सीखना है बहुत ज़रूरी, और बच्चे सबसे जल्दी चीज़ें सीखते है | इसीलिए उनके आसपास का माहौल अच्छा होना चाहिए | सुनिए इस कहानी को, और जानिये कहाँ से और किस तरह से बच्चे एक दुसरे से सीखते है |

साथियों, बच्चे बड़ों को देखकर ही काफी कुछ सीखते और समझते है | इसीलिए जिस माहौल में हम उन्हें ढालेंगे, बच्चे वैसे ही बनेंगे | ये कहानी भी इसी बात से प्रेरित है, इसे सुनियेगा ज़रूर |दोस्तों, इस कहानी से हमे ये सीखने मिलता है कि बच्चे बडों को देखकर बहुत कुछ सीखते हैं.. चलिए तो अब आप हमें बताएं कि आप बच्चों के सामने व्यवहार किस तरह से करते हैं? किन बातों का ध्यान रखते हैं? अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में 'बचपन मनाओ-बढ़ते जाओ' कार्यक्रम सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में दबाएं नंबर 3.

सुनिए एक प्यारी सी कहानी। इन कहानियों की मदद से आप अपने बच्चों की बोलने, सीखने और जानने की क्षमता बढ़ा सकते है।ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? अगर आपके पास भी है कोई मज़ेदार कहानी, तो रिकॉर्ड करें फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में 'बचपन मनाओ-बढ़ते जाओ' कार्यक्रम सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में दबाएं नंबर 3.

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में 'बचपन मनाओ-बढ़ते जाओ' कार्यक्रम सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में दबाएं नंबर 3.

उत्तरप्रदेश राज्य के वाराणसी जिला से नेहा यादव ने वाराणसी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि बच्चे अपने अंगों के बारे में पूछते हैं तो माता - पिता खुले तौर पर बच्चों के हर सवाल का जवाब देते हैं गलत जानकारी उनके लिए हानिकारक होती है । सवाल पूछना बच्चों का स्वभाव हो सकता है , लेकिन कभी - कभी वे ऐसे सवाल पूछते हैं जिनका जवाब देना माता - पिता के लिए मुश्किल होता है । बच्चों के लिए अपने शरीर के बारे में उत्सुक होना सामान्य बात है । बच्चे उन चीजों के बारे में जानना चाहते हैं जो वे देखते हैं । उनके गुप्तांगों के बारे में सवाल पूछना बच्चों के विकास का एक कारक है । प्रक्रिया यह है कि जब बच्चे सवाल पूछते हैं तो उन्हें डांटना या चुप कराना नहीं है , यह बच्चे की जिज्ञासा को कम नहीं करता है और प्रश्नों की संख्या बढ़ जाती है । यह वांछनीय है कि बच्चे अक्सर अपने गुप्तांगों को छुएँ । अगर वे एक और बच्चे को बिना कपड़ों के देखते हैं , तो वे अपने शरीर को देखते हैं । इससे माता - पिता परेशान नहीं होते हैं । बच्चों के लिए ऐसा करना सामान्य है । माता - पिता जब अपने सवाल पूछते हैं तो उन्हें डांटा या चुप करा दिया जाता है , उन्हें समझ नहीं आता कि उनकी गलती क्या है , ऐसी स्थिति में बच्चों के दिमाग में सवाल बढ़ जाता है । उनके प्रश्न का उत्तर देकर उनकी जिज्ञासा को शांत करना सुनिश्चित करें । कई बच्चे पूछते हैं कि उनका जन्म कैसे हुआ था । वे दुनिया में कैसे हैं ?

महिलाएं अपने जीवन में एक साथ, एक ही समय में कई भूमिकाएं निभाती है और कितनी ही सारी चुनौतियों का सामना करती है। उनकी इसी लगन को सम्मान दिया है मोबाइल वाणी के श्रोताओं ने। चलिए सुनते हैं, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर क्या कहना है श्रोताओं का।

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में 'बचपन मनाओ-बढ़ते जाओ' कार्यक्रम सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में दबाएं नंबर 3.

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में 'बचपन मनाओ-बढ़ते जाओ' कार्यक्रम सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में दबाएं नंबर 3.