शहरी क्षेत्र को रौशनी से चकाचक करने की योजना पूरी तरह धरातल पर नहीं उतर पायी है। शहर में विभिन्न चरणों में स्ट्रीट लाइट लगाये गये। लेकिन घटिया क्वालिटी व देखरेख के अभाव में अधिकांश असमय ही खराब हो गये। आज भी शहर के कई गली-मोहल्ले में लगी करीब 15 सौ स्ट्रीट लाइट खराब पड़ी है। ईएसएसएल कंपनी को लगानी थी लाइट सरकार की ओर से नगर निकाय क्षेत्र में ईएसएलएल एजेंसी को लाइट लगाने का जिम्मा दिया गया। एजेंसी की ओर से शहर में एलईडी लाइट लगाने का काम आधा-अधूरा किया गया। पांच हजार से अधिक बिजली के पोल पर स्ट्रीट लाइट लगाये गये। लेकिन लगाने के कुछ दिन बाद ही कई जगहों पर एलईडी लाइट बूझ गया। जिसके बाद इनको बदलने या मरम्मत का काम नहीं हो सका।