दोस्तों इस तरह के बाबाओं द्वारा चलाई जा रही धर्म की दुकानों पर आपका क्या मानना है, क्या आपको भी लगता है कि इन पर रोक लगाई जानी चाहिए या फिर इनको ऐसे ही चलते ही रहने देना चाहिए? या फिर हर धर्म और संप्रदाय के प्रमुखों द्वारा धर्म के वास्तविक उद्देश्यों का प्रचार प्रसार कर अंधविश्वास में पड़े लोगों को धर्म का वास्तविक मर्म समझाना चाहिए। जो भी आप इस मसले पर क्या सोचते हैं अपनी राय रिकॉर्ड करें ग्रामवाणी पर

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

लोकतंत्र का उत्सव इन चुनावों ने राजनेताओं और जनता को बहुत से सबक दिये हैं। ऐसे सबक जो केवल चुनावी राजनीति में नहीं बल्कि जीवन के हर पहलू में हमें सीखना जरूरी सा है। ये सबक आज के आज़ाद भारत के समाज को समझने के लिए बेहद जरूरी हैं।

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गौरा ओपी क्षेत्र में डायन बताकर एक महिला के साथ मारपीट

न्यूज़ परसा सारण विक्रम कुमार ने कही मोबाइल वाणी से अपनी बात खुद सुने

दिघवारा प्रखंड से अजय कुमार कि रिपोर्ट ।कोरोना महामारी की तरह महिलाओं में अंधविश्वास रूपी संक्रमण का फैलाव तेजी से ज़ारी है महिलाओं ने कोरोना महामारी कोरोना माई कह खेतो जमीनो में विधिवत पूजाई कर रहे हैं

*कोरोना वायरस बनी कोरोना* *माई! अंधविश्वास का कमाल!* मोतीपुर से राजेश कुमार के रिपोर्ट और आप सुन रहे हैं समाज की आवाज कोरोना वैश्विक महामारी बिहार के मुजफ्फरपुर में कोरोना माई के रूप में पहचान बना चुकी है! मुजफ्फरपुर जिले के सभी प्रखंडों सहित बिहार के विभिन्न ग्रामीण इलाकों से लोग बड़ी संख्या में इसे दैविक आपदा मानकर इस वायरस का महिलाएं पूजा कर रही है! ग्रामीण महिलाओं की माने तो करुणामाई चाइना से चलकर आई है देश को बर्बाद करने के लिए करुणामाई सपना में आकर बोली है इसका पूजा करने से प्रार्थना करने से लड्डू और लॉन्ग और चंदन का प्रसाद चढ़ाने से यह हिंदुस्तान छोड़ कर चली जाएगी ! इसे अंधविश्वास के तहत हजारों लाखों की संख्या में महिलाएं पूजा कर रही हैं इस पूजा और प्रार्थना को लेकर ग्रामीण इलाकों में मिष्ठान की दुकानों पर लड्डू खरीदने वाले ग्राहकों की लंबी भीड़ देखने को मिल रही है ! दुकानदारों का लॉकडाउन के बाद पहली बार बड़ी तेजी से व्यापार बढ़ने लगा है. अचानक बड़े पैमाने पर मिष्ठान के डिमांड से दुकानदारों के चेहरे पर मुस्कुराहट है । वही ग्रामीण इलाकों के दुकानदारों ने इसे एक अवसर के रूप में मानकर व्यापार करने से नहीं चूक रहे हैं। लेकिन इस अंधविश्वास पर गांव के जनप्रतिनिधि एवं प्रशासन के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं! धीरे-धीरे यह अंधविश्वास पूरे जिला और पूरे बिहार में फैलते जा रहा है । सबसे पहले आपको मोबाइल बानी सामुदायिक संवाददाता राजेश कुमार इस खबर की हर पहलू को आप तक दिखा रहा है। इस खबर को आप अधिक से अधिक लोगों तक शेयर_करें और इस तरह के अंधविश्वास को न फैलने दें। महिलाएं द्वारा जो प्रसाद रूप में पैसों की बर्बादी हो रही है। यह प्रसाद और यह पैसा अगर गरीबों को बीच खर्च हो उनके भोजन के लिए खर्च हो तो ज्यादा फायदेमंद साबित होगा। इस वैश्विक महामारी में हम उन जरूरतमंदों की मदद कर सकेंगे जो आज इस भीषण त्रासदी में दाने-दाने को मोहताज हैं । लेकिन लोग अंधविश्वास की तरफ बढ़ कर अपने पैसे की बर्बादी कर रहे है। इस अंधविश्वास को रोकने के लिए आप सभी इस न्यूज़ को अधिक से अधिक शेयर करें और लोगों से बताएं कि महज यह एक अंधविश्वास है जिससे कोरोनावायरस कभी खत्म नहीं हो सकती कोरोना वायरस को हम सामाजिक_दूरी_मास्क_का_इस्तेमाल करके बच सकते हैं । इस तरह के अंधविश्वास से कोरोनावायरस का कोई दूर-दूर तक मतलब नहीं हैं ।। समाजसेवी राजेश कुमार का देश की जनता से एवं बिहार वासियों से अपील - जागरूकता ही बचाव है! अंधविश्वास एक अभिशाप है!