आजकल कम उम्र में ही लोग लम्बी और गंभीर बीमारियों की चपेट में आने लगे हैं. लाइफस्टाइल और खानपान खराब होने से सेहत से जुड़ी कई तरह की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं. इसकी वजह से कई गंभीर और खतरनाक स्थिति बनने लगी है. इसी से बचाव और जागरूकता के लिए हर साल 7 अप्रैल को वर्ल्ड हेल्थ डे (World Health Day 2024) मनाया जाता है. इस वर्ल्ड हेल्थ डे का थीम 'माई हेल्थ-माई राइट' मतलब 'मेरा स्वास्थ्य-मेरा अधिकार' रखा गया है. इस बार वर्ल्ड हेल्थ डे का उद्देश्य अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं, साफ पानी-हवा, पोषण से भरपूर आहार और साफ-सफाई है. तो दोस्तों आइये हम सब संकल्प ले और स्वस्थ आदतें अपनाएं: अपने आहार पर ध्यान दें, नियमित व्यायाम करें, पर्याप्त नींद लें और तनाव मुक्त रहने का प्रयास करें,डॉक्टर से नियमित रूप से जांच कराएं, स्वस्थ आदतों के महत्व के बारे में अपने परिवार, दोस्तों और समुदाय के लोगों को जरूर बताएं.ये सरल कदम आपके स्वास्थ्य में सुधार ला सकते हैं.मोबाइल वाणी परिवार यह मानता है कि विश्व स्वास्थ्य दिवस सिर्फ एक दिन का उत्सव नहीं है, बल्कि यह स्वस्थ जीवन जीने के प्रति सचेत और सजग रहने का निरंतर प्रयास है. आइए मिलकर यह सुनिश्चित करें कि "स्वास्थ्य सबका अधिकार" वाकई में सच हो जाए

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बिहार राज्य के जिला नालन्दा से रूपा कुमारी , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि प्राइवेट अस्पताल में जिस तरह से इलाज होता और जिस तरह की सुविधा उपलब्ध है उस तरह की सुविधा और इलाज़ सरकारी अस्पतालों में नहीं है , और जिस तरह से प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई होता है उस तरह की पढ़ाई सरकारी स्कूलों में नहीं होता है। प्राइवेट स्कूलों में बच्चे पढ़ -लिख कर बड़ा मुक़ाम हासिल कर रहे हे जबकि सरकारी स्कूलों के बच्चे एसा नहीं कर पा रहे है।

बिहार राज्य के नालंदा जिले से शोभा देवी की बात मोबाइल वाणी के माध्यम से संजीव कुमार से हुई उन्होंने बताया की सरकारी अस्पताल में बढ़िया इलाज नहीं मिलती है प्राइवेट अस्पताल में सही व्यवस्था मिलती है अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें और पूरी जानकारी सुनें

भारत का आम समाज अक्सर सरकारी सेवाओं की शिकायत करता रहता है, सरकारी सेवाओं की इन आलोचनाओं के पक्ष में आम लोगों सहित तमाम बड़े बड़े अर्थशास्त्रियों तक का मानना है कि खुले बाजार से किसी भी क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों में कंपटीशन बढ़ेगा जो आम लोगों को बेहतर सुविधाएं देगा। इस एक तर्क के सहारे सरकार ने सभी सेवाओं को बाजार के हवाले पर छोड़ दिया, इसमें जिन सेवाओं पर इसका सबसे ज्यादा असर हुआ वे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर पड़ा है। इसका खामियाजा गरीब, मजदूर और आम लोगों को भुगतना पड़ता है।

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मुकेश कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है की गर्मियों में कच्चे आम से फला कैसे बनता है और इसका क्या उपयोग है अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें और पूरी जानकारी सुनें

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बिहार राज्य के नालंदा जिले के नगरनौसा प्रखंड से प्रियंका कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि इन्होने "बचपन मनाओ बढ़ते जाओ " कार्यक्रम को सुना। जिसमे बताया गया था कि बदलते मौसम में बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। मौसम के अनुकूल बच्चों को कपड़े पहनाने चाहिए