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सुजीत कुमार पाठक

बिहार राज्य के मुंगेर जिले से राजीव कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से वित्तीय जागरूकता अभियान के बिषय में भागीचक ग्राम के गायत्री देवी से बातचीत की जिसमे गायत्री जी ने बताया की ये पैसे की बचत के लिए बचे पैसों को अपने पति बच्चों से बचाकर बैंक में रखती हैं। इनका कहना है की पैसे घर पर रखने से फालतू खर्च भी हो जाते है जो की बैंक में रखने से नहीं होता है और इंट्रेस्ट भी मिलता है या हमें कभी जरुरत पड़ने पर हम इसे निकाल कर उपयोग में भी ला सकते हैं।

बिहार राज्य के मुंगेर जिले से दीपक कुमार आर्य मोबाइल वाणी के माध्यम से सुधीर मंडल जो गाँव रामधिनमंडल टोला के निवासी है,उनसे साक्षात्कार ले रहे है जिसमें सुधीर मंडल जी अपनी घटना बता रहे है। उनका कहना है कि इनके पिता-दादाजी घर में पैसा रखते थे और पैसा कभी जल भी जाता था। इसलिए अभी वे अपने पैसे को बचाकर बैंक में रखते है तथा इनके आस-पास के लोग भी पैसे बैंक में रखते है,सिर्फ जरुरत तक ही पैसा घर में रखते है।

बिहार राज्य के जिला मुंगेर से दीपक कुमार आर्य ने गौरीपुर के संतोष कुमार मंडल से अनौपचारिक तरीके से घर में पैसा रखने से क्या-क्या सामना करना पड़ता है के बारे में बातचीत किया। जिसमें संतोष जी से पूछा गया कि पैसे को बचत कर कहाँ रखते हैं ? तो संतोष जी ने जवाब देते हुए कहते हैं कि वह मजदूरी करता है और जो पैसे बचत होता है, सौ -दो सौ उसे बैंक में रखते हैं और वह पैसा कट जाता है। साथ ही कहते हैं कि घर में पैसा रखने से आवश्यक पैसा खर्च हो जाता है इसलिए पैसा बैंक में रखना चाहिए। और कहते हैं कि हमलोग मजदुर हैं बैंक में पैसा रखते हैं तो कट जाता है। बैंक में अकाउंट खोलवाने समय बोला गया था कि अकाउंट में पांच सौ से कम नहीं होना चाहिए लेकिन अकाउंट में नौ सौ होने पर भी अकाउंट से पैसा कट जाता है।

बिहार राज्य के मुंगेर जिले से दीपक कुमार आर्य मोबाइल वाणी के माध्यम से जमालपुर प्रखंड के महमदा गाँव की आंगनबाड़ी सेविका बेला कुमारी से साक्षात्कार ले रहे है जिसमें बेला कुमारी का कहना है कि जो भी पैसा इनके घर खर्च से बचता है वह उसे बैंक में रखती है।वही घर में पैसा रखने से बच्चे का मन बढ़ जाता है और वह पैसे लेकर दोस्तों के साथ बाइक लेकर कही दूर चले जाते है जिससे दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए इनका कहना है कि पैसे को बैंक,पोस्ट ऑफिस तथा किसी भी सरकारी बैंक में रखना चाहिए तथा ज्यादा पैसा है तो उसे एफडी तथा एल आई सी भी करानी चाहिए।

बिहार राज्य के जिला मुंगेर से राजीव कुमार ने जमालपुर प्रखंड के राजेश कुमार से वित्तीय जागरूकता के सम्बन्ध चल रहे अभियान, अनौपचारिक रूप से घर में पैसा क्यों नहीं रखना चाहिए के बारे में बातचीत की। जिसमें पूछा गया कि घर में पैसों को क्यों नहीं रखना चाहिए ? जिसमें राजेश जी जवाब देते हुए बताते हैं कि घर में पैसे इसलिए नहीं रखना चाहिए क्योंकि घर में पैसा रखने से घर का सदस्य के साथ मन-मुटाव होता है। जैसे पत्नी को पांच सौ का साड़ी लेना चाहिए और वह एक-दो हजार का साड़ी लेती है। जिससे मन में लगता है कि हम इतना मेहनत कर के इतना पैसा कमाते हैं और पत्नी एक ही साड़ी लेकर पैसा बर्बाद कर दी। और इस पैसा को कमाने में चार-पांच दिन लग जाता है। जिससे घर के सदस्य से मन-मुटाव हो जाता है। इसलिए राजेश जी सोचते हैं कि पैसा बैंक में रहे जिससे परिवार को पता नहीं रहता है कि उसके पास कितना पैसा है। बैंक में पैसा रखने से इंट्रेस्ट मिलती है और घर में पैसा रखने से इंट्रेस्ट नहीं मिलती है।

बिहार राज्य के मुंगेर जिले से राजीव कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से जमालपुर के निवासी पार्वती देवी से साक्षात्कार ले रहे है जिसमें पार्वती देवी का कहना है कि वह अपने जीवकोपार्जन के लिए दुकान चलाती है।वही उनका कहना है कि घर में पैसा रखने से बहुत खर्च होता है इसलिए वह अपने पैसे को बैंक में रखती है और अपने पैसे को स्वयं सहायता समूह में जमा करती है।समूह में जमा पैसे को उन्होंने अपने पति की दुर्घटना होने पर इस्तेमाल किया था ।

बिहार राज्य के मुंगेर जिले के जमालपुर प्रखंड के अहरा मुसहरी गाँव से दीपक कुमार आर्य ने आरती देवी से स्वयं सहायता समूह के विषय में खास बातचीत की। सवाल का जवाब देते हुए आरती जी ने बताया कि पहले इनके गांव में लगभग डेढ़ साल स्वयं सहायता समूह चला ,मगर उचित प्रबंधन के अभाव में वो बंद हो गया। पहले जब समूह था तब साप्ताहिक बैठक होती थी और सीएम दीदी बताती थी कितना पैसा पैसा लेना है और सूद में लगाना है ,एक रुपया सैकड़ा में। बाद में यह सब जानकारी देने वाली कोई नहीं रही। फिर आपस में लेन-देन करने लगे और अंततः समूह तोड़ दिए। सवाल का जवाब देते हुए इन्होने बताया कि अगर कोई सीएम बनाएगा ,तो ये सीएम बन सकती हैं।

बिहार राज्य के मुंगेर जिले से संजय कुमार ने मोबाईल वाणी के माध्यम से समूह यानि एसएचजी के विषय में जानकारी दी । समूह में महिला सदस्यों की संख्या दस से बारह होती है। जिसमे महिलाओं के साथ समूह की सीएम बैठक करती है। महिलाएँ इस समूह में घर की छोटी-छोटी बचत दस रूपये या पांच रूपये जमा करती हैं,जिससे उनकी आर्थिक मदद होती है। स्वयं सहायता समूह से जुड़ कर गाँव की महिलाएं की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है,जिससे गाँव की महिला बहुत आगे बढ़ रही है।उनका कहना है कि सभी समूह बना कर महिलाओं का उत्थान करें।इस तरह का समूह हर गाँव ,पंचायत और वार्ड में होना चाहिए। ताकि हर जगह की महिलाएं सबल हो सके।