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झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला के दाढ़ी प्रखंड से मोहम्मद असरार अंसारी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं, कि समाज के ताजा और ज्वलंत मुद्दों में एक है सी.एस.आर फंड। जिसे समाज के कल्याण विभाग के द्वारा बनाए गए कानून के तहत क्षेत्र में चल रहे कल कारखाने,उद्योग एवं कंपनियों स्थानीय वंचित परिवारों एवं समाजों के बीच सी.एस.आर फंड के द्वारा सामाजिक कल्याणकारी कार्य करने का प्रावधान है। लेकिन देखा जाता है, कि कई क्षेत्र में स्थित ऐसा कार्य कोई भी कम्पनी द्वारा अबतक नहीं किया गया है, जिसकी सराहना की जा सके। साल 1973 में कुजू कोलयरी की कई शाखाएँ जैसे-टोपा,टिण्डा,कुजू कुण्डी,सहुगढ़ा,आरा,रेलीगढ़ा आदि जगहों में कोलयरी चल रहा है और कोयले का काफी मात्रा में उत्पादन कर ख्याति प्राप्त भी किया। लेकिन मुनाफे का चंद राशि का भी यदि सी.एस.आर फंड के द्वारा क्षेत्र में काम हो जाता तो अबक क्षेत्र काफी विकसित हो जाता। इसके लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने अपने स्तर से कई बार कंपनियों के समक्ष क्षेत्र की समस्याओं के अरे में अवगत कराया लेकिन आश्वाशन के सिवा आज तक कुछ भी जमीनी स्तर पर सी.एस.आर फंड को असर नहीं हुआ है।

झारखण्ड राज्य के हाज़िरीबाग़ जिला के दाढ़ी प्रखंड से मोहम्मद असरार अंसारी और इनके साथ एक श्रमिक मजदुर उपेंद्र कुमार से बातचीत किये इस बातचीत में उपेंद्र कुमार ने बताया कि गुजरात में प्रवासी मजदूरों के साथ जिस तरह का बरताव किया गया वह बहुत गलत है। ऐसा नहीं होना चाहिए किसी भी राज्य के मजदुर हो उनके साथ भेद भाव नहीं करना चाहिए।कई बार ऐसे खबर सुनने को मिला है, कि कम्पनियाँ स्थानीय कामगारों को काम देने से काफी कतराती है क्योकि स्थानीय मजदुर काम कम और पैसे की मांग अधिक करते हैं। पर प्रवासी मजदुर कम पैसे में ही अधिक काम करने को तैयार हो जाते हैं।कई राज्यों में मजदूरी देने के नाम पर भी प्रवासी मजदूरों के साथ शोषण किया जाता है। यदि स्थानीय क्षेत्र में मजदूरी 300 रूपये है तो प्रवासी मजदूरों को कह दिया जाता है कि यहाँ 250 रूपये ही देंगे। ऐसी स्थिति में मजदूर कम वेतन में ही काम करने को तैयार हो जाते हैं। दूसरी ओर मजदूरों को प्रवासी मजदूरों के साथ हो रहे शोषण के ऊपर सरकार का कोई ध्यान नहीं होता है।

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला के दाड़ी प्रखंड से मोबाइल वाणी रिपोर्टर असरार अंसारी जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि हर किसी के जीवन में पानी का बहुत बड़ा महत्व है।और यह बात भी सच है कि जितनी आवश्यकत हमारे लिए पानी की है उतनी ही आवश्यकता है शुद्ध पेयजल की।उन्होंने बताया कि दाड़ी प्रखंड में ज्यादातर लोग कुआं का पानी पीते हैं ,जो स्वच्छ नहीं होता है।यह अलग बात है कि कुछ लोग पानी को उबालकर पीते हैं और कुछ सुखी संपन्न लोग अपने घरों में फ़िल्टर मशीन लगाकर रखें हैं। उन्होंने बताया कि दाड़ी प्रखंड के गिद्दी , रेलेगड़ा,बलसोकरा , हुआंग आदि पंचायतों में जलमीनार की व्यवस्था है और इससे जलापूर्ति भी की जाती है लेकिन दुःख की बात तो यह है कि पानी की शुद्धता का ध्यान नहीं रखा जाता है। उक्त जलमीनार से जलापूर्ति तो होती है लेकिन पानी की गुणवत्ता काफी ख़राब होती है। और गौर करने वाली बात तो यह है कि यहां के जनप्रतिनिधि इस ओर कोई ध्यान नहीं देते।

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झारखंड राज्य के हज़ारीबाग जिला से मोहम्मद अंसारी बताते हैं कि बाल विवाह कानून अपराध है।इस पर पूरी तरह रोक लगाने के लिए हमें व्यक्तिगत या समाजिक तौर पर एकजुट हो कर आगे आना होगा।हमें एक साथ प्रयास करने की जरुरत है।एक अभियान के रूप में सभी को मिल कर इसके खिलाफ जागरूक होना होगा।जरुरत हो तो प्रशासन की भी मदद लेनी चाहिए।बाल विवाह किसी भी परिवार के हित में नहीं है,इसे आर्थिक,शारीरिक और मानसिक क्षति होती है।इसका असर हर पीढ़ी पर पड़ता है।

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जिला हज़ारीबाग़ के दाड़ी प्रखंड से मोहम्मद असरार अंसारी जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि यह बात पूरी तरह से सच है कि भारत एक कृषि प्रधान देश है, और यंहा के 70% लोग कृषि पर ही निर्भर रहते हैं ठीक उसी प्रकार झारखण्ड में भी 70 से 80% लोग कृषि पर ही निर्भर हैं। लेकिन वर्तमान समय में किसान अपने परिवारों का भरण-पोषण ठीक ढंग से कर सके इस उद्देश्य से रासायनिक खाद के साथ-साथ कीटनाशक दवाईयों का इस्तेमाल अधिक संख्या में कर रहे हैं।जिससे खेतों की उर्वरक शक्ति ख़त्म होती जा रही है।साथ ही इससे उपजे पदार्थों को खाने से कई नुकसान होने की संभावना बनी रहती है।हालांकि इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा खेतों में जैविक खाद का प्रयोग बढ़ाने की दिशा में पहल की जा रही है, लेकिन लोगों तक इसकी सही जानकारी नहीं पहुँच पा रही है।ठीक उसी प्रकार दाड़ी प्रखंड में 50% किसानों के पास जैविक खाद की जानकारी नहीं है।इससे पहले किसान घरेलु खाद यानी जानवरों के गोबर को खाद के रूप में अपने खेतों में इस्तेमाल करते थे।लेकिन वर्तमान समय में इसका उपयोग ना के बराबर हो रहा है।

झारखंड राज्य के हज़ारीबाग जिला के चुरचू प्रखंड से मो० ताज़ीम अंसारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि इन्होंने खुद अपने प्रखंड से हर घर में जाकर लोगों को बाल विवाह के विरुद्ध लोगो को समझाया। समाज के सभी लोगों को इन्होंने बताया कि बाल विवाह करना कानूनन अपराध है। साथ ही इन्होंने बताया कि इनके प्रखंड का अगर कोई भी व्यक्ति बाल विवाह करने का प्रयास करता है , तो उसे चिन्हित करके सरे समाज के सामने लाया जायेगा। ताकि उस पर कार्रवाई हो सके