बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" के नारे से रंगी हुई लॉरी, टेम्पो या ऑटो रिक्शा आज एक आम दृश्य है. पर नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च द्वारा 2020 में 14 राज्यों में किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि योजना ने अपने लक्ष्यों की "प्रभावी और समय पर" निगरानी नहीं की। साल 2017 में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में हरियाणा में "धन के हेराफेरी" के भी प्रमाण प्रस्तुत किए। अपनी रिपोर्ट में कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ स्लोगन छपे लैपटॉप बैग और मग खरीदे गए, जिसका प्रावधान ही नहीं था। साल 2016 की एक और रिपोर्ट में पाया गया कि केंद्रीय बजट रिलीज़ में देरी और पंजाब में धन का उपयोग, राज्य में योजना के संभावित प्रभावी कार्यान्वयन से समझौता है।

उत्तरप्रदेश राज्य के कौशाम्बी ज़िला से ओम प्रकाश ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि प्राइमरी स्कूलों में अच्छे से पढ़ाई नहीं होती है। शिक्षा यूँही बैठे रहते है। खाना भी अच्छा नहीं मिलता है। शिक्षकों पर कड़ी कार्यवाई होनी चाहिए

अगर किसी दृष्टिबाधित को पढ़ाई करना है तो वो हेल्पिंग हैंड इंडिया के इस नंबर 01141212300 पर संपर्क कर सकते है

उत्तेर प्रदेश राज्य के जिलाजीत यादव ने युवा जंक्शन मोबाइल वाणी के माध्यम से मुहावरे का अर्थ समझाया है

उत्तरप्रदेश राज्य के कौशाम्बी ज़िला से ओम प्रकाश ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि इनके गाँव के प्राइमरी स्कूल में पढ़ाई अच्छे से नहीं होती है। खाना भी सही से नहीं बनाया जाता है। शिकायत करने पर रसोइयों पर कोई कार्यवाई नहीं की जाती है

युवा जंक्शन मोबाइल वाणी के माध्यम से जिलाजीत ने मुहावरा और उसके अर्थ बताए हैं

करियर अड्डा कार्यक्रम में इस बार सुनिए भारत में शासन करने वाले कुषाणों के बारे में. ये वही कुषाण हैं, जिनका जिक्र महाभारत में भी किया गया है. तो क्या महाभारत युग के कुषाणों ने भी कभी भारत को अपने अधीन किया था? क्या वो हमारे मित्र थे या दुश्मन? जानने के लिए सुनिए अखंड भारत का नया अध्याय..

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करियर अड्डा में अखंड भारत के इस खास अध्याय में आज जानिए चपाती आंदोलन के विषय में पूरी कहानी जानने के लिए अभी क्लिक करें..

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