शुरुआती दौर में मनुष्य प्रकृति के वास्तविक रुप के प्रति आकृषित होता है। उसे निस्वार्थ भावना से संजोता है। परन्तु जब तक उसे अपने आर्य से नहीं जोड़ता तब तक उसके प्रति समर्पण का भाव कमतर होता है।

प्राकृतिक सौंदर्यता जीवन कल के विभिन्न परिस्थितियों पर आश्रित है।

पर्यावरण को गति ही आनंदित करती है जैसे लहराते खेत खलियान, झूमता बारिश, सरसरती हवाये, खुशनुमा बाग बगीचे इत्यादि जो हमें काल्पनिक दुनिया से वास्तविक दुनिया का अनुभूति करती हे। जो हर लोगों को आनंदित करती है।

आज के समय पर्यावरण नाम समर्पित है इसे कहना अनुचित नही होगा। प्रकृति ही जान और जहान है।

प्रकृति कभी किसी के भाव से नहीं चलता, इसका संरक्षण बहुत जरूरी है। किसी भी वस्तु का अत्यधिक होना या उसके पीछे भागना नुकसान देह है। प्यार और भावना हमे पर्यावरण से जोड़ता जरूर है, पर उसके प्रति झुकाव होना जरूरी है।

विश्व मंच पर भारत का अभिन स्थान होने का एक प्रमुख कारण ये हे कि हम प्रकृति को जीवन में अमूल्य स्थान देते हे।

बिना अनुमति का सी सी एल द्वारा प्रदूषण फैलाने का आरोप आमजन ट्रेड यूनियन नेताओं तथा सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा लगातार लगाया जाता रहा है।

इस कार्यक्रम में हम जानेंगे जल संरक्षण और ऊर्जा बचत से जुड़ी सरकारी योजनाओं के बारे में। साथ ही, यह कार्यक्रम बताएगा कि आप इन योजनाओं का लाभ कैसे उठा सकते हैं और अपने गाँव के विकास में कैसे योगदान दे सकते हैं। स्वच्छ पानी और सतत ऊर्जा के महत्व को समझते हुए, हम एक बेहतर कल की ओर कदम बढ़ाएंगे। क्या जल सरंक्षण की योजनाओं के बारे में आपने भी सुना है, क्या आप इन योजनाओं का लाभ आपने भी उठाया है, क्या आपके गाँव में जल सरंक्षण की कोई प्रेरणादायी कहानी है ?

यह एपिसोड बताता है कि हम अपने रोज़मर्रा के जीवन में कैसे छोटे-छोटे बदलाव करके बिजली और पानी बचा सकते हैं। इससे न सिर्फ हमारा खर्च कम होगा, बल्कि हम अपनी धरती की भी रक्षा कर पाएंगे। आसान तरीकों से हम सभी मिलकर पर्यावरण को बचाने में मदद कर सकते हैं।क्या आपने भी अपनी ज़िन्दगी में कुछ ऐसे बदलाव किए हैं? अगर हाँ, तो हमें बताइए।

इस एपिसोड के मुख्य विषय, वर्षा जल संग्रहण, को दर्शाता है। "बूंद-बूंद से सागर" मुहावरा छोटे प्रयासों से बड़े परिणाम प्राप्त करने की भावना को व्यक्त करता है। यह श्रोताओं को प्रेरित करता है कि वर्षा की हर बूंद महत्वपूर्ण है और उसका संग्रहण करके हम बड़े बदलाव ला सकते हैं। क्या आप वर्षा जल को इक्कट्ठा करने और सिंचाई से जुडी किसी रणनीति को अपनाना चाहेंगे? और क्या आपके समुदाय में भी ऐसी कहानियाँ हैं जहाँ लोगों ने इन उपायों का इस्तेमाल करके चुनौतियों का सामना किया है?