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दोस्तों, हमारे यह 2 तरह के देश बसते है। एक शहर , जिसे हम इंडिया कहते है और दूसरा ग्रामीण जो भारत है और इसी भारत में देश की लगभग आधी से ज्यादा आबादी रहती है। और उस आबादी में आज भी हम महिला को नाम से नहीं जानते। कोई महिला पिंटू की माँ है , कोई मनोज की पत्नी, कोई फलाने घर की बड़ी या छोटी बहु है , कोई संजय की बहन, तो कोई फलाने गाँव वाली, जहाँ उन्हें उनके मायके के गाँव के नाम से जाना जाता है। हम महिलाओ को आज भी ऐसे ही पुकारते है और अपने आप को समाज में मॉडर्न दिखने की रीती का निर्वाह कर लेते है। समाज में महिलाओं की पहचान का महत्व और उनकी स्थिति को समझने की आवश्यकता के बावजूद, यह बहुत दुःख कि बात है आधुनिक समय में भी महिलाओं की पहचान गुम हो रही है। तो दोस्तों, आप हमें बताइए कि *-----आप इस मसले को लेकर क्या सोचते है ? *-----आपके अनुसार से औरतों को आगे लाने के लिए हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है *-----साथ ही, आप औरतों को किस नाम से जानते है ?

झारखण्ड से विजय कुमार ने श्रमिक वाणी के माध्यम से बताया कि यदि किसी ने डिसेबिलिटी यूनिट आईडी का कार्ड नहीं बनाया है, डिसेबिलिटी यूनिट आईडी का कौन सा कार्ड आपको डिसेबिलिटी यूनिट आईडी का कार्ड बनाना है और इसके बीच चार सौ रुपये यानी चार सौ रुपये एकत्र किए जाते हैं और इसके साथ आधार कार्ड, विकलांगता का प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार की तस्वीर और कागज पर अंग का निशान होता है। इन दोनों में से कोई भी काम करें लेकिन एक ही काम करें, अंगूठे का निशान लगाएं या सीखने की तैयारी करें लेकिन अगर आप अंगूठे का निशान लगाते हैं, तो निश्चित रूप से एक अंगूठे का निशान लगाएं और किसी से अपना नाम, अपनी पत्नी का नाम आदि डालने के लिए कहें। अपने पिता का नाम लिखें, अगर आप लिखना चाहते हैं तो लिखें और अगर आप खुद नहीं लिख पा रहे हैं तो आप किसी को अपना नाम लिख देंगे। हां, इसमें मोबाइल नंबर न लिखें, लेकिन उस पर मोबाइल नंबर जरूर लिखें, इसलिए यदि आपके पास शुल्क है, तो चार सौ रुपये की समान राशि का भुगतान करके अपना डीवीएन का यूनिट आईडी कार्ड बनाने के लिए भी कहा गया है।

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आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम सुनेंगे और जानेंगे पैसों के सही निवेश के बारे में

-अंत्योदय कार्ड की जानकारी दें -राशन कार्ड कैसे बनेगा? -इन प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

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उत्तर प्रदेश राज्य के श्रावस्ती जिला शीला देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से बात रही है की रफ़ी की डायरी कार्यक्रम को लोग काफी पसंद कर रहे हैं।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।