आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम सुनेंगे अपने श्रोताओं की राय

मनरेगा में भ्रष्टाचार किसी से छुपा हुआ नहीं है, जिसका खामियाजा सबसे ज्यादा दलित आदिवासी समुदाय के सरपंचों और प्रधानों को उठाना पड़ता है, क्योंकि पहले तो उन्हें गांव के दबंगो और ऊंची जाती के लोगों से लड़ना पड़ता है, किसी तरह उनसे पार पा भी जाएं तो फिर उन्हें प्रशासनिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस मसले पर आप क्या सोचते हैं? क्या मनरेगा नागरिकों की इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम हो पाएगी?

आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम जानेंगे एसएचजी यानि की स्वयं सहायता समुह से जुड़ने के क्या फायदे हैं और इससे जुड़ कर कैसे आप अपने जीवन में बदलाव ला सकते हैं।

उत्तरप्रदेश राज्य के सहारनपुर ज़िला से शिवम ,मोबाइल वाणी के माध्यम से यह जानकारी चाहते है कि उन्हें खुद का रोजगार के लिए लोन कैसे मिलेगा ?

इसके बरक्स एक और सवल उठता है कि क्या सरकारें चाहती हैं कि वह लोगों का खाने-पीने और पहनने सहित सामान्य जीवन के तौर तरीकों को भी तय करें? या फिर इस व्यवसाय को एक धार्मिक समुदाय को निशाना बनाने के लिए इस तरह के आदेश जारी किये जा रहे हैं। सरकार ने इस आदेश को जारी करते हुए इस बात पर भी ध्यान नहीं दिया कि उसके एक आदेश से कितने लोगों की रोजी रोटी पर असर पड़ेगा

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गाजीपुर के विकासखंड मनिहारी के थाना अंतर्गत शादियाबाद थाने के ग्राम पंचायत बुढ़नपुर के रहने वाली सीमा देवी की हालत ठीक नहीं थे उनके पति सुब्बा राम मेहनत मजदूरी करके किसी तरह पांच बच्चो का जीविका चलाते थे।लेकिन महंगाई के चलते राशन खरीदना पढ़ना भी मुश्किल था। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

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उत्तरप्रदेश राज्य के गाज़ीपुर ज़िला के बिरनो प्रखंड से कपिल देव की बातचीत गाज़ीपुर मोबाइल वाणी के माध्यम से मोहम्मद इरशाद से हुई। मोहम्मद इरशाद बताते है कि वो फेरीवाले है। फटे पुराने कपड़े गांव-गांव जाकर इकट्ठा कर अच्छे-अच्छे चादर ,बेडशीट बनाकर व्यापार करते है।इस व्यापार से जीविका अच्छे से नहीं चल रहा है। अगर व्यापार को बढ़ाते है तो उसके लिए पैसे चाहिए होंगे। जो इनके पास नहीं है। मशीन ,अन्य कारीगर रखने के लिए पैसे चाहिए