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"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा मिर्च की फसल में लगने वाले थ्रिप्स कीट के बारे में बता रहे हैं । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ जीवदास शाहू आम के पौधों में लगने वाले रोगों का उपचार कैसे करें इसकी जानकारी दे रहे है । विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें...

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा आम की फसल में मिर्च में लीफ स्पॉट रोग का नियंत्रण कैसे करें, इसके बारे में बता रहे हैं । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा तरबूज की खेती से सम्बंधित जानकारी दे रहे हैं । विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें...

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा आम की फसल में जाला कीट का नियंत्रण कैसे करें, इसके बारे में बता रहे हैं । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

भारत सरकार की प्राईस सपोर्ट स्कीम के अंतर्गत रबी वर्ष 2023-24 रबी विपणन वर्ष 2024-25 में गेहूं, चना, मसूर व सरसों के उपार्जन के लिये ई-उपार्जन पोर्टल पर कृषकों का पंजीयन किया जा रहा है। गेहूँ फसल के पंजीयन के लिये अंतिम तिथि 6 मार्च 2024 और चना, मसूर व सरसों फसल के पंजीयन के लिये अंतिम तिथि 10 मार्च 2024 निर्धारित की गई हैं। कृषक निर्धारित 98 सहकारी समितियों व सहकारी विपणन संस्थाओं द्वारा संचालित केन्द्रों पर कार्य दिवस में पंजीयन करा सकते हैं। उप संचालक कृषि श्री जितेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि जिले के किसान एमपी ऑनलाईन, कॉमन सर्विस सेंटर, लोक सेवा केन्द्र, सायबर कैफे और स्वयं के मोबाईल अथवा कम्प्यूटर से भी निर्धारित लिंक पर जाकर अपनी फसल का पंजीयन करा सकते हैं।

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा पशुओं को संतुलित आहार देने और समय- समय पर डॉक्टरी सलाह लेने के बारे में बता रहे हैं । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

उप संचालक कृषि श्री जितेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि राज्य शासन द्वारा रवि विपण वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के लिये किसानों के पंजीयन की अवधि में वृध्दि की गई है। अब शेष रहे किसान आगामी 6 मार्च 2024 तक समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के लिये पंजीयन करा सकते हैं।

पिछले 10 सालों में गेहूं की एसपी में महज ₹800 की वृद्धि हुई है वहीं धान में 823 की वृद्धि हुई है सरकार की तरफ से 24 फसलों को ही एसपी में शामिल किया गया है जबकि इसका बड़ा हिस्सा धन और गेहूं के हिस्से में जाता है यह हाल तब है जब महज कुछ प्रतिशत बड़े किसानों को ही अपनी फसल एसपी पर बेच पाते हैं एक और आंकड़ा है जो इसकी वास्तविक स्थिति को बेहतर ढंग से बयां करते हैं 2013-14 में एक आए परिवार की मासिक 6426 थी व्यक्ति 2018-19 में यह बढ़कर 10218 रुपए हो गई है इसके बाद से सरकार ने आंकड़े जारी करना ही बंद कर दिया इससे पता चलता है कि मुश्किल है कि वास्तविक स्थिति क्या है। आज हमारे साथ लोकंतात्रिक समाजवादी पार्टी की महिमा प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष शिवा श्रीवास्तव ताई के साथ विशेष बातचीत कर जानकारी साझा की।