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दोस्तों, मोबाइलवाणी के अभियान क्योंकि जिंदगी जरूरी है में इस बार हम इसी मसले पर बात कर रहे हैं, जहां आपका अनुभव और राय दोनों बहुत जरूरी हैं. इसलिए हमें बताएं कि आपके क्षेत्र में बच्चों को साफ पानी किस तरह से उपलब्ध हो रहा है? क्या इसमें पंचायत, आंगनबाडी केन्द्र आदि मदद कर रहे हैं?आप अपने परिवार में बच्चों को साफ पानी कैसे उपलब्ध करवाते हैं? अगर गर्मियों में बच्चों को दूषित पानी के कारण पेचिस, दस्त, उल्टी और पेट संबंधी बीमारियां होती हैं, तो ऐसे में आप क्या करते हैं? क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों से बच्चों का इलाज संभव है या फिर इलाज के लिए दूसरे शहर जाना पड रहा है? जो बच्चे स्कूल जा रहे हैं, क्या उन्हें वहां पीने का साफ पानी मिल रहा है? अगर नहीं तो वे कैसे पानी का इंतजाम करते हैं?

बिहार राज्य के मधुबनी जिला के खजौली प्रखंड से रामाशीष ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि पूर्व मुखिया ने पटना उच्च न्यायालय में अवमानना का केस दर्ज किया है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

हमारे देश में हर एक दिन की अपनी खास बात और महत्व है। जहां एक दिन किसी दिन को हम किसी की जयंती के रूप में मनाते हैं, तो किसी दिन को बेहद ही खुशी से। इसी कड़ी में 24 अप्रैल का दिन भी बेहद खास है।इस दिन पंचायतो में विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन किया जाता है जो पंचायत की उपलब्धियों और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में उनके योगदान को उजागर करते हैं। यह दिन 17 जून 1992 को संविधान में 73वें संशोधन के पारित होने और 24 अप्रैल 1993 को कानून लागू होने की याद में मनाया जाता है। पंचायती राज व्यवस्था का जनक लॉर्ड रिपन को माना जाता है अगर देश में किसी गांव में कोई दिक्कत है या उस गांव की हालत खराब है, तो उस गांव की इस समस्या को दूर करने और उसे सशक्त एवं विकसित बनाने के लिए ग्राम पंचायत ही उचित कदम उठाती है। तो आइये दोस्तों ,इस राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर हम सभी पंचायत के नियमों का पालन करे और पंचायती राज व्यवस्था का हिस्सा बन कर पंचायत के विकास में योगदान दे । मोबाइल वाणी के पुरे परिवार की और से आप सभी को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

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मधेपुरा में जिला परिषद अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के विरुद्ध लगाए गए अविश्वास प्रस्ताव शुक्रवार को खारिज हो गया। अविश्वास प्रस्ताव को लेकर किए गए मत विभाजन में मात्र 13 सदस्यों ने ही भाग लिया। इसमें से मात्र एक मत ही पक्ष में पड़े। जबकि 12 मत प्रस्ताव के विपक्ष में पड़ा। इस तरह जिला परिषद अध्यक्ष मंजू देवी की कुर्सी बरकरार रही। वहीं उपाध्यक्ष रघुनंदन दास के विरुद्ध लगे अविश्वास प्रस्ताव भी खारिज हो गया। प्रस्ताव के पक्ष में एक मत और विरोध में 12 मत पड़े। फलाफल उपाध्यक्ष की भी कुर्सी बरकरार रही। अविश्वास प्रस्ताव को लेकर शुक्रवार को जिला मुख्यालय स्थित झल्लू बाबू सभागार में बैठक बुलाई गई। बैठक की अध्यक्षता डीएम विजय प्रकाश मीणा ने की। लगभग एक घंटे तक चली बैठक में अविश्वास प्रस्ताव के लिए वोटिंग कराई गई। जिसमें कुल 28 में से मात्र 13 सदस्य ही बैठक में शामिल हुए। अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो जाने के बाद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष खेमे में जीत की खुशी देखी गई। वहीं विरोधी खेमे में मायूसी छायी रही। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष क3 बैठक हॉल से निकलते ही समर्थकों ने दोनों को फूल माला से लाद दिया। इस दौरान लोगों ने आपस में अबीर-गुलाल लगाकर जश्न मनाया। बता दें कि मधेपुरा में जिला परिषद के कुल 23 सदस्य हैं। जिसमें से आठ सदस्यों ने जिला परिषद अध्यक्ष मंजू देवी के खिलाफ व 5 सदस्यों ने उपाध्यक्ष रघुनंदन दास के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था। बैठक में मात्र 13 सदस्य ही उपस्थित हुए। जिसमें से केवल एक सदस्य ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। जबकि 12 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव के विपक्ष में वोट दिया। अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के बाद जिला परिषद अध्यक्ष मंजू देवी ने कहा कि मेरी पहली प्राथमिकता क्षेत्र का विकास रहा है। सच्चाई की हमेशा जीत होती है। कुछ देर के लिए परेशानी जरूर होती है। कहा कि हम हमेशा जिला परिषद सदस्यों के मान-सम्मान के लिए तत्पर रही हूं। उन्होंने कहा कि जिलेभर में कई विकास की योजनाएं चल रही है। अब विकास में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होगी।

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