जलवायु परिवर्तन का असर इंसानों के अलावा और भी प्राणियों पर पड़ रहा है। सरकार जलवायु परिवर्तन से लड़ने का प्रयास तो कर ही रही है,लेकिन हमें भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी ...
एस मुर्मू चकाई जमुई ( बिहार) संथाली चिराग वाणी में बदलते मौसम पानी का समस्या के बारे में सुनते आ रहा हूं।उसी प्रकार से हमारा क्षेत्र हमारे गांव में भी इस वर्ष बरसात नहीं होने के कारण से खेती-बाड़ी नहीं हो पाई और पशुओं को भी पानी पीने का दिक्कत होती है इसी प्रकार से होता रहेगा तो फिर कैसे जिएंगे।
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श्रोताओं मेरा नाम मनोज हसदा है। बारिश का पानी को कैसे बचाना है उसके बारे में बता रहा हूं। लोग बोलते हैं कि बारिश का पानी इधर-उधर बाह कर बर्बाद हो जाता है। लेकिन इस पानी को अपने तरीका से रखने पर धूप के दिनों में सब्जी पटाने में काम आती है । जैसे कि बैंगन, मिर्च, टमाटर,सिम, और तरह का सब्जी मैंने अभी तक जो पानी रखा था उस पानी से पटाकर हरा भरा रखे हैं। और सब्जी लगाने जा रहे हैं जैसे खीरा तरबूज फिर उसी पानी से सिंचाई करेंगे फिर से हरा भरा रखेंगे हम लोग सोच समझ कर खेती बड़ी नहीं करते हैं दिल्ली-मुंबई हरियाणा काम करने चले जाते हैं अपना घर छोड़ कर लोग नहीं सोचते हैं कि अपना जमीन में ही खेती-बाड़ी कर अपना जीवन बिताएं। हम सोचते हैं कि अपना जमीन में ही खेती कर जीवन बिताएं इसलिए खेती कर रहे हैं जोहार धन्यवाद।
बिहार राज्य के जिला जमुई के चकई प्रखंड से बड़की मुर्मू मोबाइल वाणी के माध्यम से जानना चाह रही है कि बारिश का पानी हम कैसे बचा सकते हैं ?
मेरा नाम रिंकी हांसदा है। गांव सिखट्टियां पंचायत पोझा से हूं। बरसात का पानी को बचाने के बारे में बता रही हूं। बारिश के समय आंगन से पानी बाकर बाहर निकलती है। उस पानी को रोकने के लिए घर के बाहर गड्ढा खुदाई की जाती है। घर के आंगन से निकलने वाली पानी नली द्वारा गड्ढा तक पहुंचाई जाती है। गड्ढा में पानी जमा हो जाती हैं उस पानी को धूप के दिनों में सब्जी पटाने में प्रयोग करते हैं। सब्जी उतना अच्छा से नहीं पटा पाते हैं फिर भी घर में खाने भर तो पटा लेते हैं।धन्यवाद!!
मेरा नाम मनोज हंसदा है।पानी का समस्या यहां बहुत होत है मुझे बहुत प्रॉब्लम होता है खेती करने में अगर मेरी खेतों में नालियां टंकी लगाया जाए तो बहुत अच्छा होता । सरकार के तरफ से भी मदद नहीं मिल रही है। दीदी दादा आप लोग कुछ कीजिएगा।
श्रोताओं मैं मोबाइल वाणी रिपोर्टर सुबोनी बेसरा मैं रिंकी दीदी से मिली हूं। उनसे सवाल करूंगी खेती-बाड़ी के बारे में इस बार तो बारिश नहीं हुआ तो आपलोग खेती कैसे किए? रिंकी दीदी बारिश नहीं होने के कारण से हम लोग अच्छा से खेती नहीं कर पाए जो भी लगाएं थे वो भी मर गया। पानी का सुविधा नहीं है क्या? पानी का सुविधा भी नहीं है। जितना भी खेती हुआ है क्या साल भर तक हो जाएगी? साल भर तक नहीं होता है, क्या करें बाहर मजदूरी करने जाना होगा। अगर आप लोग को पानी का सुविधा उपलब्ध कराया जाएगा तो आपका समुदाय अपना जीवन यापन के लिए आप लोग खेती करें? पानी का सुविधा होने पर खेती करेंगे। क्या आप कुआं या चप्पाकल के बारे में फोर्म भरे हो? हां ब्लॉक में फोर्म अपलय किये थें अभी तक कुछ नहीं दस बारह साल से कुछ भी नहीं हुआ है। क्या आप इसके बारे में वार्ड सभा या ग्राम सभा में चर्चा किए हो? यहां पर ग्रामसभा एक बार हुआ था।वहां पर भी हमने चर्चा की थी। लिख कर भी जमा कर दिया लेकिन कुछ भी नहीं हुआ। पीने का पानी भी बहुत दूर से लाते हैं कहां से खेती करेंगे। धन्यवाद।।
मेरी नाम रिंकी हसदा गांव सिखटिया पोझा पंचायत से हूं। मौसम के बारे में सुनी । बारिश नहीं होने के कारण से इस साल खेती नहीं कर पाए । सब्जी बहुत कम लगाए हैं धान भी बहुत कम लगाएं। नल चप्पाकल कुआं भी नहीं है, कैसे पटायेंगे ? पीने का पानी भी बहुत दूर लाना पड़ता है। जितना भी लगाये थे सब मर गाया।