झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला से सोभा कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहती है की, इन्होने हुनरबाज़ कार्यक्रम से बहुत कुछ सीखा है। जैसे फेरबदल कर के हम अपनी ज़िंदगी आसान कर सकते है, इनके अंदर जो डर ता वो अब दूर हो गया है, कुछ ख़राब कपड़ो को कैसे हम इस्तेमाल कर सकते है और अपने लक्ष्य को दबा कर नहीं रखना चाहिए।

झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला से निशा कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहती है की, इन्होने घेरलू चीजों का इस्तेमाल कर के काजल बनाया है। जैसे तेल, दिया, बाती और घी का इस्तेमाल कर के बना है । दिया को जला कर किसी बर्तन से ढक देते है। बर्तन के ऊपर धुवा बैठ जाता है, फिर उसमे घी मिला कर काजल बना लिया जाता है

झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला से मनीषा कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहती है की, इन्होने घेरलू चीजों का इस्तेमाल कर के काजल बनाया है। जैसे तेल, दिया, बाती और घी का इस्तेमाल कर के बना है । दिया को जला कर किसी बर्तन से ढक देते है। बर्तन के ऊपर धुवा बैठ जाता है, फिर उसमे घी मिला कर काजल बना लिया जाता है

झारखण्ड राज्य के बोकारो ज़िला से सपना कुमारी ,बोकारो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती है कि वो गाँव के आसपास के लोगों से बातचीत कर उनके बीमार होने का कारण पता लगाया। मच्छर काटने से ही लोग बीमार पड़ रहे है ,इसपर सोच विचार कर इन्होने घरेलु चीज़ों जैसे प्याज़ ,लहसुन ,निम्बू ,दीया ,करंज तेल ,नीम पत्ता और सूती का बाती का प्रयोग कर मच्छर भगाने का दवा तैयार की है

झारखण्ड राज्य के बोकारो से सपना कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रहीं हैं कि, इन्होने अपनी दोस्त से काजल बनाने का तरीका सीखा है और उस तरीका को बता भी रहीं हैं

झारखण्ड राज्य के बोकारो ज़िला से निशा कुमारी ,बोकारो मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि वो अपनी सहेली से सिलाई करना सीखी है। फटे वस्त्र को सिल कर ठीक करती है और छोटे पुराने वस्त्र को सिलाई कर के नया रूप देती है

झारखण्ड राज्य के बोकारो ज़िला के पेटरवार से श्वेता मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रहीं हैं कि, इन्होने अपने दोस्तों से काफी सारे हुनर सीखे हैं जैसे की पुराने कपड़ों से दरी बनाना ,रंगों से दिवार पर चित्र बना कर सजाना आदि

झारखण्ड राज्य के बोकारो ज़िला के पेटरवार प्रखंड से श्वेता कुमारी ,बोकारो मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि उन्होंने अपनी सहेली से पुराने कपड़ों को उपयोग में लाना सीखी है। जैसे पुराने कपड़ों से दरी बनाना सीखा। पुराने दुपट्टे को रंग कलाकारी कर के नया रूप दी। घरों में भी रंग का प्रयोग कर के नया नया वस्तु बनाई। दिवार में रंग का इस्तेमाल कर भगवन का चित्र भी बनाया

झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला से शोभा कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहती है की, पुराने दुपट्टे को नया डिजाईन दिया जा सकता है। सबसे पहले एक दुपट्टे को मोड़ कर उसे धागे से बांध देना है, एक बड़ा कटोरे में आधा कटोरा पानी लेना है और फिर उसमे हल्दी दाल कर उसे उबालना है। जब पानी अच्छी तरह से उबल जाए, तो उसमे दुपट्टे को डाल देना है। इस तरह से दुपट्टे में हल्दी का कलर आ जाएगा।

झारखण्ड राज्य के जिला बोकारो से सुमन कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि उन्होंने घरेलु सामन का उपयोग कर के अपने पुराने दुपट्टे को नया बनाया। इसके लिए उन्होंने अपने पुराने दुप्पट्टे को थोड़ी थोड़ी दुरी पर धागे से बाँध दिया। फिर एक बर्तन में हल्दी को पानी में कुछ देर उबाला और उस पानी में दुपट्टे को डाल दिया।कुछ समय बाद जब दुपट्टे को खोला तो वह एक नया दुपट्टा बन गया और उस पर पर नयी डिज़ाइन भी बन गयी।