बिहार राज्य के मुंगेर जिला के टेटियाबम्बर से गोरेलाल मंडल मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि आजादी के बाद प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बाद अभी वर्तमान के प्रधानमंत्री नरेंद्र दास मोदी देश में हैं। जब जब जरूरत पड़ा है देश के प्रधानमंत्री अपने स्तर से सारा काम करते हैं। दूसरे देश में राष्ट्रपति सबकुछ होते हैं अपने देश में राष्ट्रपति सिर्फ सिगनेचर करने के लिए होते हैं कि संसद क्या पारित करती है उसको दस्तखत कर दें। प्रधानमंत्री जो भी कुर्सी पर रहते हैं वे अपने नजरिया से काम करते हैं उसको जनता अपने नजरिया से देखती है। लेकिन पांच वर्ष बाद जब चुनाव का संविधान में व्यवस्था है तो आपको क्या करना है क्या नहीं करना चुनाव के माध्यम से उसको कर सकते हैं। पर ऐसे कुछ करने के लिए दो तिहाई बहुमत चाहिए इसलिए ऐसे कुछ बोलने से और नहीं बोलने से उनकी कुर्सी पर असर पड़ता है

नए नए आजाद हुए देश के प्रधानमंत्री नेहरू एक बार दिल्ली की सड़कों पर थे और जनता का हाल जान रहे थे, इसी बीच एक महिला ने आकर उनकी कॉलर पकड़ कर पूछा कि आजादी के बाद तुमको तो प्रधानमंत्री की कुर्सी मिल गई, जनता को क्या मिला, पहले की ही तरह भूखी और नंगी है। इस पर नेहरु ने जवाब दिया कि अम्मा आप देश के प्रधानमंत्री की कॉलर पकड़ पा रही हैं यह क्या है? नेहरू के इस किस्से को किस रूप में देखना है यह आप पर निर्भर करता है, बस सवाल इतना है कि क्या आज हम ऐसा सोच भी सकते हैं?

बिहार राज्य के मुंगेर जिला से गोरेलाल मंडल मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है की पहले के मुकाबले अभी की राजनीति काफी बदल गई है। पहले के समय में पार्टी के लिए मेहनत करने वाले कार्यकर्ता को पार्टी का टिकट दिया जाता था, पर अभी के समय में ऐसा नहीं है।

बिहार राज्य के मुंगेर जिला से गोरेलाल मंडल मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है की अभी कुछ राज्य में चुनाव होने वाले है, और इस आगामी चुनाव को लेकर बहुत सारे फेरबदल देखने को मिलेंगे। जिस नेता या मंत्री को जहाँ पर फयदा दिखेगा वो वहां पर अपनी पार्टी बदल लेंगे। ये पहले से ही होते आया है और इसमें हम या आप कुछ नहीं कर पाएंगे

बिहार राज्य के मुंगेर जिला से गोरेलाल मंडल मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है की जो चुनाव लड़ते है या जो राजनीती करते है, वो किसी के बारे में नहीं सोचते है। उन्हें केवल अपने स्वार्थ की पड़ी रहती है। सांसद, मंत्री और विधायक जिन्हे राज्यसभा में जाना होता है, वे केवल अपने काम के लिए सोचते हैं, वे अपने फायदे के बारे में सोचते हैं। वो सिर्फ वोट लेने के लिए जनता का विश्वास जीतते है

Transcript Unavailable.

समाज कि लड़ाई लड़ने वाले लोगों के आदर्श कितने खोखले और सतही हैं, कि जिसे बनाने में उनकी सालों की मेहनत लगी होती है, उसे यह लोग छोटे से फाएदे के लिए कैसे खत्म करते हैं। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब कोई प्रभावशाली व्यक्ति ने इस तरह काम किया हो, नेताओं द्वारा तो अक्सर ही यह किया जाता रहा है। हरियाणा के ऐसे ही एक नेता के लिए ‘आया राम गया राम का’ जुमला तक बन चुका है। दोस्तों आप इस मसले पर क्या सोचते हैं? आपको क्या लगता है कि हमें अपने हक की लड़ाई कैसे लड़नी चाहिए, क्या इसके लिए किसी की जरूरत है जो रास्ता दिखाने का काम करे? आप इस तरह की घटनाओं को किस तरह से देखते हैं, इस मसले पर आप क्या सोचते हैं?

भारतीय संविधान किसी के आर्टिकल 14 से लेकर आर्टिकल 21 तक समानता की बात कही है, इस समानता धार्मिक आर्थिक राजनीतिक और अवसर की समानता का जिक्र किया गया है। इस समानता किसी प्रकार की जगह नहीं है और किसी को भी धर्म, जाति और समंप्रदाय के आधार पर कोई भेद नहीं किये जाने का भी वादा किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार के हालिया फैसले में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि वह धर्म की पहचान के आधार भेदभाव पैदा करने की कोशिश है।दोस्तों आप इस मसले पर क्या सोचते हैं? क्या आप सरकार के फैसले के साथ हैं या फिर इसके खिलाफ, जो भी हो इस मसले पर आपकी क्या राय है? आप इस मसले पर जो भी सोचते हैं अपनी राय रिकॉर्ड करें

मोटाभाई ने महज एक शादी में जितना खर्च किया है, वह उनकी दौलत 118 बिलियन डॉलर का 0.27 है। जबकि उनकी दौलत कृषि संकट से जूझ रहे देश का केंद्रीय बजट का 7.5 प्रतिशत से भी कम है। जिस मीडिया की जिम्मेदारी थी कि वह लोगों को सच बताएगा बिना किसी का पक्ष लिए, क्या यह वही सच है? अगर हां तो फिर इसके आगे कोई सवाल ही नहीं बनता और अगर यह सच नहीं तो फिर मीडिया द्वारा महज एक शादी को देश का अचीवमेंट बताना शुद्ध रूप से मुनाफे से जुड़ा मसला है जो विज्ञापन के रुप में आम लोगों के सामने आता है। क्योंकि मीडिया का लगभग पचास प्रतिशत हिस्सा तो मोटाभाई का खुद का है और जो नहीं है वह विज्ञापन के लिए हो जाता है "कर लो दुनिया मुट्ठी में” की तर्ज पर। दोस्तों, इस मुद्दे पर आप क्या सोचते है ?अपनी राय रिकॉर्ड करें मोबाईलवाणी पर, अपने फोन से तीन नंबर का बटन दबाकर या फिर मोबाईल का एप डाउनलोड करके।

Transcript Unavailable.