जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में 'बचपन मनाओ-बढ़ते जाओ' कार्यक्रम सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में दबाएं नंबर 3.

सुनिए एक प्यारी सी कहानी। इन कहानियों की मदद से आप अपने बच्चों की बोलने, सीखने और जानने की क्षमता बढ़ा सकते है। ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? अगर आपके पास भी है कोई मज़ेदार कहानी, तो रिकॉर्ड करें फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

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वाराणसी केदार घाट पर रोजाना सुबह 6 से 7 बजे तकरीबन 200 बटुक बच्चे कर रहे योग।

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। श्रोताओं की क्या राय है, चलिए सुनते हैं। इस बारे में बचपन मनाओ... सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.

सुनिए एक प्यारी सी कहानी। इन कहानियों की मदद से आप अपने बच्चों की बोलने, सीखने और जानने की क्षमता बढ़ा सकते है।ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? अगर आपके पास भी है कोई मज़ेदार कहानी, तो रिकॉर्ड करें फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

राष्ट्रीय दृष्टि हीनता एवं दृष्टि दोष कार्यक्रम के तहत जनपद में मिल रही उपचार की सुविधा

प्रतियोगिता में 220 छात्राओं ने ली भाग

बाबतपुर स्थित एसएस पब्लिक स्कूल में आज छोटे- छोटे बच्चो के कुकिंग प्रतिभा को निखारने के लिये नो फायर कुकिंग का आयोजन किया गया । कुंकिग में नन्हे मुन्ने बच्चो ने बिना आग जलाये हुए नाश्ते की रेसिपी को बनाकर अपनी कुकिंग कला का प्रदर्शन किया । इस दौरान बच्चो ने स्प्राउट, ब्रेड जेम गोल गप्पे, पापड़ी चाट समेत दर्जनों रेसिपी अपनी शिक्षक व शिक्षकाओं के निर्देशन में बनाकर सबके आकर्षण का केंद्र बन गए । इस दौरान मुख्य रूप से स्कूल के उप निदेशक प्रखर सिंह, डॉ अवधेश सिंह , प्रतिभा सिंह, शैलेन्द्र सिंह, अनामिका जैसवार , श्रेया सिंह समेत दर्जनों लोग मौजूद थे

केंद्रीय उच्च तिब्बती संस्थान के कुलपति प्रो. वांगछुक दोर्जे नेगी ने कहा कि प्रतियोगिताएं बच्चों का मानसिक स्तर बढ़ाती हैं। वर्तमान में बच्चों को मोबाइल के दुष्प्रभाव से बचाना है। वह सोसायटी फार सोशल एक्शन एंड रिसर्च (सार) की ओर से पराड़कर भवन में प्रतिभा सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। विशिष्ट अतिथि एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने बच्चों को नैतिकता अपनाने की सलाह दी। उद्योगपति विपिन अग्रवाल ने कहा कि शिक्षा निर्माण करती है।