आजाद हैं, आजाद ही रहेंगे: बनारस में ही चंद्रशेखर हो गए 'आजाद', काशी में ही पहली और अंतिम बार हुए थे गिरफ्तार मात्र 15 साल के चंद्रशेखर तिवारी काशी के संस्कृत पाठशाला में धरना देते हुए पहली और अंतिम बार अंग्रेजों के हाथ गिरफ्तार हुए थे। कोर्ट में ज्वॉइंट मजिस्ट्रेट ने जब उनका नाम पूछा तो उन्होंने जवाब दिया, आजाद, पिता का नाम स्वाधीनता और घर का पता जेल मैं आजाद हूं, दुश्मन की गोलियों का सामना हम करेंगे। आजाद हैं, आजाद ही रहेंगे। अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद ने अपने नाम के साथ आजाद इसलिए जोड़ लिया था क्योंकि वह आजाद रहते हुए जीना चाहते थे।
हमारे श्रोता रवि ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि बुकबॉक्स कार्यक्रम में हवा और सूरज की कहानी पसंद आई। इससे सीख मिलती है कि कभी भी जीवन में घमंड नहीं करना चाहिए। अहंकार नहीं रखना चाहिए। युवा जंक्शन में अच्छी कहानी सुनाई जा रही है
रवि कुमार शर्मा ने युवा जंक्शन मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की उन्हें सुनाई गई कहानियाँ अच्छी लगी और वे कहते है की और भी कहानिया सुनाई जाए
राजस्थान के सागर ने युवा जंक्शन मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया है की अपने फ़ोन पर किसी को भी अपना ओटीपि नहीं दे। जिससे की आप साइबर ठगी से बच सकते है
प्रतिभाशाली कछुए की कहानी में कछुआ ने अपनी जान बचने के लिए बहुत अच्छा दिमाग लगाया। अगर कछुआ दिमाग से काम ले सकता है तो इंसान क्यों नहीं। किसी को कमज़ोर नहीं समझना चाहिए।
राजस्थान राज्य के अलवर से मोबाइल वाणी के माध्यम से ेमदिर खान बोल रहें हैं की मानसिक तनाव को कम करने के लिए दुसरो से जुड़े। दोस्तों परिवारों से घुलमिल कर रहें। अपनी कोई भी चिंता हो उसे अपने किसी करीबी से जरुरु सांझा करें
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