मेरा नमस्कार सेभी को , मेरा नाम स्वभा डेमी देवी है , मैं बोल रही हूँ काश्यमा पंचायत नगर , नौसब , लोकनालैंड जिले से । गली सुनी है और सुना करके खाते हैं और अपने बेठे हैं लिट्टी और चौका , जो बिहार का प्रसिद्ध भोजन है , इसलिए वे यह बताएँगे । क्या नाम है मेरा नाम सुनीता कुमारी है होल्डर है , तो आपने रसोइये से मेरी पहचान पर मेरी आवाज सुनी है । सीख मिलाया है आपको क्या सीखाया आज हम स्क्रिप्ट चोखा के बारे में बताने जा रहे हैं , सबसे पहले हम आधा किलो या एक किलो आटा ले रहे हैं और उस में मांग थोडा सा मंग इतना आटा ली है हम तो यदि आप अधिक लोगों को खाना चाहते हैं , तो अपनी पसंद के अनुसार एक केस लें , फिर उसमें थोड़ा नमक डालें , फिर हम इसे लेंगे और आधे घंटे के लिए छोड़ देंगे । इसमें ले नामक आटा डालें और तेल डालें , इसे अच्छी तरह से मिलाएं , यानी आटा बनाएं , इसे सूखने के लिए छोड़ दें , फिर थोड़ा सा आटा डालें जिसे आचा कहा जाता है । और क्या होगा अगर हम इसे आधे घंटे के लिए छोड़ दें और पके हुए और मसालेदार आलू के बारे में भूल जाएं और फिर हम आलू को उबालें और फिर आलू को उबालें और उन्हें बादाम बना दें ।

सभी को नमस्कार, मेरा नाम पूजा कुमारी है, मैं नालंदा जिले के नगरनौसा प्रखंड के गोरयपुर पंचायत से बोल रहा हूँ। मैं पकवान गली कार्यक्रम के तहत आप सभी को गाजर का हलवा बनाने के बारे में बताने जा रही हूँ। सबसे पहले गाजर को अच्छे से धो ले, धोने के बाद गाजर को कद्दूकस कर ले । फिर एक कढ़ाई में तेल या फिर घी जो आपको अच्छा लगे उसे गर्म कर ले और गाजर को उसमे डाल कर अच्छे से भुने। भून जाने के बाद उसमे चीनी या फिर गुड़ दोनों में से कुछ भी डाल सकते है, उसके साथ साथ काजू, किसमिस, बादाम, गड़ी, छोहारा डाल कर अच्छे से भूंज ले और भूंजने के बाद उसमे दूध और मावा को डाल कर अच्छे से हलवा को चलाए और आपका गाजर का हलवा बन कर तैयार है

नमस्कार श्रोताओं , मेरी आवाज़ मेरी पहचान है , मैं दीपा हूँ , नगरनौसा से , मैं अपनी आवाज़ , अपनी पहचान सुनती हूँ , और मुझे इसे सुनना पसंद है । पिछले साल की तरह इस बार भी ब्लेन मार्क का समर्थन नहीं रहा । इसे शुरू किया गया है जिसमें मैं भाग लेना चाहूंगा और मैं उनके साथ अपनी एक छोटी सी डिस्क साझा करना चाहूंगा जिसमें सोयाबीन के हलवे में बहुत सारे पोषण होते हैं जो सोयाबीन का मतलब पोषक तत्व है । प्रोटीन का पावरहाउस माने जाने वाले सोयाबीन प्रोटीन , स्वस्थ वसा वाले कार्बोहाइड्रेट और विटामिन ए , विटामिन डी , विटामिन ई , आयरन और फॉस्फोरस मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं । इतना ही नहीं इसमें कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता भी होती है । सोयाबीन को भी भिगो कर खाया जा सकता है जैसे हम सुबह खाली पेट चना खाते हैं । इसी तरह हम भीगे हुए सोयाबीन खा सकते हैं । अगर हम खाली पेट सोयाबीन भी खाते हैं , तो यह हमें कैंसर से बचाता है और जो होता है वह टीवी की बीमारी है और जो होता है वह करंट लगना है । सोयाबीन में पोषक तत्वों में पाए जाने वाले सभी गुण होते हैं , तो आइए जानते हैं कि सोयाबीन का हलवा कैसे बनाया जाता है । हम पहले सोयाबीन को तीन घंटे के लिए पानी में भिगो देंगे । हम इसे सूखने तक भिगो देंगे और फिर इसे बाहर निकालेंगे , हम इसे अच्छी तरह से धो लेंगे , फिर हम इसे एक मिक्सर गाय में परीक्षण करेंगे , फिर हम करी को गर्म करेंगे , हम देसी घी के तीन चम्मच डालेंगे , हम इसे भूनना भूल जाते हुए भूनेंगे । हमारी रोशनी लाल हो जाएगी , फिर हम इसमें दो कटोरी दूध डालेंगे , दूध मिलाने के बाद , हम इसमें कुछ भुना हुआ ड्रावी डालेंगे , हम किट को तलना जारी रखेंगे , इसे घूंसा मारेंगे , यह एक तरह से जमा होने लगेगा , यह अच्छा होने लगेगा , लेकिन हम नहीं करेंगे । जितना आप मीठा खाते हैं उतना मिलाएं हम पिलानी मिलाएँगे और इसे एक साथ मिलाएँगे हम सोयाबीन का हलवा बनाने के बाद हलवा बनायेंगे हमारा हलवा तैयार है और यह हमारे भोजन और हमारे शरीर की मांसपेशियों में बहुत स्वादिष्ट होता है । और हड्डियों को मजबूत करने में मदद करता है , हमारे शरीर को भी विकसित करता है , और सोयाबीन हम हर तरह से खा सकते हैं , यहां तक कि बच्चों के लिए और बड़े लोगों के लिए , सोयाबीन पोषक तत्वों से भरे होते हैं , इसलिए हमारे एसपी

एक बार फिर आ गया है... ग्लेनमार्क कुकिंग कॉम्पटीशन!! जहां आपको रिकॉर्ड करनी है पोषक तत्वों से भरे व्यंजनों की रेसिपी. चुने हुए प्रतिभागियों को मिलेगा मुंबई जाने का मौका.. तो फोन में नम्बर 3 का बटन दबाएं और रिकॉर्ड करे रेसिपी!!