दोस्तों, गरीबी के खिलाफ भारत की लड़ाई में महिला भूमि अधिकार एक निर्णायक कदम साबित हो सकता है। यह केवल संपत्ति का हस्तांतरण नहीं, बल्कि शक्ति का हस्तांतरण है। तब तक आप हमें बताइए कि , *---- क्या आपको लगता है कि महिलाओं के नाम जमीन होने से परिवार की आय बढ़ती है? अपना अनुभव बताएं। *---- आपके गाँव में महिलाओं को जमीन के कागज़ात मिलने से किस तरह के बदलाव आए हैं? *---- क्या आपके परिवार या समुदाय में ऐसी कोई महिला है, जिसकी ज़िंदगी जमीन मिलने के बाद बदली हो?

"आप हमें बताएं कि आज के इस दिखावे और चकाचौंध से भरी दुनिया में एक इंसान कम पैसों में खुद को कैसे खुश और स्वस्थ रख सकता है ? क्या आपने ऐसा अनुभव कभी अपने जीवन में किया है कि आपके पास इतने पैसे नहीं हो जितनी की आपको जरूरत हो और फिर भी आपने चीजों को अच्छे से मैनेज किया हो अगर हाँ तो कैसे? अपना अनुभव हमारे साथ साझा करें। साथियों अकसर हमें यह सुनने को मिल जाता है कि जितना है उतना में खुश रहना सिखो लेकिन क्या वास्तव में ऐसा होता है यार फिर यह सिर्फ एक कहावत ही बनकर रह जाता है ? आपके अनुसार किसी व्यक्ति के जीवन में पैसा होना या न होना उसके मन मस्तिष्क को किस हद तक प्रभावित कर सकता है ? आज के विषय से जुड़ा आपके मन में कोई सवाल है तो जरूर रिकॉर्ड करें। हम आपके सवालों को जवाब ढूंढ कर लाने की पूरी कोशिस करेंगे। "

बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के हिलसा प्रखंड से कुमारी आकांक्षा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से राखी से हुई। राखी कहती है कि गरीब महिलाओं का गरीबी चक्र तोड़ने के लिए महिलाओं का सहयोग करना चाहिए। ताकि वो जीवन में बदलाव कर सके।

बिहार राज्य के जिला नालंदा के चंडी ब्लॉक से रूपा कुमारी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से नीतू देवी से हुई। नीतू देवी यह बताना चाहती है कि महिला गरीबी चक्र को शिक्षित होकर तोड़ सकती है। वह पढ़ - लिख कर कुछ रोजगार कर सकती है जिससे वह गरीबी चक्र को तोड़ सकती है। महिला के नाम से जमीन होना चाहिए। उनके नाम से जमीन है।

दोस्तों, भारत में विविधता की कोई कमी नहीं है। यहाँ के विभिन्न राज्य, जिलों और गांवों में भिन्न-भिन्न सांस्कृतिक, भाषाई और भौगोलिक विशेषताएं हैं। ये भिन्नताएं जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित करती हैं और विशेष रूप से महिलाओं की स्थिति को भी प्रभावित करती हैं।भारत के विभिन्न हिस्सों में शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता में भारी अंतर है। शहरी और विकसित क्षेत्रों में जहां स्कूलों और शिक्षा संस्थानों की संख्या अधिक है और सुविधाएं बेहतर हैं, वहीं ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में स्कूलों की कमी और सुविधाओं की अनुपलब्धता के कारण शिक्षा प्राप्ति में असमानताएं देखने को मिलती हैं। दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- भारत के अलग-अलग हिस्सों में कई तरह की असमानताएं है, जिसमे खेती किसानी भी एक है। यहाँ आपको किस तरह की असमानताएं नज़र आती है। *----- महिलाओं को कृषि और अन्य ग्रामीण उद्यमों में कैसे शामिल किया जा सकता है?

बिहार राज्य के जिला नालंदा के हिलसा ब्लॉक से कुमारी आकांक्षा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से ज्योति कुमारी से हुई। ज्योति कुमारी यह बताना चाहती है कि महिला को बिमारी के समय अच्छा भोजन करना चाहिए। जैसे हरे पत्तेदार सब्जी आदि।

बिहार राज्य के जिला नालंदा के चंडी ब्लॉक से स्वीटी रानी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से नेहा कुमारी से हुई। नेहा कुमारी यह बताना चाहती है कि महिला शिक्षित होकर गरीबी के चक्र को तोड़ सकती है। शिक्षित होकर ही वह अपना विकास कर सकती है। महिला को घरेलु कार्य के साथ - साथ अन्य काम भी करनी चाहिए जैसे कपड़ा सिलाई करना , ब्यूटी पार्लर का काम करना , किराना दूकान चलाना आदि। महिलाओं के जीवन में गरीबी को रोकने के लिए बिमारी को कम करना होगा ,पौष्टिक भोजन करना चाहिए जिससे वह स्वस्थ रहेगी और समाज भी मजबूत बनेगा।

बिहार राज्य के जिला नालन्दा के हिलसा ब्लॉक से कुमारी आकांक्षा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से बबला देवी से हुई। बबला देवी यह बताना चाहती है कि महिलाओं को शिक्षित होकर ही सामाजिक चक्र को तोड़ा जा सकता है। महिलाओं को घर के साथ-साथ अपना रोजगार भी करना होगा। पशुपालन, मुर्गी पालन, सिलाई आदि किया जा सकता है। महिला को हरी साग सब्जी खाना चाहिए और बिमारी से दूर रहना चाहिए।

बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के चंडी प्रखंड के माधवपुर बाज़ार से रूपा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से आशा जयसवाल से हुई। ये एक आशा कार्यकर्त्ता है और कहती है कि लड़की शिक्षित होगी तो ही गरीबी चक्र को तोड़ सकती है। महिला बाहर निकलेगी तब ही कुछ कर पाएगी।और महिला का अधिकार है कि उनके नाम से जमीन हो।

बिहार राज्य के जिला नालंदा के चंडी ब्लॉक से स्वीटी रानी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से अनमिका कुमारी से हुईं। अनमिका कुमारी यह बताना चाहती है कि महिलाएं शिक्षित होकर ही गरीबी के चक्र को तोड़ सकती हैं। शिक्षित होकर ही वे अपना विकास कर सकती हैं। महिलाओं कई तरह के काम कर सकती है। महिलाओं को जीवन में गरीबी का निवारण बिमारी को कम करके किया जा सकता है। महिलाओं को पौष्टिक भोजन करना चाहिए। एक परिवार की नीव एक महिला को ही माना जाता है। एक महिला से समाज मजबूत होता है।