जेंडर हिंसा के खिलाफ चल रहे हमारे इस कार्यक्रम बदलाव का आगाज़ में आज सुनिए यशस्विनी जी को, जो जेंडर आधारित हिंसा पर कानूनी मामलों की जानकार हैं। यशस्विनी जी का कहना है कि अगर हिंसा है तो उसे करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का कड़ा प्रावधान भी है. बस जरूरत है तो... कदम बढ़ाने की!

दोस्तों, अगर गौर किया जाए तो हमारे आसपास होने वाली छोटी—बड़ी लड़ाईयों, झगड़ों, बहस और नाखुशी के पीछे की वजह अधिकारों का हनन है। महिला है तो उससे आत्मनिर्भर बनने का अधिकार छीन लिया जाता है, बच्चा है तो पढने का, किसी से जाति के नाम पर तो किसी से गरीबी के नाम पर अधिकारों का हनन जारी है और यही है फसाद की वजह। आज जब हम 10 दिसंबर को मानव अधिकार दिवस मना रहे हैं तो फिर एक बार इस विषय पर बात करना जरूरी हो जाता है

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कोई भी जागरूक नागरिक यह जानता है कि लोकतंत्र में वोट की क्‍या कीमत है. वोट का अधिकार ही वह बुनियादी अधिकार है, जो लोकतंत्र में हमारी हिस्‍सेदारी और हमारे नागरिक अधिकारों को सुनिश्चित करता है। दुनिया भर की महिलाओं को यह अधिकार लंबी लड़ाई के बाद हासिल हुआ है।

भारत में पहली बार अग्रेजों की सरकार ने 1931 में में भी जातिगत जनगणना कराई थी और उसी के आधार पर आजतक जाती गत आरक्षण दिया जाता रहा है। आधुनिक आजाद भारत में समाजिक आर्थिक और जनसंख्या का पता लगाने के लिए अनेकों बार जनगणना तो होती रही है लेकिन जाति के आधार पर नागरिकों की गिनती आज तक नहीं हुई है।

लोकसभा में महिला आरक्षण अधिनियम प्रपेश किये जाने पर जिला परिषद सदस्य अंजली कुमारी ने प्रधानमंत्री को बहुत बहुत बधाई दी हैं!उन्होंने कहा कि इसके पास होने पर नारी शक्ति के साथ हमारा लोकतंत्र और मजबूत होगा। यह विधेयक लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं की भागीदारी का विस्तार करने का एक ऐतिहासिक फैसला होने वाला है। अब लगता है महिला आरक्षण बिल पास हो जाएगी। इस बिल के पास होने से एक सामान्य परिवार की महिला भी संसद के सीढी तक चढ़ पाएगी। वही देश क विकास में अपनी महत्वपूर्ण योगदान देने का कार्य करेगी।उन्होने कहा कि मोदी है,तो सब कुछ मुमकिन है!उनके द्वारा चिर प्रतीक्षित फैसले का स्वागत करते हुए देश की समस्त माताओं, बहनों और बेटियों को "नारी शक्ति वंदन अधिनियम" की बहुत-बहुत बधाई दी गई। उन्होंने बताया की मुझे उम्मीद हैं की दोनों सदनों मे महिला आरक्षण बिल पास होकर जल्द ही कानून का रूप लेगी!इस ऐतिहासिक कार्य के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं भाजपा सरकार को देश की सभी महिलाओं क़ी ओर से हार्दिक बधाई हैं!

बीते अगस्त की आखिरी शाम को खबर आई कि सरकार सितंबर महीने की 18-22 तारीख को संसद के विशेष सत्र का आयोजन करेगी, संसदीय कार्य मंत्री ने घोषणा की, लेकिन इस विशेष सत्र का एजेंडा क्या है वह नहीं बताया। विशेष सत्र के आयोजन की खबर के बाद से मीडिया से लेकर राजनीति के हर हल्के में कानाफूसी है कि सरकार ये कर सकती है, वो कर सकती है लेकिन पुख्ता तौर पर कोई भी जानकारी किसी के पास नहीं है कि सरकार क्या करने जा रही है।

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