मुफ्त शिक्षा व्यवस्था को भंग करने वाली सरकार महंगे शिक्षा का प्रसाद बांट रही है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

त्योहारों पर महंगाई का तड़का लगा है. कई चीजों के दाम पहले से बढ़े हुए हैं। जिसके कारण लोग सोच कर भी पोषणयुक्त खाना नहीं खा पा रहे हैं

दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि भारत में हर साल 6.3 करोड़ लोगों को सिर्फ इसलिए गरीबी से जूझना पड़ता है क्योंकि उन्हें अपने स्वास्थ्य का खर्चा खुद उठाना पड़ता है। जिस देश में एक सांसद के स्वास्थ्य पर सरकार सालभर में 51 हजार रुपये से ज्यादा खर्च कर देती है, उसी देश के आम नागरिक के स्वास्थ्य पर सरकार 18 सौ रुपये के करीब ही खर्च कर पाती है। नेशनल हेल्थ प्रोफाइल 2021 के मुताबिक, अगर गांव में कोई व्यक्ति सरकारी अस्पताल में भर्ती होता है, तो उसका औसतन खर्च 4,290 रुपये होता है. वहीं, गांव में निजी अस्पताल में भर्ती होने पर उसे 22,992 रुपये खर्च करने पड़ते हैं. इसी तरह शहर में सरकारी अस्पताल में भर्ती होने पर 4,837 और निजी अस्पताल में 38,822 रुपये का खर्चा आता है. तो अब आप ये सोचिए जिस देश में 70 से 80 करोड़ एक वक़्त के राशन के लिए मोहताज़ हो , वो कैसे इलाज़ करवा पाएंगे। -------तब तक आप हमें बताइए दोस्तों कि आपके क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था के क्या हालात है ? -------आपके सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इलाज़ की स्थिति क्या है ? --------इस बढ़ती महँगाई के कारण स्वास्थ्य पर होने वाला खर्चा आपका कितना बढ़ा है ? --------दोस्तों इस मुद्दे पर अपनी बात को जरूर रिकॉर्ड करें अपने फोन से 3 नंबर का बटन दबाकर या फिर मोबाइल वाणी एप के जरिए एड का बटन दबाकर, क्योंकि याद रहे दोस्तों, बोलेंगे तो बदलेगा?

बिहार राज्य के जमुई ज़िला के गिद्धौर प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता रंजन कुमार जानकारी दे रहे हैं की आयुष्मान योजना सरकार की बहुत है महत्वकांक्षी योजना है। लेकिन इस योजना के लाभ से आज भी कई गरीब परिवार वंचित हैं। क्योंकि उन्हें इस योजना की कोई जानकारी ही नहीं है।लोग अस्पताल जा कर अपना पंजीयन करवा रहे हैं।आयुष्मान योजना के तहत अगर ग़रीबों का कार्ड बन जाता है, तो उन्हें यह सुविधा मिल जायेगी।

भारत सरकार सभी गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान देने का वादा किया है और इस पर सरकार काम भी कर रही है। लेकिन इस योजना का लाभ उन गरीब परिवारों तक नहीं पहुंच रहा है जिन्हें मिलना चाहिए।

केंद्रीय बजट पर गिद्धौर के युवा किसान नेता कुणाल सिंह ने मोबाइल वाणी के साथ बातचीत में क्या कुछ कहा सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता रंजन कुमार जानकारी दे रहे हैं कि सरकार ने तो गरीबों की मदद के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत तो कर दी है। लेकिन वास्तविक तौर पर गरीबों को इस योजना का लाभ ना के बरबार मिल रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण है, पंचायत सेवक से ले कर इस योजना से जुड़े सभी लोग भ्र्ष्टाचार में संलिप्त हैं। अगर गरीब परिवार पैसे देने से मना कर देती है, तो उनके जगह पर किसी और व्यक्ति को आवास योजना की किश्त दे दी जाती है। चाहे वो व्यक्ति इस योजना के लिए पात्र हो या ना हो। ऐसे में गरीबों को मजबूरन टूटे घरों में या खुले आसमान में जीवन गुजारना पड़ रहा है

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केंद्र सरकार ने सभी जिलों में प्रधानमंत्री जन सुरक्षा योजना के तहत कम दरों पर दवा की दुकान खोल रखा है ताकि गरीब परिवार सबसे कम दामों पर दवा खरीद सके। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

दोस्तों, योजना का पूरा खर्च केन्द्र सरकार उठाती है. राज्य सरकार का काम बुजुर्गों का पंजीयन करना, उनके लिए अन्नपूर्णा योजना कार्ड बनाना और राशन देना है. ध्यान रखे दोस्तों, कि इस योजना के तहत बनने वाले कार्ड का रंग सफेद होता है और कार्ड बन जाने के बाद बुजुर्ग नजदीकी सरकारी राशन दुकान से राशन ले सकते हैं. वन नेशन वन राशन कार्ड योजना लागू होने के बाद तो यह सुविधा भी दी जा रही है, कि बुजुर्ग किसी भी राज्य में रहते हुए इस योजना के तहत राशन प्राप्त कर सकते हैं. और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें