शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों और कर्मियों के लिए आवास बनेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विज्ञान व प्रावैधिकी विभाग के सहायक प्राध्यापकों, व्याख्याताओं को नियुक्ति पत्र वितरण समारोह के दौरान यह निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षक यदि बाहर से आएंगे तो पढ़ाने में परेशानी होगी। इसीलिए उनके रहने की व्यवस्था वहीं होनी चाहिए। इससे कई तरह की समस्याएं दूर होंगी। उन्होंने छात्रों के लिए हॉस्टल की भी सुविधा उपलब्ध कराने को कहा। यही नहीं मुख्यमंत्री ने विभाग का नाम बदलकर विज्ञान, प्रावैधिकी व तकनीकी शिक्षा विभाग करने की भी घोषणा की। कहा कि यह मौजूदा परिवेश में अधिक व्यावहारिक और सामयिक होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने इन संस्थानों में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित की हैं। ये सीटें किसी सूरत में दूसरों को नहीं दी जाएंगी। रिक्त रहने पर भी दूसरों को आवंटित नहीं होंगी। हमने स्पष्ट कर दिया है कि इसका कड़ाई से अनुपालन होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम बिहार के लड़कों को बिहार से बाहर पढ़ाई करते देखते थे, तभी तय किया था कि बिहार में भी बेहतर इंजीनियर कॉलेज खोलेंगे। उसी समय हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने की योजना पर काम शुरू किया। आज हम अपने लक्ष्य में सफल हैं। आज सभी जिलों में न केवल इंजीनियर कॉलेज खुल चुके हैं, बल्कि 37 जिलों में भवन भी तैयार हैं। बक्सर में इसका निर्माण चल रहा है।
