बिहार राज्य के मुंगेर जिले के सुजीत कुमार पाठक ने मोबाइल वाणी के माध्यम से कुछ भूमिहीन श्रमिकों से साक्षात्कार किया। जिसमें से भेवारी के कैलू कुमार ने बताया की वो राजस्थान,रेवाड़ी में काम करते है और छठ के मौके पर घर आए हुए हैं। इनका कहना है की वहाँ के रहने वाले प्रवासी मजदूरों के अपेक्षा इनको पुरे 12 घंटे काम कराये जाते हैं और भत्ता दो या ढाई महीने बाद ही दी जाती है।सुजीत कुमार पाठक जी ने जब पूछा की अपने इसके खिलाफ आवाज नहीं उठाई तो कैलू जी ने कहा की वो अपने घर से इतने दूर वहाँ काम करने के लिए गए है न की लड़ाई करने।यदि वो वहाँ इसके लिए किसी भी तरह का आवाज उठाना चाहेंगे तो इससे वहां मारपीट भी हो सकती है और वहाँ की माहौल खराब हो सकती है क्योंकि वो वहाँ के लोकल नहीं है।साथ ही इनका ये भी कहना है की सरकार द्वारा चलाए जा रहे श्रमिक रोजगार योजना की जानकारी नहीं है तथा वो चाहते हैं की यदि उनको वहां से कम पैसे में भी यहाँ काम मिल जाएगा तो वो यहीं काम करना पसंद करेंगे क्योंकि वहाँ उनसे पुरे 12 घंटे काम कराए जाते हैं।