ऑक्सफैम इंडिया, छोटानागपुर सांस्कृतिक संघ रांची, नया सवेरा विकास केंद्र एवं विकास फाउंडेशन हजारीबाग के संयुक्त तत्वाधान में हजारीबाग क्षेत्र के 300 प्रवासी मजदूरों के परिवारों दिहाड़ी मजदूरों एवं अन्य जरूरतमंद लोग जिनकी आमदनी के श्रोत लाॅक डाउन की वजह से बंद हो गए हैं और खुद को बचाने के लिए इनके समक्ष भोजन एक प्राथमिक जरूरत बन गई है ऐसे चिन्हित लोगों के बीच एक माह का राशन किट का वितरण का प्रारंभ रविवार को सदर प्रखंड विकास पदाधिकारी अमिताभ भगत के हाथों किया गया ...विस्तार पूर्वक खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

झारखण्ड राज्य के गोड्डा ज़िला से शंकर सुमन ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि डिशेरगढ़ त्रिशक्ति महिला मंडल राजमहल शाखा की ओर से सोमवार को आधा दर्जन सिलाई सीखने वाली महिला के बीच खाद्य सामग्री का वितरण किया गया। ईसीएल की प्रथम महिला एवं महिला मंडल की अध्यक्षा पूनम मिश्रा जी के मार्गदर्शन में वितरण किया गया । वही ईसीएल राजमहल की प्रथम महिला सह स्थानीय त्रिशक्ति महिला शाखा की अध्यक्षा सुचालिता नायक के नेतृत्व में उर्जानगर की महिलाओं ने सुरभि क्लब ऊर्जानगर में 6 ऐसे परिवारों के बीच में पॉकेट बनाकर खाद्य सामग्री एवं अन्य वस्तुओं का वितरण किया ।

उज्जवला योजना की लाभुक नावाडीह प्रखंड बोकारो जिला निवासी शीला देवी से बातचीत

झारखंड राज्य के बोकारो ज़िला के जरीडीह प्रखंड से शिव नारायण महतो ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की चास प्रखंड के करहरिया पंचायत के चिरोटाढ निवासी बिमल टुडू मजदूरी कर अपना परिवार की जीविका चलाते थे । अचानक हुए लॉक डाउन से उनका काम पूरी तरह से बंद हो गया और जो पैसा बिमल टुडू ने बचा कर रखा था वो भी ख़त्म हो गया था ।जिससे परिवार चलाने में इन्हे काफी परेशानी होने लगी थी। साथ ही इनके पास राशन कार्ड भी नहीं है जिसके कारण पंचायत की ओर से इन्हे कोई सहायता नहीं मिल पा रही था।इस आपदा में राहत दिलाने के लिए शिव नारायण महतो ने दिनाँक 30/04/2020 को मोबाइल वाणी पर एक खबर प्रसारित किया जिसका शीर्षक था" राशन कार्ड नहीं रहने से दाने-दाने को मोहताज़ हैं बिमल टुडू "। खबर चलने के बाद शिव नारायण महतो ने संबंधित मुखिया से फोन पर सम्पर्क किया। जिसके बाद बिमल टुडू को रविवार के दिन शाम तक दस किलो चावल दे दिया गया।

झारखण्ड राज्य के बोकारो ज़िला के कसमार प्रखंड से कमलेश जयसवाल ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि उन्होंने 23 अप्रैल 2020 को एक ख़बर मोबाइल वाणी पर प्रसारित किया था जिसका शीर्षक था ,'सोनपुरा निवासी रंजना सिंह ने राशन कार्ड निरस्त किए जाने के खिलाफ जांच की मांग की हैं '।जिसमें यह बताया गया था कि रंजना सिंह शिक्षित बेरोज़गार है और अपने पति के आमदनी पर ही निर्भर है। उनका राशन कार्ड किसी कारणवश निरस्त कर दिया था। जिस कारण लॉक डाउन के बीच उन्हें काफ़ी समस्या हो रही थी। प्रसारण के बाद इस ख़बर को व्हाट्सप्प व फेसबुक के द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधि व सभी अधिकारियों को सुनाया गया। असर यह हुआ कि रंजना के पति मनोज कुमार सिंह ने मोबाइल के माध्यम से यह जानकारी दिया कि सोनपुरा क्षेत्र के कोटेदार ने उन्हें बुलाकर 10 किलो चावल निशुल्क प्रदान किया।कोटेदार ने यह भी कहा कि जबतक राशन कार्ड नहीं मिलता है तब तक लॉक डाउन के दौरान रंजना सिंह को निशुल्क 10 किलो चावल मिलता रहेगा। इसके साथ ही मुखिया प्रतिनिधि ने भी इन्हे आश्वश्त किया कि रंजना सिंह का राशन कार्ड ज़ल्द ही बनवा दिया जाएगा। कोटेदार से यह भी जानकारी मिली कि लॉक डाउन के कारण ऐसे स्थानीय लोग जिनका राशन कार्ड नहीं बना है ,प्रखंड से उन लोगों की सूची बनकर आई है। ऐसे लोगों को भी 10 किलो चावल देने का आदेश है।

झारखण्ड राज्य के गिरिडीह ज़िला से महेंद्र मंडल ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि वो दृष्टिबाधित है। उनके दो भाई है। राशन कार्ड में केवल उन्ही का नाम है। कम राशन मिलने के कारण उन्हें परिवार का भरण पोषण करने में मुश्किल हो रही है। पेंशन भी नहीं आ रहा है

झारखण्ड राज्य के गोड्डा ज़िला के हरियारी ग्राम से बिमल कुमार ,झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से ये जानना चाहते है कि जिसके पास राशन नहीं है ,उन्हें राशन कैसे मिलेगा। प्रधान द्वारा राशन तो मिल रहा है लेकिन पर्याप्त नहीं मिलता है। मज़दूर का परिवार है और घर में खाने की व्यवस्था नहीं है।

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग ज़िला के चौपारण प्रखंड के फुलवरिया ग्राम से नौजन कुमार ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि उनका विकलांग पेंशन लगभर तीन महीनें से नहीं आ रहा है। उनका परिवार बहुत ग़रीब है। अब राशन भी उनके घर में ख़त्म हो चुका है

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कोरोना महामारी के दौरान हुए लॉक डाउन कई लोग अपनी मूल बहुत जरूरतों को पूरा करने के लिए जूझ रहे हैं। ऐसी लोगों की मदद के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार कई योजनाएं चला रही है। ऐसे ही जरूरतमंद लोगों तक खाना मुहैया कराने के लिए झारखण्ड सरकार ने कई साड़ी पहल की है। जिसमें से एक है ,आकस्मिक राहत पैकेट का आबंटन। जिसमें दो किलो छुड़ा के साथ 500 ग्राम चना और 500 ग्राम गुड़ का आबंटन किया जा रहा है।