Transcript Unavailable.

किसी भी समाज को बदलने का सबसे आसान तरीका है कि राजनीति को बदला जाए, मानव भारत जैसे देश में जहां आज भी महिलाओं को घर और परिवार संभालने की प्रमुख इकाई के तौर पर देखा जाता है, वहां यह सवाल कम से कम एक सदी आगे का है। हक और अधिकारों की लड़ाई समय, देश, काल और परिस्थितियों से इतर होती है? ऐसे में इस एक सवाल के सहारे इस पर वोट मांगना बड़ा और साहसिक लेकिन जरूरी सवाल है, क्योंकि देश की आबादी में आधा हिस्सा महिलाओं का है। इस मसले पर बहनबॉक्स की तान्याराणा ने कई महिलाओँ से बात की जिसमें से एक महिला ने तान्या को बताया कि कामकाजी माँओं के रूप में, उन्हें खाली जगह की भी ज़रूरत महसूस होती है पर अब उन्हें वह समय नहीं मिलता है. महिलाओं को उनके काम का हिस्सा देने और उन्हें उनकी पहचान देने के मसले पर आप क्या सोचते हैं? इस विषय पर राय रिकॉर्ड करें

उदास होने पर हंसा देती है माँ नींद नहीं आने पर सुला देती है माँ मकान को घर बना देती है माँ खुद भूखी रह कर भी बच्चों का पेट भर्ती है माँ जी हां दोस्तों, माँ होती ही ऐसी हैं और माँ का इसी त्याग, समर्पण और प्यार पर समर्पित है मदर्स डे यानि मातृत्व दिवस। आज के दौर में यह दिन हर माँ के सम्मान में मनाया जाता है। आइये जानते हैं मदर्स डे मनाने की परंपरा की शुरुआत कब और कैसे हुई। दरअसल मदर्स दे 20वीं सदी की शुरुआत में अन्ना जार्विस द्वारा स्थापित किया गया था, जो उनकी अपनी मां के मानवीय कार्यों के प्रति समर्पण से प्रेरित था।1914 में , राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने आधिकारिक तौर पर अमेरिका में मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे के रूप में नामित किया, जिसे बाद में अन्य देशों ने अपनाया। साथियों,एक और खास बात यह है कि हर साल मातृ दिवस का एक अलग थीम होता है और इस बार का थीम है "सेलिब्रेटिंग मदरहुड: ए टाइमलेस बॉन्ड". मदर्स डे ना सिर्फ मां को समर्पित है बल्कि उनके त्याग, बच्चों के लिए समर्पण और खुद से ज्यादा बच्चों के लिए प्रेम की सराहना भी करता है.मां और बच्चे का रिश्ता हर रिश्तों से बड़ा होता है. साथियों, मोबाइल वाणी के पुरे परिवार की ओर से आप सभी को मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं । धन्यवाद !!

भारत 1998 में एक उभरती परमाणु शक्ति बन गया था, जिसके पीछे का कारण था 11 मई 1998 को हुआ परमाणु परिक्षण. भारत ने अपना सबसे ताकतवर परमाणु परीक्षण की बड़ी सफलता को हासिल करने के बाद भारत के प्रधानमंत्री ने 11 मई 1999 को ही नेशनल टेक्नोलॉजी डे मनाने की घोषणा की . इस पूरे परीक्षण को अंजाम देने के पीछे महान वैज्ञानिक अब्दुल कलाम का हाथ था.तकनीक हमारा एक ऐसा अभिन्न अंग बनता जा रहा है जिसके बिना हमारे भविष्य की कल्पना करना नामुमकिन है. लेकिन इसके लिए हमे संतुलन एवं जागरूकता की भी आवश्यकता है, जिसके लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का आयोजन एक तरह का अच्छा प्लेटफार्म है. मोबाइल वाणी के पुरे परिवार की और से आप सभी को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

साल 2013-2017 के बीच विश्व में लिंग चयन के कारण 142 मिलियन लड़कियां गायब हुई जिनमें से लगभग 4.6 करोड़ लड़कियां भारत में लापता हैं। भारत में पांच साल से कम उम्र की हर नौ में से एक लड़की की मृत्यु होती है जो कि सबसे ज्यादा है। इस रिपोर्ट में एक अध्ययन को आधार बनाते हुए भारत के संदर्भ में यह जानकारी दी गई कि प्रति 1000 लड़कियों पर 13.5 प्रति लड़कियों की मौत प्रसव से पहले ही हो गई। इस रिपोर्ट में प्रकाशित किए गए सभी आंकड़े तो इस बात का प्रमाण है कि नई-नई तकनीकें, तकनीकों में उन्नति और देश की प्रति व्यक्ति आय भी सामाजिक हालातों को नहीं सुधार पा रही हैं । लड़कियों के गायब होने की संख्या, जन्म से पहले उनकी मृत्यु भी कन्या भ्रूण हत्या के साफ संकेत दे रही है। तो दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- आखिर हमारा समाज महिला के जन्म को क्यों नहीं स्वीकार पाता है ? *----- शिक्षित और विकसित होने के बाद भी भ्रूण हत्या क्यों हो रही है ? *----- और इस लोकसभा चुनाव में महिलाओ से जुड़े मुद्दे , क्या आपके लिए मुद्दा बन सकता है ??

उत्तरप्रदेश राज्य के कुशीनगर ज़िला से जिलाजीत यादव ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि पक्ष विपक्ष का कार्यक्रम अच्छा लगा। इस कार्यक्रम के माध्यम से टीका की अच्छी जानकारी मिल गई। कोविशील्ड की कंपनी सरकार को चंदा दे कर अपनी कमियां छुपाई है। इसकी जाँच करना ज़रूरी है। इनके क्षेत्र में भी कई मौतें की ख़बरें सामने आ रही है।

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

महिला उद्यमी सशक्तिकरण कार्यक्रम के माध्यम से चाची कहिन के पहली कड़ी में चाची बता रही है कि हमारे जीवन में बचत क्यों जरुरी है और हम अपनी बचत को कहाँ कहाँ पर खर्च कर सकते है।

Transcript Unavailable.