शहरी क्षेत्र से बारिश के पानी की निकासी के लिए बनायी गयी स्टॉर्म ड्रेनेज प्लान ठंडे बस्ते में पड़ी है। बुडको के द्वारा 1450 करोड़ रुपये की परियोजना तैयार कर पटना मुख्यालय स्वीकृति के लिए भेजा गया था। वर्ष 21 में भेजी गयी यह परियोजना आज भी मुख्यालय में स्वीकृति के इंतजार में पड़ी है। जिससे इस योजना को धरातल पर उतरने में अभी इंतजार करना पड़ेगा। स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज प्लान के तहत शहरी क्षेत्र के वैसे मोहल्ले जहां बरसात के दिनों में सड़क लबालब भर जाता है। घरों के अंदर तक बारिश का पानी प्रवेश कर जाता है। जिससे मोहल्लेवासियों को दूसरे जगह शिफ्ट करना पड़ता है। इसके अलावा जो घर से दूसरे जगह शिफ्ट नहीं कर पाये वे किसी तरह बरसात के पानी के बीच रहने को विवश होते हैं। जिससे सांप व बिच्छू का भय सताता रहता है। इसके बावजूद यह योजना आज भी खटाई में पड़ी है। इस योजना के तहत जलजमाव वाले मोहल्ले से ड्रेनेज के जरिए जल की निकासी कर इसका ट्रीटमेंट कर मोतीझील,कररिया मन व धनौती नदी में गिराने की योजना बनी थी। बताया जाता है कि परियोजना लागत अधिक होने के कारण मुख्यालय के द्वारा इसे छोटे छोटे एस्टीमेट में बनाकर सुपुर्द करना था। परियोजना निदेशक रेयान हैदर ने बताया कि इस परियोजना की स्वीकृति अभी नहीं मिल पायी है।
