बिहार के मुंगेर जिले के टेटिया बंपर प्रखंड के मध्य विद्यालय लोहारा एक सरकारी स्कूल में मध्याह्न भोजन खाने से करीब तीन दर्जन बच्चों की तबियत बिगड़ गई. वही परिजन के द्वारा आनंद फलन में इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया है हालांकि बच्चों की खतरे से बाहर बताई जा रही है. सभी बच्चो को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. इधर इस संबंध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी भोगेंद्र कांति ने बताया कि स्कूल में मध्यम भोजन खाने से सभी बच्चे घर चले गए थे घर जाने के बाद तबीयत बिक रहा है मामले की जानकारी मिली है छानबीन की जा रही है
मुंगेर जिला के टेटिया बंपर प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्र के आदिवासी इलाका के सकलदेव टुडू ने जलवायु परिवर्तन पर लोगों को कई संदेश दिए हैं वही मोबाइल वाणी पर रिकॉर्ड की गई है
मुंगेर जिला के टेटिया बंपर प्रखंड के डांगरा गांव के सकलदेव टुडू ने बताया कि जलवायु परिवर्तन पर लोगों को कई चीज का संदेश दिया वहीं उन्होंने बताया कि अभी तक में क्षेत्र में हजारों लाखों पर लगा चुके हैं वहीं लोगों को पेड़ लगाने के लिए जागरूक भी कर रहे हैं मोबाइल वाणी पर खास बातचीत कर उन्होंने लोगों को संदेश दिया है
टेटिया बंपर प्रखंड क्षेत्र के सरपंचों की एक बैठक ग्राम कचहरी धौरी में आयोजित की गई। जिसकी अध्यक्षता बनगामा पंचायत के सरपंच ललन कुमार ने की। वही जानकारी देते हुए बैठक की अध्यक्षता कर रहे सरपंच ललन कुमार ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र में न्याय दिलाने वाले सरपंच लोगों का कोई संगठन नहीं था। जिसको लेकर एक बैठक आयोजित कर सरपंच संघ का गठन किया गया ।सर्व समिति से धौरी पंचायत के सरपंच रविंद्र मंडल को प्रखंड अध्यक्ष मनोनीत किया गया। वही आगे उन्होंने बताया कि नवनिर्वाचित प्रखंड अध्यक्ष का नेतृत्व में संगठन मजबूत होगा और किसी भी निर्णय को लेने में हम लोग एक सूत्र में बंधेंगे। मौके पर टेटिया पंचायत के सरपंच सविता सिंह, केसौली पंचायत के सरपंच चंद्रशेखर सिंह, धौरी पंचायत के सरपंच रविंद्र कुमार मंडल, मुखिया धर्मेंद्र बिन्द वार्ड सदस्य विपिन कुमार समेत सभी सरपंच मौजूद रहे।
मुंगेर जिला के टेटिया बंपर प्रखंड में पशुपालकों के लिए इन दिनों लंपी बीमारी कहर बनकर टूट पड़ा है। यूं तो लंपी बीमारी प्रखंड क्षेत्र में दस्तक दे दिया था। जिससे महौता सहित आसपास के गांवों में आधे दर्जन से अधिक गाय की मौत हुई थी, लेकिन इन सबसे विभाग बेखबर रहने से लंपी ने रौद्र रूप धारण कर लगभग पूरे प्रखंड में अपना कहर बरपा रही है। जिसके कारण एक अनुमान के तहत लगभग 10 अधिक पशुओं की मौत अबतक हो चुकी है। और मौत का सिलसिला अभी तक जारी है। जिससे पशुपालकों के बीच हताशा का माहौल है। जबकि विभाग पशुओं का टीकाकरण के लिए समय-समय पर पशु पखबाडा का आयोजन करती हैं। लेकिन पशुपालकों का आरोप है कि टीकाकरण महज कागजों में ही सिमट कर रह जाती है। पशुओं में होने वाले लंपी बीमारी के लक्षण चिकित्सक डा प्रकाश कुमार की मानें तो लंपी वायरस पशुओं में पाया जाने वाला खतरनाक वायरस है। यह परजीवी कीट,मच्छर, मक्खी के काटने, दूषित जल, दूषित चारा से होता है। पशुओं के पुरे शरीर में गांठ बन जाती है। लंपी बीमारी से एक पशु से दूसरे पशुओं में तेजी से फैलता है।
बिहार राज्य के मुंगेर जिला के टेटिया बंबर प्रखंड के हमारे एक संवाददाता अविनाश कुमार ने दिनांक 8 सितम्बर को मुंगेर मोबाइल वाणी पर एक खबर प्रसारित कर बताया था कि एक विशाल पेड़ सड़क पर गिरने के कारण वाहनों का परिचालन बाधित हो गया था मोबाइल वाणी खबर का हुआ ग्रामीण ने लिया संज्ञान ग्रामीण ने बताया कि झमाझम बारिश होने के कारण बीच सड़क पर विशाल वृक्ष का गिर जाने के कारण आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया था वही मोबाइल वाणी पर खबर चलने के बाद ग्रामीण ने संज्ञान में लेते हुए विशाल वृक्ष को सड़क से हटा दिया है ग्रामीण ने मोबाइल वाणी को धन्यवाद दिया है
लंपी पशुओं को होने वाली एक छुआछूत वाली बीमारी है। यह पाक्स वायरस से मवेशियों में फैलती है और यह बीमारी मच्छर और मक्खियों के जरिए एक से दूसरे पशुओं में फैलती है। इस बीमारी के लक्षणों में पशु के शरीर पर छोटी-छोटी गाठें बन जाती हैं, जो मवाद के साथ धीरे-धीरे पूरे शरीर पर फैलने लगती है। पिछले दिनों खड़कपुर अनुमंडल के टेटिया बंपर प्रखंड मुख्यालय के कई गांव जगतपुरा तिलकारी धोरी कई पशुओं में लंपी के लक्षण देखने को मिले। वहीं जगतपुर गांव में दर्जनों पशु संक्रमण है इस बीमारी की चपेट में आकर कई पशुओं की मौत भी हो गई। टेटिया बंपर के पशु चिकित्सक डॉ प्रकाश कुमार के अनुसार इस बीमारी के कारण पशु के शरीर पर जख्म नजर आने लगते हैं और पशु खाना कम कर देता है। उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी इसके प्रसार के साथ घटने लगती है। इसकी चपेट में आकर पशु की मौत भी हो सकती है पशु चिकित्सकों के अनुसार इस बीमारी की शुरुआत में पशु को दो से तीन दिन के लिए हल्का बुखार रहता है। उसके बाद पूरे शरीर में गाठें (2-3 सेमी) निकल आती हैं। ये गाठें गोल उभरी हुई होती हैं जो चमड़ी के साथ-साथ मसल्स की गहराई तक प्रवेश कर जाती हैं। मवेशी के मुंह, गले, श्वांस नली तक इस बीमारी का असर दिखता है। साथ ही लिंफ नोड में सूजन, पैरों में सूजन, दुग्ध उत्पादकता में कमी, गर्भपात, बांझपन और कभी-कभी जानवर की मौत भी हो जाती है। क्या है इस बीमारी का इलाज: पशु चिकित्सक के निर्देश अनुसार ही इलाज करना चाहिए। बीमार पशु को स्वस्थ पशु से अलग रखना चाहिए संक्रमण रोकने के लिए मवेशी को 5 से 7 दिन तक एंटी बायोटिक लगाना चाहिए बुखार होने पर मवेशी को पेरासिटामाल अनिवार्य रूप से खिलाएं मवेशी को मल्टीविटामिन खिलाना चाहिए। साथ ही डाक्टरी सलाह पर इनके घाव पर दवा लगाएं संक्रमित पशु को पर्याप्त मात्रा में तरल और हल्का खाना व हरा चारा देना चाहिए मौत होने पर संकमित मृत पशु को जैव सुरक्षा मानक के अनुसार डिस्पोज किया जाना चाहिए संक्रमित पशु को सामान्य पशुओं व इनके बछड़ों से अलग रखें
जगरनाथ उच्च विद्यालय का दसवीं में पढ़ रहा छात्र दिलखुश मोबाइल वाणी पर रिकॉर्ड करते हुए बताते है कि उसने नवमी की परीक्षा पास कर ली है परंतु अब तक उसे नवमी की छात्रवृत्ति की राशि नहीं मिली है
मौसम ने बदला मिजाज मुंगेर जिला के शहरी क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्र में झमाझम बारिश से ग्रामीण क्षेत्र के सड़कों पर जल जमाव लोगों की बड़ी परेशानी पिछले तीन दिनों से टेटिया बंपर प्रखंड क्षेत्र में हो रही झमाझम बारिश और तेज हवा के कारण शुक्रवार की शाम भुना पंचायत के जगतपुरा व्रतघाट गांव के मुख्य सड़क पर 50 वर्ष पुराने पेड़ गिर जाने के कारण यातायात एवं विद्युत व्यवस्था बाधित रही। जिससे आम लोगों कों परेशानियों का सामना करना पड़ा। वही बड़ी घटना होने से टल गई बाल बाल बची बच्चियों
मुंगेर जिला के टेटिया बंपर प्रखंड के जगतपुर गांव के उदय कुमार ने बताया कि सरकार के दिए जा रहे कोई भी सुविधा का लाभ उन्हें नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि कई वर्षों से मेरा परिवार गरीबों का मार्ग झेल रहा है लेकिन सरकार के दिए जा रहे हैं सुविधा जैसे आवास योजना, राशन कार्ड या शौचालय योजना का अभी तक उन्हें लाभ नहीं मिला है।