कोरोना महामारी के दौरान समाज में अपूरणीय क्षति हुई है। समाज का प्रत्येक तबका इस लॉकडाउन और महामारी से कहीं न कहीं प्रभावित हुआ है। समाज पर हुए इसके प्रभाव का सामाजिक और आर्थिक पक्ष हम आए दिनों सुनते रहते हैं। मुजफ्फरपुर बैरिया के बीमार व्यक्ति के बाहर रहने पर उन्हें दवा की कमी और पति-पत्नी दोनों के संक्रमित होने पर पति की मृत्यु के बाद राशन की कमी जैसी घटनाओं को देखते हुए समाजसेवी सुधीर शुक्ला कहते हैं इन सभी घटनाओं को देखते हुए मन में एक ही सवाल उठता है, क्या हम इतने संवेदनहीन हो गये हैं कि हम अपने आस-पास के लोगों का मुसीबत में ख्याल न रख सकें। ऑडियो पर क्लिक कर पूरी जानकारी सुनें।