मुंगेर जिला के टेटिया बंपर प्रखंड में पशुपालकों के लिए इन दिनों लंपी बीमारी कहर बनकर टूट पड़ा है। यूं तो लंपी बीमारी प्रखंड क्षेत्र में दस्तक दे दिया था। जिससे महौता सहित आसपास के गांवों में आधे दर्जन से अधिक गाय की मौत हुई थी, लेकिन इन सबसे विभाग बेखबर रहने से लंपी ने रौद्र रूप धारण कर लगभग पूरे प्रखंड में अपना कहर बरपा रही है। जिसके कारण एक अनुमान के तहत लगभग 10 अधिक पशुओं की मौत अबतक हो चुकी है। और मौत का सिलसिला अभी तक जारी है। जिससे पशुपालकों के बीच हताशा का माहौल है। जबकि विभाग पशुओं का टीकाकरण के लिए समय-समय पर पशु पखबाडा का आयोजन करती हैं। लेकिन पशुपालकों का आरोप है कि टीकाकरण महज कागजों में ही सिमट कर रह जाती है। पशुओं में होने वाले लंपी बीमारी के लक्षण चिकित्सक डा प्रकाश कुमार की मानें तो लंपी वायरस पशुओं में पाया जाने वाला खतरनाक वायरस है। यह परजीवी कीट,मच्छर, मक्खी के काटने, दूषित जल, दूषित चारा से होता है। पशुओं के पुरे शरीर में गांठ बन जाती है। लंपी बीमारी से एक पशु से दूसरे पशुओं में तेजी से फैलता है।