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जन समस्या

कंटेनर, डिवाइडर भी हैं मौजूद।

घरेलू हिंसा सभ्य समाज का एक कड़वा सच है।आज भले ही महिला आयोग की वेबसाइट पर आंकड़े कुछ भी हो जबकि वास्तविकता में महिलाओं पर होने वाली घरेलु हिंसा की संख्या कई गुना अधिक है। अगर कुछ महिलाएँ आवाज़़ उठाती भी हैं तो कई बार पुलिस ऐसे मामलों को पंजीकृत करने में टालमटोल करती है क्योंकि पुलिस को भी लगता है कि पति द्वारा कभी गुस्से में पत्नी की पिटाई कर देना या पिता और भाई द्वारा घर की महिलाओं को नियंत्रित करना एक सामान्य सी बात है। और घर टूटने की वजह से और समाज के डर से बहुत सारी महिलाएं घरेलु हिंसा की शिकायत दर्ज नहीं करतीं। उन्हें ऐसा करने के लिए जो सपोर्ट सिस्टम चाहिए वह हमारी सरकार और हमारी न्याय व्यवस्था अभी तक बना नहीं पाई है।बाकि वो बात अलग है कि हम महिलाओं को पूजते ही आए है और उन्हें महान बनाने का पाठ दूसरों को सुनाते आ रहे है। आप हमें बताएं कि *-----महिलाओं के साथ वाली घरेलू हिंसा का मूल कारण क्या है ? *-----घरेलू हिंसा को रोकने के लिए हमें अपने स्तर पर क्या करना चाहिए? *-----और आपने अपने आसपास घरेलू हिंसा होती देखी तो क्या किया?

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आप सभी ने बूथ कैप्चरिंग के बारे में तो सुना ही होगा, हो सकता है किसी ने देखा भी हो। मोटा-मोटी कहा जाए तो हर कोई जानता है कि बूथ कैप्चरिंग क्या होती है और कैसे होती है। इसको और बेहतर तरीके से समझना हो तो इस तरह से भी देखा जा सकता है कि भारत में होने वाले सभी प्रकार के चुनावों में पंचायत से लेकर संसद तक के चुनाव में सुरक्षा बल एक अनिवार्य जरूरत हैं। सुरक्षा बलों के बिना निष्पक्ष चुनावों की कल्पना भी नहीं की जा सकती। पिछले 75 सालों में इस एक मसले पर कुछ भी नहीं बदला है। यह हाल तब है जब पुलिस, प्रशासन और सुरक्षा बलों को देख कर डरने की प्रवत्ति आम है। ऐसे में कहना कि चुनाव निष्पक्ष होते हैं एक क्रुर मजाक से ज्यादा कुछ नहीं।

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दिल्ली एनसीआर श्रमिक वाणी के माध्यम से मोहम्मद शाहनवाज बता रहे हैं उत्तर पूर्वी दिल्ली के गोकलपुरी इलाके में हरनाम पैलेस तार सैनिक ने कर रखा था अवैध कब्जा दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी डीडीए ने सालों से कब्जा कर बनाए गए शॉपिंग कंपलेक्स शोरूम दुकान और मकान पर शनिवार को बुलडोजर चला दिया भारी पुलिस और सैनी बालों की मौजूदगी में डीडीए की टीम ने तोड़फोड़ की कार्रवाई की बताया जा रहा है कि गोकलपुरी में वजीराबाद रोड पर अवैध रूप से बनाए गए बिल्डिंग के ऊपर कारवाई की गई है डीडीए अपनी जमीन को खाली करने का प्रयास कर रहा था लेकिन राजनीतिक और कानूनी आरक्षणों की वजह से कार्रवाई नहीं हो पा रही थी शनिवार रविवार सोमवार मंगलवार इन चारों दिन डीडीए का जेसीबी बराबर चल रहे हैं

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