मौनी अमावस्या के साथ ही पांच दिवसीय अरेराज का वसन्त पंचमी मेले का आगाज शुक्रवार को हो गया। वाल्मीकि नगर त्रिवेणी सहित विभिन्न नदियों में मौन व्रत धारण कर डुबकी लगा जलबोझी कर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का जनसैलाब अरेराज में उमड़ पड़ा। मन्दिर प्रबंधन की ओर से भीड़ को नियंत्रित करने के लिए श्रद्धालुओ को अरघा के माध्यम से जलाभिषेक की सुविधा प्रदान की गई। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मन्दिर में तैनात सुरक्षाकर्मी व मन्दिर कर्मचारियों की सक्रियता से भीड़ को नियंत्रित किया गया। मौनी अमावस्या के साथ ही बाबा की नगरी तीर्थ यात्रियों से गुलजार होने लगी है। सम्पूर्ण भारत वर्ष में एक मात्र अरेराज सोमेश्वरधाम ही है जहां वसन्तपंचमी मेले के अवसर पर कावड़ यात्रा की आध्यात्मिक प्रथा आदिकाल से ही चली आरही है। मौनी अमावस्या के दिन नासिक, हरिद्वार,ऋषिकेश, अयोध्या, प्रयाग, बक्सर, पहलेजा, गण्डक त्रिवेणी, आदि संगम से मौन व्रत रख डुबकी लगा जलबोझी कर बाबा सोमेश्वरनाथ का जलाभिषेक श्रद्धालु करते हैं। पांच दिवसीय मेले को सफल बनाने को लेकर लोहे के बनाये गए बैरिकेडिंग के माध्यम से महिला पुरुष शिवभक्तों को अलग अलग प्रवेश द्वार से जलाभिषेक की सुविधा प्रदान की गई।