दिल्ली एनसीआर श्रमिक वाणी के माध्यम से रीना परवीन की बातचीत शबाना से हुई शबाना बताती हैं मै ई ब्लॉक गली नंबर 5 श्री राम कॉलोनी में रहती हूं हमारे पड़ोस में तीन दिन पहले एक डेंगू के कारण डेथ हो गई थी वह जवान लड़का था और उसकी उम्र लगभग 20 से 22 साल थी डेंगू इतना फैल रहा है कि दिल्ली नगर निगम के कर्मचारी मच्छर की दवाई वे फॉकिंग करने नहीं आ रहे हैं जिसकी वजह से मच्छर ज्यादा पनप रहे हैं

दिल्ली एनसीआर श्रमिक वाणी के माध्यम से रीना परवीन बता रही हैं विदेश से हाल ही में दिल्ली लौटे मरीजों में मंकीपॉक्स की संक्रमण की पुष्टि हुई है केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को बताया लोकनायक अस्पताल में भर्ती इन मरीजों के नमूनों को प्रशिक्षण में भेजा गया है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

पानी में आर्सेनिक, लोह तत्व और दूसरे घातक पदार्थों की मात्रा महिलाओं के स्वास्थ्य पर सबसे बुरा असर कर रही है और फिर यही असर गर्भपात, समय से पहले बच्चे का जन्म या फिर कुपोषण के रूप में सामने आ रहा है. साथियों, हमें बताएं कि आपके परिवार में अगर कोई गर्भवति महिला या नवजात शिशु या फिर छोटे बच्चे हैं तो उन्हें पीने का पानी देने से पहले किस प्रकार साफ करते हैं? अगर डॉक्टर कहते हैं कि बच्चों और महिलाओं को पीने का साफ पानी दें, तो आप उसकी व्यवस्था कैसे कर रहे हैं? क्या आंगनबाडी केन्द्र, एएनएम और आशा कार्यकर्ता आपको साफ पानी का महत्व बताती हैं? और ये भी बताएं कि आप अपने घर में किस माध्यम से पानी लाते हैं यानि बोरवेल, चापाकल या कुएं और तालाबों से?

यह कार्यक्रम बताता है कि कैसे अनियमित बारिश, सूखा और बाढ़ किसानों की आजीविका, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य और समग्र जीवन गुणवत्ता को प्रभावित कर रहे हैं। यह श्रोताओं को अपने अनुभव साझा करने और समाधान सुझाने के लिए आमंत्रित करता है, जिससे जागरूकता बढ़ाने और सामुदायिक समर्थन को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया जाता है।

लू लगने के लक्षण और घरेलू उपचार के साथ साथ सावधानियां और बचाव के तरीके, डॉक्टरी सलाह के साथ गर्मी से निपटने की तैयारियां। क्या आपने भीषण गर्मी यानी लू लगने के ऐसे लक्षण खुद में या अपने परिवार, दोस्त या पड़ोसी में देखे हैं? अगर हाँ, तो आपने या उन्होंने ऐसे में क्या कदम उठाए? भीषण गर्मी से जुड़ी और किस तरह की जानकारी आप सुनना चाहेंगे?

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गुजरात से मुकेश मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि स्वच्छता अभियान शुरू होने से अब घरों में मच्छर कम आते हैं और बीमारियाँ भी नहीं होती है

कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की स्वीकारोकती के बाद सवाल उठता है, कि भारत की जांच एजेंसियां क्या कर रही थीं? इतनी जल्दबाजी मंजूरी देने के क्या कारण था, क्या उन्होंने किसी दवाब का सामना करना पड़ रहा था, या फिर केवल भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है। जिसके लिए फार्मा कंपनियां अक्सर कटघरे में रहती हैं? मसला केवल कोविशील्ड का नहीं है, फार्मा कंपनियों को लेकर अक्सर शिकायतें आती रहती हैं, उसके बाद भी जांच एजेंसियां कोई ठोस कारवाई क्यों नहीं करती हैं?

उत्तरप्रदेश राज्य से अनुज कुमार मोबाइल वाणी से बता रहे हैं कि मच्छरों से बचाव के लिए दवाई का छिड़काव नहीं किया जा रहा है

चिंकी गौतम श्रमिक वाणी के माध्यम से बता रही है की उनके क्षेत्र में टीवी की दवा की कमी से बढ़ रही है मरीजों की मुश्किलें