मदन लाल चौहान,जिला धनबाद के बाघमारा प्रखंड से मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि धनबाद चंद्रपुरा रेलवे लाइन बंद होने से सरकार को करोड़ो का नुकसान हुआ है।वही सरकार के इस निर्णय से जनता मायूस देखि जा रही है.धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन बंद होने से स्टेशन और स्टेशन के आस-पास जो पहले गुलजार हुआ करता था लेकिन अब स्थानीय बेरोजगारों की जीविकोपार्जन पर प्रश्न चिन्ह लगता दिखाई पड़ रहा है।सरकार को रेल लाइन बंद नहीं करके कोई वैकल्पिक व्यवस्था की सोच रखनी चाहिए थी।
झारखण्ड के धनबाद मोहदा से बीरबल महतो जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि धनबाद चंद्रपुरा बंद होने से आम लोगों के साथ साथ व्यवसायों ,दुकानदारों की तकलीफें बढ़ गई है। 124 वर्ष पुराना रेल लेने 15 जून से बंद हो जाने पर बाजार जो 10-15 किलोमीटर तक फैली है ,वहां के जनजीवन पर लाखों लोगों पर बुरा असर पड़ा है। जमीन के निचे आग लगने के कारण सरकार ने इस लाइन को बंद कर दिया है परन्तु वास्तविकता कुछ और ही है। यह बीसीसीएल व डीजी एमएस की सोची समझी साजिश है।सरकार ने धनबाद चंद्रपुरा रेल लाइन को बंद करने में जल्दबाजी की है जिससे हर वर्ग के लोग प्रभावित हुए है। धनबाद चंद्रपुरा रेल लाइन बंद करना गलत है व जनता के साथ धोका है। सरकार के इस निर्णय से लोगों के दिलो में भी आग लगने लगी है। केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ आक्रोश व्याप्त हो रहा है
जिला धनबाद से बीरबल महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि झारखण्ड में भरस्टाचार चरम सीमा पर पहुँच गया है,कोई भी काम बिना घुस के नहीं हो रहे है।इस बात को मुख्यमंत्री तक को पता है कि कोई भी काम घुस के बिना नहीं हो सकता है.इसलिए सबसे पहले इसपर रोक लगाना चाहिए क्योकि जबतक भरस्टाचार पर रोक नहीं लगेगी तबतक राज्य का विकास संभव नहीं है।वही भरस्टाचार सभी सरकारी क्षेत्र में देखा जाता है फिर चाहे वह मनरेगा,जाति प्रमाण पत्र बनाने के विषय में या फिर रोड के विकास की बाते हो,किसी भी विकास में कुछ भी कार्य करवाने में घुस चाहिए होता है.जिसकारण भरस्टाचार चरम सीमा पर पहुँच रही है।इसलिए सरकार सबसे पहले भरस्टाचार को रोकने का काम करे।
जिला धनबाद बाघमारा प्रखंड से राधू राय मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार आज चरम सिमा को पार कर रहा है।आवेदक को अपनी किसी भी कार्य को कराने में पहले घुस देना पड़ता है।यदि कोई घुस नहीं देता है तो उनकी फाइल दफ्तरों में पड़ी रह जाती है।और आवेदक दफ्तर के चक्कर लगाते थक जातें हैं।अंत में जब अधिकारी को घुस देते हैं तभी उनकी फाइल आगे बढ़ाई जाती है।आज सरकार के हर विभाग में भ्रष्टाचार फैला हुआ है। सरकार के हर योजनाओं को पूरा करने में रिस्वत की मांग की जाती है। ऊपर के अधिकारी पदाधिकारी इस भ्रष्टाचार से भली भाति परिचित होने के बाद भी इस पर रोक लगाने की पहल नहीं करते हैं। जिसके कारण आज भ्रष्टाचार महज शिस्टाचार बन कर रह गया है।इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे-ऊपरी आय पर विश्वास, अच्छे जीवन व्यतीत करने की लालसा और दहेज़ भी इसके एक मुख्य कारण हो सकते हैं।
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