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फिर एक बार बिहार लॉक डाउन के तरफ बढ़ रहा है। सरकार द्वारा नाईट कर्फ्यू लगा दिया गया है। सामाजिक कार्यकर्त्ता सुरेश पांडेय कहते है कि सरकार को लॉक डाउन नहीं लगाना चाहिए क्योंकि लॉकडाउन से शिक्षा व्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा। सरकार को चाहिए की लोगों को जागरूक करें

बनकेरवा निवासी मुकेश कुमार कहते है कि वो पहले दिल्ली में कार्य करते थे ,लॉक डाउन के बाद वो वापस अपने गाँव आ गए। लॉक डाउन के कारण यहाँ भी काम नहीं मिला। अब महँगाई से लोग परेशान है। एक सही से काम नहीं ऊपर से महँगाई समस्या उत्पन्न कर रही है। पूरी खबर सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

अविनाश कुमार कहते है कि साग सब्ज़ी बहुत महँगी हो गई है। सरकार भी इस पर ध्यान नहीं दे रहे है। जब से लॉक डाउन लगा ,बेरोज़गारी सर पर सवार है। पूरी खबर सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

छोले कुलचे वाली की जुबानी सुनिए इनकी कहानी

एक बेरोजगार भुजा बेचने वाले की जुबानी सुनिए उनकी कहानी

बिहार राज्य के सारण जिला के सोनपुर प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता अजय ने राकेश से साक्षात्कार लिया जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि लॉकडाउन में वे काम की तलाश में राजस्थान गए हैं। लॉकडाउन में उनके जीवन में बहुत प्रभाव डाला बहुत ही बुरा खाना मिलता था। खर्च पानी के लिए बैंक बैलेंस का इस्तेमाल करना पड़ा। इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिला के सोनपुर प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता अजय कुमार ने सुनील कुमार यादव से साक्षात्कार लिया जिसमें उन्होंने बताया की वे राजस्थान के काम करने के लिए दिल्ली गए हैं। गांव में रोजगार नहीं मिल पा रहा था तो दिल्ली आना पड़ा। वो अपने परिवार का भरण पोषण कर सके ताकि घर का खर्चा अच्छे से चल सके। पूरी खबर सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

परसा से विकास कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रहें हैं, आंगनबाड़ियों में साफ़ सफाई बिलकुल ही नहीं है. कोरोना महामारी के कारन बंद थी जिस वजह से बचूं का आंगनबाड़ी आना बंद है. आंगनबाड़ी कर्मिय गर्भवती महिलाओं की चाट बनाने जैसे काम करती ही लेकिन साफ़ सफाई का ध्यान नहीं है.