जानने की क्षमता बढ़ा सकते है। ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? अगर आपके पास भी है कोई मज़ेदार कहानी, तो रिकॉर्ड करें फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

शहर में रहने वाले विद्यार्थियों के लिए डोलची बनाना, खेत में कुदाल चलाना, बीज बोना, जैविक खेती के तरीके सीखना एक नया अनुभव होता है। यह अनुभव उन्होंने बेटावर, बच्छांव स्थित विद्याश्रम दी साउथ प्वाइंट स्कूल परिसर में आयोजित पर्यावरण का जश्न कार्यक्रम में किया। इस अनोखे कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने प्राकृतिक खाद बनाना सीखा, ग्राम शिल्प के तहत मिट्टी के बर्तन, चारपाई बनाने की विधि जानी। स्कूल निदेशिका डॉ. नीता कुमार ने बच्चों का उत्साह वर्धन किया। इस दौरान प्रिंसिपल जयंती मिश्रा, हर्षिता वाडिया, मंजू सचदेवा आदि मौजूद थीं।

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में 'बचपन मनाओ-बढ़ते जाओ' कार्यक्रम सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में दबाएं नंबर 3.