मनरेगा में भ्रष्टाचार किसी से छुपा हुआ नहीं है, जिसका खामियाजा सबसे ज्यादा दलित आदिवासी समुदाय के सरपंचों और प्रधानों को उठाना पड़ता है, क्योंकि पहले तो उन्हें गांव के दबंगो और ऊंची जाती के लोगों से लड़ना पड़ता है, किसी तरह उनसे पार पा भी जाएं तो फिर उन्हें प्रशासनिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस मसले पर आप क्या सोचते हैं? क्या मनरेगा नागरिकों की इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम हो पाएगी?

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सामान पैक करने का भी नहीं दिया समय.......

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स्थानीय थाना क्षेत्र के पिरथीपुर गांव निवासी सुरेश राम का पुत्र मनीष कुमार का घर शव आने पर उमड़ी लोगों की भीड़। प्राप्त जानकारी के अनुसार मनीष कुमार 25 वर्ष बॉम्बे में प्राइवेट कंपनी में काम करता था। उसका बम्बई के वापी में 15 सितम्बर को रात्रि में ट्रक के टक्कर से उसकी मौत हो गयी थी। पीएम के बाद शव को एम्बुलेंस से रविवार को घर लाया गया। जहां शव देखते ही ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठा हो गयी। वहीं परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था।

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उत्तर प्रदेश गाजीपुर बद्धोपुर नहर से बरही सड़क पर चल रहा काम उस पर काम कर रहे मजदूर का लिया गया साक्षात्कार इनका कहना है कि हम प्रवासी मजदूर ठेकेदार के माध्यम से यहां काम करने आए हैं काम करेंगे तो पैसा मिलेगा नहीं तो नहीं मिलेगा हम लोग पूरे परिवार के साथ आते हैं तो आइए इसी संदर्भ पर हम इनको सीधे गाजीपुर मोबाइल वाणी पर जोड़ते हैं

बिरनो क्षेत्र बद्धोपुर नहर पर चल रहा काम जिसमें मजदूर से लिया गया साक्षात्कार इनका कहना है कि हम बिहार से ठेकेदार के माध्यम से यहां आए हैं और रोजी रोटी कर रहे हैं लेकिन हमारे साथ में छोटे-छोटे बच्चे और बीवी भी हैं जिसके वजह से हम पढ़ा नहीं पाते हैं तो आइए इसी संदर्भ पर हम इनको सीधे गाजीपुर मोबाइल वाणी पर जोड़ते हैं

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